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यूपी चुनाव पर 'ठोस रणनीति' को लेकर आरएसएस की बैठक 5 जनवरी से

यूपी चुनाव पर 'ठोस रणनीति' को लेकर आरएसएस की बैठक 5 जनवरी से

आरएसएस ने हैदराबाद में 5 जनवरी को बीजेपी के साथ समन्वय बैठक बुलाई है। हालांकि एजेंडा हैदराबाद के नाम बदलने पर बताया गया है लेकिन दरअसल यह बैठक यूपी समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर है। यूपी के राजनीतिक हालात को संघ उसकी राजनीतिक शाखा बीजेपी के अनुकूल नहीं मान रहा है।

यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर आरएसएस अपनी ठोस रणनीति पर काम करने जा रहा है। इसी के मद्देनजर हैदराबाद में 5 से 7 जनवरी तक आरएसएस-बीजेपी की समन्वय बैठक होने जा रही है।

यूपी चुनाव को लेकर संघ की गतिविधियां पहले से ही जारी हैं। लेकिन अभी तक उसने इस चुनाव को लेकर बीजेपी के साथ कोई समन्वय बैठक नहीं की थी।

हालांकि इस समन्वय बैठक में यूपी समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी से तालमेल पर बात होनी है।

लेकिन यूपी चुनाव को आरएसएस ज्यादा तरजीह दे रहा है।

आरएसएस के सौ से ज्यादा अनुषांगिक संगठनों में बीजेपी उसकी राजनीतिक शाखा के रूप में जानी जाती है।

 - Satya Hindi

कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना

संघ की यह बैठक वैसे तो यूपी समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर है लेकिन संघ की ओर से इस समन्वय बैठक का जो एजेंडा जारी किया गया है कि उसमें हैदराबाद का नाम भाग्यनगर करने पर जोर दिया गया है।

एजेंडा में कहा गया है कि आरएसएस शुरू से ही हैदराबाद का नाम बदलने की मांग करती रही है। अब बीजेपी से कहा जाएगा कि वह इस मांग को राजनीतिक रूप से आगे बढ़ाए।

हैदराबाद तेलंगाना की राजधानी है और के. चंद्रशेखर राव वहां के मुख्यमंत्री हैं। बीजेपी और केंद्रीय नेतृत्व से उनके रिश्ते बेहतर हैं। संघ इन्हीं संबंधों का लाभ उठाना चाहता है।

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में मुकाबला कई कोणीय होने और बीजेपी को उसका लाभ मिलने के बावजूद वहां के राजनीतिक हालात को लेकर संघ आश्वस्त नहीं है।

यह बैठक क्यों

सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री के ताबड़तोड़ यूपी दौरे के बावजूद योगी सरकार के पक्ष में लहर नहीं बन पा रही है।

प्रधानमंत्री की सभाओं की तैयारी सरकार की ओर से होती है। भीड़ अपने आप नहीं आती है, उसे लाया जाता है। जबकि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की सभाओं में भीड़ अपने आप आती है। इन हालात से संघ चिन्तित है।

सूत्रों का कहना है कि संघ भाजपा नेताओं को मंदिर प्रकरण, मथुरा के मुद्दे को जोरशोर से उठाने को कह सकती है।

मोदी ने जिस दिन वाराणसी में गंगा स्नान किया था, ठीक उसके अगले दिन संघ के ही निर्देश पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मथुरा के मंदिर में पूजा करने पहुंच गए थे।

संघ चाहता है कि मोदी की कट्टर हिन्दू छवि की कीमत पर योगी आदित्यनाथ की कट्टर छवि धूमिल नहीं होने पाए।

कौन-कौन आएगा बैठक में

आरएसए-बीजेपी समन्वय बैठक में सरसंघ चालक मोहन भागवत के अलावा सर कार्यवाह दत्तात्रेय होशबोले, बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, संघ की ओर से बीजेपी में संगठन मुखिया बी. एल. संतोष समते कई और भी महत्वपूर्ण नेता और पदाधिकारी हैदराबाद आ रहे हैं।

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