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सोनिया से मिले थरूर, 'उदयपुर संकल्प' वाली याचिका का किया समर्थन

सोनिया से मिले थरूर, 'उदयपुर संकल्प' वाली याचिका का किया समर्थन

शशि थरूर के बारे में चर्चा है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में उम्मीदवार हो सकते हैं। थरूर कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं के गुट G-23 में शामिल हैं। 

केरल से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोमवार को पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की है। शशि थरूर ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की ओर से सोशल मीडिया पर जारी की गई उस याचिका का समर्थन किया है जिसमें पार्टी में कई तरह के सुधार किए जाने की बात कही गई है। 

याचिका में कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों से अपील की गई है कि वे उदयपुर में हुए चिंतन शिविर के बाद सामने आए 'उदयपुर संकल्प' को लागू करने का वादा करें। 

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन 24 सितंबर से शुरू होने हैं। शशि थरूर के बारे में चर्चा है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में उम्मीदवार हो सकते हैं। यहां बताना जरूरी होगा कि शशि थरूर कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं के गुट G-23 में शामिल हैं। 

'उदयपुर संकल्प' में कहा गया था कि पार्टी के भीतर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होंगे। एक परिवार से एक ही शख्स किसी भी चुनाव में उम्मीदवार होगा और एक शख्स के पास एक ही पद होगा। इसके अलावा यह भी कहा गया था कि कांग्रेस के अंदर पार्टी के पदों और चुनावी टिकटों में महिलाओं, एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा भी कई बातें कही गई थी। 

शशि थरूर ने ट्वीट कर कहा है कि इस याचिका को अब तक 650 लोगों ने अपने दस्तखत कर समर्थन दिया है और वह भी इसका पुरजोर समर्थन करते हैं। थरूर ने कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होना चाहिए। 

याचिका में कहा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में उम्मीदवार बनने वाले सभी नेता इस बात की प्रतिज्ञा लें कि वह अध्यक्ष बनने के 100 दिन के भीतर उदयपुर संकल्प के तहत की गई घोषणाओं को लागू करेंगे। 

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन की तारीख बेहद नजदीक आ गई है और अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि पार्टी का अगला अध्यक्ष कौन होगा। कांग्रेस की राजस्थान और छत्तीसगढ़ की इकाइयां राहुल गांधी के फिर से अध्यक्ष बनने का प्रस्ताव पास कर चुकी हैं। लेकिन राहुल गांधी पार्टी का अध्यक्ष बनने से इंकार कर चुके हैं। 

 - Satya Hindi

एक अहम सवाल यह भी है कि क्या कांग्रेस बिना चुनाव के ही अध्यक्ष का चयन कर लेगी या फिर पार्टी में असंतुष्ट नेताओं के गुट G-23 की ओर से किसी को उम्मीदवार बनाया जाएगा। कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा था कि आम सहमति से अगर कांग्रेस का अध्यक्ष चुना जाता है तो यह G-23 गुट को स्वीकार होगा लेकिन क्या आम सहमति बन पाएगी। 

गहलोत तैयार नहीं?

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुछ दिन पहले कहा था कि कांग्रेस वर्तमान में संकट के दौर से गुजर रही है और ऐसे वक्त में पार्टी उन्हें जो जिम्मेदारी देगी उसे वह पूरा करेंगे। लेकिन अब उनकी पहल पर राजस्थान कांग्रेस कमेटी के द्वारा राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव ऐसे वक्त में पास किए जाने से सवाल खड़ा होता है कि क्या गहलोत भी कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए तैयार नहीं हैं।

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