रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को तीन हफ्ते से ज़्यादा का वक़्त पूरा हो चुका है और ऐसा नहीं लगता कि यह युद्ध जल्दी थमने वाला है। रूस के लगातार हमलों के कारण यूक्रेन में तबाही का मंजर है और उसके कई शहर खाक होते जा रहे हैं। अब तक इस युद्ध में 112 बच्चों की मौत हो चुकी है।
अमेरिका के एक थिंक टैंक ने कहा है कि यह युद्ध 40 लाख लोगों को भयंकर गरीबी की ओर धकेल सकता है।
युद्ध में पहली बार रूस ने यूक्रेन पर हाइपरसोनिक मिसाइलों से हमला किया है। इससे पहले रूस ने इस तरह के मारक हथियारों का इस्तेमाल इस युद्ध में नहीं किया था। सैटेलाइट तसवीरों से पता चलता है कि यूक्रेन के शहरों में रूस की एयर स्ट्राइक के बाद भयंकर तबाही हुई है। इसमें मारियूपोल के रिहायशी इलाकों और दुकानों को भी खासा नुकसान पहुंचा है।
इसके अलावा भी कई शहरों में रूस के हमलों के कारण तबाही हुई है।
रिहायशी इलाकों में बमबारी
यूक्रेन ने रूस पर आरोप लगाया है कि वह जानबूझकर रिहायशी इलाकों में बमबारी कर रहा है और ऐसा करना युद्ध अपराध है। यूक्रेन के मुताबिक अभी तक ढाई हजार लोग रूस के हमले में मारे जा चुके हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलिदीमिर ज़ेलेंस्की ने शनिवार को कहा कि वह रूस के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं और यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और उसके लिए इंसाफ तय करने का वक्त आ गया है। उन्होंने चेताया कि वरना रूस को इतना नुकसान होगा कि उसे उबरने में पीढ़ियां लग जाएंगी।
दूसरी ओर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन पर युद्ध अपराध में शामिल होने का आरोप लगाया है। पुतिन ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के साथ बातचीत में कहा कि रूस कोशिश कर रहा है कि इस युद्ध में आम लोगों की मौत ना हो।
इस मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ शुक्रवार को फोन पर बातचीत हुई है। बातचीत के दौरान चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि युद्ध से किसी का भी फायदा नहीं होगा और चीन और अमेरिका को अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियां निभानी होंगी।
इस युद्ध के कारण अब तक लाखों लोगों को यूक्रेन छोड़कर जाना पड़ा है। इसमें यूक्रेन के स्थानीय नागरिक सहित दूसरे देशों के लोग भी शामिल हैं।
रूस की सेना को यूक्रेन की ओर से लगातार जोरदार जवाब मिल रहा है और यूक्रेन ने दावा किया है कि उसने अभी तक के युद्ध में रूस के कई बख्तरबंद वाहनों, टैंकों, लड़ाकू विमानों और जवानों को मार गिराया है।
अमेरिका सहित यूरोपीय देशों की ओर से लगाए गए तमाम प्रतिबंधों के बाद भी रूस पीछे हटने को तैयार नहीं है। यह साफ दिखाई दे रहा है कि रूस को इस युद्ध के कारण बड़ा नुकसान हो सकता है लेकिन बावजूद रूसी सेना के हमले लगातार जारी हैं।