कांग्रेस सांसद शशि थरूर लड़ेंगे कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव
केरल से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ेंगे। थरूर ने अपने प्रतिनिधि को कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के पास फॉर्म लेने के लिए भेजा है। बताना होगा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में नामांकन 24 सितंबर से 30 सितंबर तक होने हैं। 8 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। एक से ज्यादा उम्मीदवार होने की सूरत में 17 अक्टूबर को मत डाले जाएंगे।
19 अक्टूबर को मतों की गिनती होगी और उसी दिन चुनाव नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे।
बीते दिनों में कई राज्यों की कांग्रेस कमेटियों ने राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने के पक्ष में प्रस्ताव पास किया था लेकिन अब यह साफ हो गया है कि राहुल गांधी चुनाव नहीं लड़ेंगे और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा शशि थरूर भी चुनाव मैदान में उतरेंगे। पंजाब से कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी चुनाव मैदान में उतर सकते हैं।
ऐसे में देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल कांग्रेस में अध्यक्ष पद का चुनाव बेहद रोमांचक हो सकता है और दो दशक बाद कांग्रेस को गांधी परिवार से बाहर का कोई अध्यक्ष मिल सकता है।
शशि थरूर ने कुछ दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। मुलाकात के दौरान सोनिया गांधी ने शशि थरूर से कहा कि वह कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में पूरी तरह तटस्थ रहेंगी। शशि थरूर ने उदयपुर चिंतन शिविर के बाद सामने आए उदयपुर संकल्प का भी जोरदार समर्थन किया था।
थरूर ने पिछले महीने एक मलयालम पत्रिका में लेख लिखकर कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि कांग्रेस में फैसला लेने वाली सर्वोच्च कमेटी सीडब्ल्यूसी में भी एक दर्जन पदों के लिए चुनाव की घोषणा करनी चाहिए।
G-23 में हैं शशि थरूर
शशि थरूर कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं के गुट G-23 में शामिल हैं। G-23 गुट ने साल 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में बड़े बदलाव किए जाने और अध्यक्ष का चुनाव कराए जाने की मांग की थी। इस गुट के प्रमुख चेहरे गुलाम नबी आजाद पार्टी छोड़ चुके हैं और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी उनके निशाने पर हैं।
उम्मीदवारों पर टिप्पणी न करें
इस बीच, कांग्रेस के कम्युनिकेशन विभाग के महासचिव जयराम रमेश ने कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ताओं और कम्युनिकेशन विभाग के पदाधिकारियों से अपील की है कि वे कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में खड़े होने वाले किसी भी उम्मीदवार को लेकर किसी तरह की टिप्पणी ना करें। जयराम रमेश का यह बयान कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ की उस टिप्पणी के संदर्भ में आया है जिसमें गौरव ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और केरल से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर पर हमला बोला था।
क्या कहा था गौरव ने?
गौरव वल्लभ ने कहा था कि एक ओर अशोक गहलोत हैं, जो तीन बार मुख्यमंत्री रहे हैं, केंद्र सरकार में मंत्री रहे हैं, पांच बार सांसद, पांच बार विधायक रहे हैं, जिन्होंने सीधे मुकाबले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को हराया है और 45 साल के राजनीतिक कैरियर में उन पर कोई दाग नहीं है। जबकि दूसरी ओर शशि थरूर हैं जिनका पिछले 8 सालों में सिर्फ एक बड़ा योगदान पार्टी के लिए है कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को उस वक्त खत भेजा था जिस वक्त वह अस्पताल में भर्ती थीं और इस वजह से उनके जैसे पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं को बहुत दुख हुआ था। वल्लभ ने कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष के लिए उनका चयन पूरी तरह स्पष्ट है।
अब सवाल यही है कि अशोक गहलोत और शशि थरूर में से जीत किसे मिलेगी। क्योंकि सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में पूरी तरह तटस्थ रहने की बात कह चुकी हैं। इसलिए निश्चित रूप से चुनाव बेहद रोमांचक होगा।
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में पार्टी के कुल 9,100 मतदाता मतदान करेंगे। लेकिन क्या G-23 गुट चुनाव में सामने खड़े प्रत्याशी को टक्कर दे पाएगा।
अनुभवी नेता हैं गहलोत
अशोक गहलोत के पास सियासत का लंबा अनुभव है। वह कांग्रेस में महासचिव (संगठन) रहने के साथ ही तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री और कई बार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। अशोक गहलोत कांग्रेस के उन नेताओं में से हैं जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के साथ काम किया है।
दूसरी ओर शशि थरूर भी कांग्रेस के जाने-पहचाने चेहरे हैं और पढ़े-लिखे नेता हैं। वह मोदी लहर में भी चुनाव जीत कर आए हैं। वह केंद्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।