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आर्यन केस: भ्रष्टाचार में आख़िर कैसे पकड़े गए समीर वानखेड़े

आर्यन केस: भ्रष्टाचार में आख़िर कैसे पकड़े गए समीर वानखेड़े

आर्यन ख़ान के ख़िलाफ़ जिस अफ़सर ने क्रूज ड्रग्स मामले में 'ड्रग्स पेडलर' से लेकर 'नशाखोर' और न जाने ऐसे कितने आरोप लगाए गए थे, अब वही अफसर आख़िर भ्रष्टाचार में कैसे फँस गया?

आर्यन ख़ान को गिरफ़्तार करने वाले तत्कालीन एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े को लेकर पिछले कुछ दिनों से चौंकाने वाली ख़बरें आ रही हैं। पहले तो ख़बर आई थी कि सीबीआई ने समीर वानखेड़े के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। फिर ख़बर आई कि इस मामले में स्वतंत्र गवाह बनाए गए केपी गोसावी ने कथित तौर पर समीर वानखेड़े की ओर से शाहरुख ख़ान से 25 करोड़ रुपये वसूलने की कोशिश की। तो सवाल है कि आख़िर सीबीआई को इसकी जानकारी कहाँ से मिली और उसके पास सबूत क्या है कि वानखेड़े ने कथित तौर पर शाहरुख से उगाही की कोशिश की?

दरअसल, अब जो रिपोर्ट आ रही है उसमें कहा गया है कि अभिनेता शाहरुख खान की मैनेजर पूजा ददलानी का बयान अहम है। उनका बयान पिछले साल 16 जून को सौंपी गई नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की सतर्कता रिपोर्ट का हिस्सा था। इसके आधार पर सीबीआई ने 2021 के कॉर्डेलिया मामले में आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े और चार अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। 

कॉर्डेलिया क्रूज का यह मामला सबसे पहले तब आया था जब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी मुंबई के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े की टीम ने अक्टूबर 2021 में बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान को 15 अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया था। एनसीबी ने दावा किया था कि उसने कॉर्डेलिया क्रूज पर एक रेव पार्टी पर छापा मार कर  13 ग्राम कोकीन, 21 ग्राम चरस, 22 ग्राम एमडीएमए पाँच ग्राम एमडी बरामद किए थे। इसी ड्रग्स मामले में एनसीबी ने आर्यन और दूसरे लोगों को गिरफ़्तार किया था। 

आर्यन ख़ान पर प्रतिबंधित नशीले पदार्थ खरीदने, रखने और उनका इस्तेमाल करने के आरोप लगाए गए थे। आर्यन ख़ान 3 हफ़्ते से ज़्यादा समय तक जेल में रहे थे। इस दौरान दो बार उनकी ज़मानत याचिका खारिज की गई थी। बॉम्बे हाई कोर्ट ने 2021 में 28 अक्टूबर को उनको जमानत दी थी। चार सप्ताह जेल में बिताने वाले आर्यन खान को मई 2022 में एंटी-ड्रग्स एजेंसी द्वारा पर्याप्त सबूतों की कमी के कारण सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया था। बाद में अदालत ने भी उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया था।

लेकिन जब आर्यन ख़ान पकड़े गए थे तभी पूजा ददलानी का नाम सामने आया था। इस वजह से ददलानी का बयान महत्वपूर्ण है, क्योंकि कथित जबरन वसूली के मामले में कथित रूप से 50 लाख रुपये का एक बैग उन्होंने टोकन मनी के रूप में सौंपा था। 

पहले यह ख़बर आई थी कि एनसीबी की जांच के अनुसार, शुरुआती जबरन वसूली की मांग 25 करोड़ रुपये थी, जबकि सौदा 18 करोड़ रुपये में तय हुआ था और टोकन राशि के रूप में 50 लाख रुपये सौंपे गए थे।

पूजा ददलानी का बयान भी बहुत बाद में दर्ज किया जा सका। उससे पहले उनका बयान दर्ज नहीं होने की वजह से पुलिस ने समीर वानखेड़े के ख़िलाफ़ केस भी बंद कर दिया था। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ददलानी ने अपना बयान दर्ज करने के लिए मुंबई पुलिस के कम से कम तीन समन को नज़रअंदाज़ कर दिया था। रिपोर्ट के अनुसार वानखेड़े के खिलाफ पुलिस जांच को तब बंद करना पड़ा था।

अंग्रेज़ी अख़बार ने जाँच में शामिल एक प्रमुख अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट दी है, 'सतर्कता टीम ने पिछले साल की पहली छमाही में ददलानी से संपर्क किया, जिसके बाद जबरन वसूली के आरोपों के संबंध में उनका बयान दर्ज किया गया। उनके अलावा हमने केपी गोसावी, सनविले डिसूजा और प्रभाकर सेल के बयान दर्ज किए हैं।' रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकारी ने वह बातें बताने से इनकार कर दिया कि पूजा ददलानी ने अपने बयान में क्या कहा था, लेकिन उनके बयान से निष्कर्ष निकला कि शाहरुख खान से पैसे वसूलने का प्रयास किया गया था और सीबीआई से मामले की जांच करने को कहा गया। ददलानी ने द इंडियन एक्सप्रेस के कॉल और संदेशों का जवाब नहीं दिया।

रिपोर्ट में सूत्र के हवाले से कहा गया है कि सेल अपने बयान पर कायम रहे कि छापे की रात, उन्होंने गोसावी को फोन पर डिसूजा से आर्यन का नाम नहीं लेने के लिए शाहरुख खान से 25 करोड़ रुपये मांगने की बात सुनी और अंततः मामला 18 करोड़ रुपये में तय हुआ। सेल ने आगे दावा किया कि गोसावी ने डिसूजा को बताया कि 18 करोड़ रुपये में से 8 करोड़ रुपये वानखेड़े के लिए थे। सेल और गोसावी कथित तौर पर डिसूजा, ददलानी और उनके पति से रात में लोअर परेल में मिले थे, जहां कथित तौर पर नकदी के साथ एक बैग उन्हें सौंप दिया गया था। बता दें कि सेल की अप्रैल 2022 में मृत्यु हो गई।

एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि एनसीबी के सतर्कता विभाग की रिपोर्ट बताती है कि आर्यन खान और उनके दोस्त अरबाज मर्चेंट के नाम आखिरी समय में जोड़े गए और कुछ अन्य संदिग्धों का नाम हटा दिया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि छापे के दौरान एक संदिग्ध के पास से रोलिंग पेपर बरामद होने के बावजूद उसे जाने दिया गया था। 

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