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शक्तिकांत दास बने रिज़र्व बैंक गवर्नर

शक्तिकांत दास बने रिज़र्व बैंक गवर्नर

नोदबंदी के समर्थतक शक्ति कांत दास रिज़र्व बैं के गवर्नर ऐसे समय बनाए गए  हैं जब केंद्रीय बैंक और मोदी सरकार के बीच तनातनी चरम पर है। 

शक्तिकांत दास भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर बनाए गए हैं। वे वित्त आयोग के सदस्य हैं। वे नोटबंदी की विवादास्पद फ़ैसले के समर्थक हैं और उन्होंने ही इस मुहिम को आगे बढाया था। समझा जाता है कि वे सरकार की इच्छा के अनुरूप ही काम करेंगे और इससे सरकार को अपनी बात मनवाने में सुविधा होगी।

मोदी के ख़ास

दास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ख़ास पसंद बताए जाते हैं। मोदी ही उन्हें वित्त मंत्रालय ले आए और राजस्व विभाग का प्रमुख बना दिया। बाद में उन्हें आर्थिक मामलों के विभाग का मुखिया बना दिया गया। उन्हें यहां इसलिए भेजा गया था कि वे नोदबंदी के फ़ैसले को ठीक से लागू करवाएं। वे नोटबंदी के समर्थक हैं और उन्होंने इसे लागू करने में सरकार की बखूबी मदद की थी।

उर्जित पटेल के इस्तीफ़े के अगले दिन ही शक्ति कांत दास की उस पद पर नियुक्ति कई सवाल खड़े करती है। ऐसा लगता है कि सरकार ने उन्हें इस पद पर इसलिए बैठाया कि केंद्रीय बैक सरकार से टकराव मोल न लें।

समझा जाता है कि 14 दिसंबर को होने वाली रिज़र्व बैंक की बैठक में सरकार की कुछ बातें मान ली जा सकती हैं। यह हो सकता है कि बाद में दास सरप्लस रिज़र्व से केंद्र को पैसे देने पर राजी हो जाएं। आख़िर केंद्रीय बैंक और मोदी सरकार के बीच तनातनी तो इसी मुद्दे पर थी।

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