फिल्म अभिनेता शाहरुख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान को गिरफ्तार करने के बाद सुर्खियों में आए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े का एनसीबी में कार्यकाल ख़त्म हो गया है। वानखेड़े अब दिल्ली में डीआरआई के डायरेक्टर को रिपोर्ट करेंगे और उसके बाद ही फ़ैसला होगा कि वानखेड़े को किस विभाग में भेजा जाएगा। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कल ही वानखेड़े के कार्यकाल पर सवाल उठाते हुए कहा था कि कार्यकाल ख़त्म होने के बाद भी वानखेड़े अपने पद पर क्यों बने हुए हैं। इससे पहले समीर वानखेड़े पर नवाब मलिक ने कई गंभीर आरोप लगाए थे जिसमें अवैध उगाही और फर्जीवाड़े के आरोप भी शामिल हैं।
मुंबई एनसीबी के ज़ोनल डायरेक्टर के तौर पर समीर वानखेड़े का कार्यकाल 31 दिसंबर को ख़त्म हो गया था लेकिन उनकी पोस्टिंग को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे कि आख़िरकार वह किस विभाग में जाएंगे। अब यह साफ़ हो गया है कि वह पहले दिल्ली में डीआरआई के डायरेक्टर को रिपोर्ट करेंगे और उसके बाद फैसला होगा कि उन्हें किस डिपार्टमेंट में भेजा जाता है। वैसे, अगस्त महीने में समीर वानखेड़े को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में मुंबई ज़ोनल डायरेक्टर बने रहने के लिए 4 महीने का एक्सटेंशन दिया गया था जो 31 दिसंबर को ख़त्म हो गया। एनसीबी के सूत्रों का कहना है कि समीर वानखेड़े ने अपना कार्यकाल और नहीं बढ़ाने का आग्रह किया था जिसके बाद उनको वापस उनके कैडर में भेज दिया गया है।
2020 में एनसीबी मुंबई में हुआ था ट्रांसफर
समीर वानखेड़े की एनसीबी में तैनाती साल 2020 में हुई थी। इससे पहले वह साल 2008 से 2021 तक एयर इंटेलिजेंस यूनिट (एआईयू), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के संयुक्त आयुक्त थे। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो मुंबई में जोनल डायरेक्टर के पद पर आते ही उन्होंने ड्रग्स के काले कारोबार पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था। इस दौरान उन्होंने कई बॉलीवुड फिल्मी सितारों को भी ड्रग्स के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने कल ही आरोप लगाया था कि समीर वानखेड़े का कार्यकाल वैसे तो 31 दिसंबर 2021 को ही ख़त्म हो गया था लेकिन वह अभी भी एनसीबी में बने रहने के लिए दिल्ली में बीजेपी के नेताओं के साथ मिलकर लॉबिंग कर रहे हैं। इतना ही नहीं, नवाब मलिक ने वानखेड़े पर और भी कई फर्जीवाड़े और जबरन उगाही के आरोप लगाए थे।
इससे पहले समीर वानखेड़े उस समय चर्चा में आए थे जब सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामला सामने आया था। उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती और उसके भाई शोभिक चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था।
वानखेड़े ने और भी कई फिल्मी सितारों को ड्रग्स रखने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उन्होंने दीपिका पादुकोण, करण जौहर, अर्जुन रामपाल, श्रद्धा कपूर से भी ड्रग्स के मामले में पूछताछ की थी और उनका बयान दर्ज किया था।
पिछले साल समीर वानखेड़े ने बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को कॉर्डेलिया क्रूज़ से ड्रग्स रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसके बाद पूरे देश में सनसनी फैल गई थी। एनसीबी ने इस केस पर अपना सब कुछ दांव लगाते हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल को आर्यन खान को जमानत न मिलने देने के लिए मैदान में उतार दिया था। हालाँकि बाद में हाईकोर्ट से आर्यन खान को जमानत मिल गई थी।
दरअसल, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने वानखेड़े पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी लेने का आरोप लगाया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि उन्होंने अपना धर्म छुपाया। हालाँकि, वानखेड़े ने सभी आरोपों से इनकार किया था। महाराष्ट्र सरकार की जांच कमेटी के सामने अभी कुछ दिन पहले समीर वानखेड़े अपना जाति प्रमाण पत्र पेश नहीं कर पाए थे जिसके बाद से उन्हें एक बार फिर से संदेह की नज़र से देखा जा रहा था।
आर्यन खान केस में विवादों में घिरे थे
आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद बड़ा विवाद हुआ था। नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर आरोप लगाया था कि आर्यन खान मामला जालसाजी और फिरौती का मामला है। आर्यन खान मामले में गवाहों को लेकर भी विवाद छिड़ गया था। इसके बाद से ही महाराष्ट्र की राजनीति में उथल-पुथल मच गयी थी। हर रोज नवाब मलिक वानखेड़े पर नए-नए आरोप लगाते थे जिसके बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को अपने ही अधिकारी की जांच करनी पड़ी थी और उसके लिए एक कमेटी बनाई गई थी।
कई दिग्गजों पर कार्रवाई कर चुके हैं वानखेड़े
साल 2013 में समीर वानखेड़े ने सिंगर मीका सिंह को मुंबई एयरपोर्ट पर विदेशी करेंसी के साथ पकड़ा था। वह अनुराग कश्यप, विवेक ओबेरॉय और राम गोपाल वर्मा समेत कई बॉलीवुड हस्तियों के यहां भी छापा मार चुके हैं। 2011 में भी समीर वानखेड़े ने खूब वाह-वाही लूटी थी जब उन्होंने क्रिकेट वर्ल्ड कप की ट्रॉफी को एयरपोर्ट पर ही रोक लिया था। वानखेड़े का कहना था कि आईसीसी ने टैक्स का भुगतान नहीं किया था जिसके बाद उन्होंने वर्ल्ड कप की ट्रॉफी को एयरपोर्ट से बाहर नहीं जाने दिया था।