हिमाचल में तबाही: मंदिर ढहने से 9 मरे; दो दिन में 30 मौतें
हिमाचल प्रदेश में सोमवार को भारी बारिश के बीच अलग-अलग घटनाओं में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई। हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के एक गांव में बादल फटने से एक ही परिवार के सात सदस्यों की मौत हो गई। जबकि भारी बारिश के बीच शिमला में एक शिव मंदिर के ढहने से 9 लोगों की मौत हो गई। मंदिर में राहत और बचाव कार्य किया जा रहा है। फँसे लोगों को निकालने का प्रयास जारी है। रविवार रात से अब तक कम से कम 30 लोगों की मौत हो चुकी है।
मुख्यमंत्री शुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि स्थानीय प्रशासन ढहे मंदिर का मलबा हटाने और फंसे होने की आशंका वाले लोगों को बचाने के लिए काम कर रहा है।
प्रलय रूपी बारिश के कारण शिमला में समरहिल के समीप शिव मंदिर के पास भूस्खलन हुआ है।जिससे काफी लोग दब गए हैं।
— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) August 14, 2023
कुछ लोगों की दुःखद मृत्यु हुई है ।
मैं खुद घटनास्थल पर मौजूद हूं । युद्ध स्तर पर बचाव कार्य हो रहा है।
मलबे के नीचे दबे लोगों को बचाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं । pic.twitter.com/A3gQ0wLpeJ
समर हिल इलाके में मंदिर में भूस्खलन में दर्जनों लोगों के फंसे होने की आशंका है और पुलिस और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के अधिकारी बचाव अभियान चला रहे हैं। सावन के मौके पर पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालु जुटे थे। एक अधिकारी के मुताबिक, घटना के वक्त करीब 50 लोग जमा थे।
इससे कुछ देर पहले मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया था, "शिमला से दुखद खबर सामने आई है, जहां भारी बारिश के कारण समर हिल में 'शिव मंदिर' ढह गया। अब तक नौ शव निकाले जा चुके हैं। स्थानीय प्रशासन उन लोगों को बचाने के लिए मलबे को हटाने के लिए तत्परता से काम कर रहा है जो अभी भी फंसे हो सकते हैं।"
मुख्यमंत्री ने कहा है, 'हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर त्रासदी हुई है, पिछले 48 घंटों से लगातार बारिश हो रही है। राज्य के विभिन्न हिस्सों से बादल फटने और भूस्खलन की खबरें सामने आई हैं, जिससे बहुमूल्य जान-माल का नुकसान हुआ है। मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि वे फिसलन वाले क्षेत्रों से बचें और जल निकायों से दूर रहें।'
Again tragedy has befallen Himachal Pradesh, with continuous rainfall over the past 48 hours.
— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) August 14, 2023
Reports of cloudbursts and landslides have emerged from various parts of the state resulting in loss of precious lives and property.
I urge the people to avoid areas prone to… pic.twitter.com/EQAWn3kqVd
उधर एक अन्य घटना में कई लोगों के बहने की ख़बर है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि सोलन के जादोन गांव में बादल फटने से कम से कम सात लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य लापता हो गए। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, दो घर और एक गौशाला भी बह गए।
लगभग 55 घंटों तक लगातार बारिश ने राज्य में कहर बरपाया क्योंकि बाढ़, भूस्खलन और पेड़ गिरने से मंडी, सिरमौर, शिमला, हमीरपुर, बिलासपुर और सोलन में कई घर क्षतिग्रस्त हो गए। कम से कम एक दर्जन वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गये। कथित तौर पर कई घर बिजली और पानी के बिना हैं।
राज्य भर में कालका-शिमला, चंडीगढ़-मनाली, शिमला-धर्मशाला और पांवटा-शिलाई राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 800 से अधिक सड़कें बंद हैं, जिससे 2,000 से अधिक बस मार्ग प्रभावित हुए हैं।
मौसम विभाग ने ब्यास, पोंग बांध, रंजीत सागर और सतलुज नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों के लिए एक चेतावनी जारी की, जिसमें बादल फटने जैसी घटनाओं की चेतावनी दी गई। मंगलवार तक नौ जिलों में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है।
भारी बारिश के बीच छात्रों की सुरक्षा के मद्देनज़र पहाड़ी राज्य में सभी शैक्षणिक संस्थान सोमवार को बंद रहेंगे। राज्य के शिक्षा विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर जानकारी दी कि 14 अगस्त को होने वाली बीएड परीक्षाओं सहित पोस्ट ग्रेजुएट कक्षाओं की सभी परीक्षाएँ रद्द कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि उन्होंने नुक़सान और तबाही पर प्रतिक्रिया के लिए राज्य के सभी जिला कलेक्टरों से बात की है।
मुख्यमंत्री ने भारी बारिश के मद्देनज़र मुख्य सचिव, गृह सचिव के साथ-साथ सभी डीसी को स्थिति पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रशासनिक अमला सतर्क रहे और सड़क, बिजली और पानी की सुचारू व्यवस्था बनाए रखें।