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ठाणे पुलिस के सामने पेश हुए वानखेड़े, धोखाधड़ी के मामले में हुई पूछताछ 

ठाणे पुलिस के सामने पेश हुए वानखेड़े, धोखाधड़ी के मामले में हुई पूछताछ 

एनसीबी के अफसर समीर वानखेड़े के खिलाफ एक्साइज विभाग ने क्यों दर्ज कराया था धोखाधड़ी का मुकदमा? 

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) मुंबई के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पिछले काफी समय से विवादों में बने हुए हैं। धोखाधड़ी और जालसाजी जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज होने के बाद वानखेड़े  बुधवार को ठाणे पुलिस स्टेशन में पूछताछ के लिए हाजिर हुए। ठाणे पुलिस ने वानखेड़े को समन जारी करके पूछताछ में शामिल होने के लिए कहा था। 

वानखेड़े पर आरोप है कि उन्होंने अपने रेस्तरां और बार के लाइसेंस को हासिल करने के लिए जो दस्तावेज दिए थे, वे जाली थे जिसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ जालसाजी और फर्जीवाड़े का मामला दर्ज किया था।

वानखेड़े से जब पुलिस के सामने हाजिर होने के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह जांच एजेंसियों के सामने वह सब कुछ बताएंगे जो एजेंसियां उनसे पूछना चाहती हैं। वानखेड़े ने कहा कि उन्होंने कोई भी फर्जीवाड़ा नहीं किया है। 

कुछ दिन पहले ही ठाणे के कलेक्टर ने एक्साइज विभाग से मिली सहमति के बाद समीर वानखेड़े के सदगुरु होटल और बार के लाइसेंस को रद्द कर दिया था। महाराष्ट्र सरकार की जांच में सामने आया था कि समीर वानखेड़े ने 18 साल से कम उम्र में ही होटल और बार का लाइसेंस गलत जानकारी के आधार पर लिया था। जिसके बाद एक्साइज विभाग की तरफ से वानखेड़े के खिलाफ ठाणे के कोपरी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया गया था।

ठाणे पुलिस ने एक्साइज विभाग की जांच के आधार पर समीर वानखेड़े पर धोखाधड़ी, जालसाजी और झूठा शपथपत्र देने की धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी। जानकारी के मुताबिक समीर वानखेड़े के नाम पर 27 अक्टूबर, 1997 को एक्साइज विभाग ने होटल और बार का लाइसेंस जारी किया था लेकिन वानखेड़े ने गलत दस्तावेज पेश करके यह लाइसेंस हासिल किया था। 

जांच में यह बात सामने आई है कि जिस समय समीर वानखेड़े को बार का यह लाइसेंस जारी किया गया था उस समय उनकी उम्र 18 साल से कम थी। जबकि बार के लाइसेंस को हासिल करने के लिए उम्र कम से कम 21 साल होनी चाहिए। 

 - Satya Hindi

मलिक ने उठाए थे सवाल 

समीर वानखेड़े के बार के लाइसेंस को लेकर सबसे पहले महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने सवाल उठाए थे। मलिक ने वानखेड़े पर आरोप लगाया था कि उन्होंने गलत दस्तावेज देकर बार का लाइसेंस फर्जी तरीके से हासिल किया था। 

आबकारी विभाग ने समीर वानखेड़े से उनके रेस्तरां बार से संबंधित सभी कागजात 7 दिनों के अंदर पेश करने के लिए कहा था लेकिन वानखेड़े वह दस्तावेज पेश नहीं कर पाए जिसे उन्होंने इस बार को हासिल करते वक्त आबकारी विभाग को दिया था। आबकारी विभाग के सूत्रों का कहना है कि जिस समय समीर वानखेड़े को यह लाइसेंस जारी किया गया था उस समय समीर वानखेड़े की उम्र 17 साल 10 माह थी, जबकि  एक्ससाइज विभाग का कहना है कि 21 साल की उम्र में लाइसेंस जारी किया जाता है।

पहले भी लगे कई आरोप 

यह पहला मामला नहीं है जब समीर वानखेड़े पर कोई आरोप लगा हो। नवाब मलिक ने आरोप लगाया था कि कॉर्डेलिया क्रूज़ ड्रग्स मामले में शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को छोड़ने के लिए वानखेड़े ने किरण गोसावी के जरिये 25 करोड़ की डिमांड की थी। आखिर में 18 करोड़ में डील फाइनल हुई थी, जिसमें से 8 करोड रुपए समीर वानखेड़े को मिलने वाले थे। 

हालांकि इस मामले की जांच मुंबई पुलिस ने की थी लेकिन इस जांच में अभी तक कुछ साफ नहीं हो पाया है।

 

नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर आरोप लगाया था कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारतीय राजस्व विभाग की नौकरी हासिल की थी। नवाब मलिक का आरोप था कि समीर वानखेड़े ने दलित कोटे से नौकरी हासिल की थी जबकि वह मुसलिम समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। इस बारे में भी उनके खिलाफ जांच चल रही है।

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