मैंने एनसीपी अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला किया हैः शरद पवार
शरद पवार ने एनसीपी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका यह इस्तीफा ऐसे समय पर आया है जब एनसीपी को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे थे। पार्टी में विभाजन तक की खबरें आ रही थीं। पिछले दिनों चर्चा थी कि एनसीपी का एक बड़ा धड़ा अजित पवार के नेतृत्व में बीजेपी में शामिल होना चाहता है।
शरद पवार इस देश के सबसे वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं में से एक हैं। उनके अनुभव की हालिया मिसाल दिखी थी चार साल पहले 2019 में जब उन्होंने कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी को एक साथ लाकर महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार बनाई। विचारधारा के स्तर पर बिल्कुल विपरीत दिशाओं में खड़ी तीनों पार्टियों को एक साथ लाकर सरकार बनाने को उनके राजनैतिक दांव पेंच का उत्कर्ष माना गया।
हालांकि एनसीपी के झगड़े और पवार के इस्तीफे के बाद अब सवाल यह उठ रहा है कि पार्टी का नया अध्यक्ष किसको बनाया जाएगा। इसका कारण पार्टी पर दो लोग दावेदारी कर रहे हैं। पहली दावेदारी तो उनकी बेटी सुप्रिया सुले की है, दूसरी उनके भतीजे अजित पवार की, जो पहले ही बगावती तेवर दिखा चुके हैं।
शरद पवार ने पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ने की घोषणा उनके राजनीतिक जीवन से जुड़ी किताब के विमोचन के कार्यक्रम में मुंबई में की। पवार ने कहा कि मेरे लिए यह बात चौंकाने वाली थी कि पिछले साल अजित ने अचानक बीजेपी के साथ जाकर डिप्टी सीएम पद की शपथ क्यों ली थी?
क्या थी वो राजनीतिक घटना.... शरद पवार ने कहा कि जब मैंने सोचना शुरू किया कि अजित ने ऐसा फैसला क्यों लिया, तब मुझे एहसास हुआ कि सरकार गठन के लिए कांग्रेस के साथ चर्चा इतनी सुखद नहीं जा रही थी। कांग्रेस से हमें हर रोज सरकार गठन पर चर्चा में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।
कांग्रेस के साथ बातचीत में हमने बहुत नरम रुख अपनाया था लेकिन उनकी प्रतिक्रिया स्वागत योग्य नहीं थी। ऐसी ही एक चर्चा में मैं भी अपना धैर्य खो बैठा और वहां से चला गया था। उस समय मेरा मानना था कि कांग्रेस के साथ आगे कुछ भी चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है। मेरे इस कदम से मेरी ही पार्टी के कई नेताओं को झटका लगा था।
कांग्रेस के साथ बातचीत सार्थक न होने का गुस्सा अजित के चेहरे पर देखा जा सकता था। वह भी उनके व्यवहार से खफा था। मैं बैठक से चला गया लेकिन अपनी पार्टी के अन्य सहयोगियों से बैठक जारी रखने के लिए कहा था। कुछ समय बाद मैंने जयंत पाटिल को फोन किया और बैठक की प्रगति के बारे में पूछा, उन्होंने मुझे बताया कि अजीत पवार मेरे (शरद पवार) तुरंत बाद चले गए।
किताब विमोचन कार्यक्रम में पवार ने कहा कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन केवल सत्ता के लिए नहीं बना है।