येचुरी को जम्मू-कश्मीर जाने की इजाज़त हो : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण फ़ैसले में कहा है कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी को जम्मू-कश्मीर जाने की अनुमति दी जानी चाहिए।
सीपीआईएम महासचिव ने इसके बाद कहा है कि वह कल यानी बृहस्पतिवार को तारीगामी से मिलने के लिए कश्मीर जाएँगे।
CPI(M) leader Sitaram Yechury: I am going there tomorrow (to meet his party leader & former MLA, Yusuf Tarigami in Kashmir) https://t.co/mAM0SBAQAD pic.twitter.com/TvLYSHkOuz
— ANI (@ANI) August 28, 2019
प्रशासन को झटका
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुआई में बनी तीन-सदस्यीय खंडपीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, 'कोई नागरिक देश में कहीं भी जा सकता है।' येचुरी अपनी पार्टी के नेता युसुफ़ तारीगामी को देखने और उनका हालचाल जानने के लिए जम्मू-कश्मीर गए थे, पर उन्हें श्रीनगर हवाई अड्डे पर ही रोक दिया गया। पुलिस ने उन्हें वहाँ से वापस भेज दिया था। तारीगामी को पुलिस ने 5 अगस्त को हिरास में ले लिया, वह उस समय से ही पुलिस कस्टडी में है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ़ किया है कि येचुरी सिर्फ़ अपनी पार्टी के नेता से मिल सकते हैं, वह वहाँ किसी तरह की दूसरी राजनीतिक गतिविधि नहीं कर सकते।
सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा, 'तारीगामी को ज़ेड कैटगरी सुरक्षा मिली हुई है, ऐसा नहीं है कि वह कहीं गुम हो जाएँगे।' इसे खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'चाहे ज़ेड कैटगरी की सुरक्षा हो या ज़ेड प्लस की, यदि कोई नागरिक देश में कहीं भी जाना चाहे तो उसे वहाँ जाने की छूट होनी ही चाहिए।'
'राजनीतिक मक़सद नहीं'
येचुरी की पैरवी वरिष्ठ वकील राजू रामचंद्रन कर रहे थे। खंडपीठ ने उनसे कहा, 'येचुरी सिर्फ़ अपनी पार्टी के नेता से मिलने जा सकते हैं, पर इसका इस्तेमाल किसी राजनीतिक मक़सद को साधने में न करें।' बेंच ने कहा कि यदि येचुरी इस मौके का इस्तेमाल किसी राजनीतिक गतिविधि में करते हैं तो इसकी रिपोर्ट अदालत से की जा सकती है। इसके साथ ही उन्होंने प्रशासन से कहा कि येचुरी की यात्रा की व्यवस्था वह करे।जामिया के छात्र को भी मिली अनुमति
खंडपीठ ने जामिया मिल्लिया इसलामिया के उस छात्र को भी अनंतनाग जाने की इजाज़त देने का आदेश दिया, जिसने याचिका दायर कर कहा था कि वह अपने माता-पिता से मिलने जाना चाहता है, पर उसे इसकी छूट नहीं दी गई है। अदालत ने इस मामले में भी प्रशासन से कहा कि वह उस छात्र की यात्रा की व्यवस्था करे।गृह मंत्री ने 5 अगस्त को राज्यसभा में एक प्रस्ताव रखा था जिसके तहत अनुच्छेद 370 में बदलाव कर जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष दर्जा ख़त्म कर दिया गया और राज्य को दो अलग-अलग केंद्र शासित क्षेत्रो में बाँट दिया गया। इसके साथ ही पुलिस ने घाटी में बड़े पैमाने पर धर-पकड़ की और तमाम राजनीतिक दलों के बड़े नेताओं को गिरफ़्तार कर लिया या नज़रबंद कर दिया। इसमें राज्य के दो पूर्व मुख्य मंत्री फ़ारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती प्रमुख हैं। इसी क्रम में सीपीआईएम के नेता तारीगामी को भी हिरासत में ले लिया गया था। येचुरी उनसे मिलने के लिए गए तो उन्हें श्रीनगर में रोक कर लौटने को मजबूर किया गया। इसके बाद बीते दिनों कांग्रेस नेता राहुल गाँधी की अगुआई में विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल श्रीनगर गया तो उसमें भी येचुरी शामिल थे। इस टीम को भी श्रीनगर से ही लौटा दिया गया था।