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गणेश शोभायात्रा पर पथराव को अफवाह बताने वाले रतलाम एसपी का तबादला क्यों?

गणेश शोभायात्रा पर पथराव को अफवाह बताने वाले रतलाम एसपी का तबादला क्यों?

मध्य प्रदेश में गणेश चतुर्थी की शोभायात्रा में पथराव हुआ या नहीं, इसको लेकर दी गई सफाई के बाद आख़िर पुलिस प्रमुख का तबादला क्यों कर दिया गया?

मध्य प्रदेश के रतलाम में गणेश चतुर्थी पर शोभायात्रा को लेकर विवाद के बाद एक पुलिस अफसर को खामियाजा भुगतना पड़ा है। दरअसल, पहले ख़बर आई थी कि उस शोभायात्रा पर कथित तौर पर पथराव हुआ। विवाद बढ़ने के बाद पुलिस ने पथराव की इस ख़बर को अफ़वाह क़रार दे दिया। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसके बाद रातों-रात रतलाम के पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढ़ा का तबादला भोपाल कर दिया गया। 

रिपोर्ट के अनुसार लोढ़ा की जगह नरसिंहपुर के एसपी अमित कुमार को नियुक्त किया गया है। लोढ़ा को राज्य की राजधानी में राजकीय रेलवे पुलिस का एसपी बनाया गया है। दिप्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार लोढ़ा का यह स्थानांतरण एक हिंदूवादी संगठन द्वारा जिला कलेक्टर को एक आवेदन देने के कुछ घंटों बाद हुआ। 

रिपोर्ट के अनुसार जिला कलेक्टर को दिए गए आवेदन में रतलाम पुलिस की आलोचना की गई और उन पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया। बुधवार को समस्त हिंदू समाज रतलाम ने न्याय की मांग को लेकर रतलाम के कालिका माता मंदिर पर विरोध प्रदर्शन किया। 

आवेदन में इसने पुलिस द्वारा 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी शोभायात्रा के दौरान पथराव की 'सच्ची घटना' को कथित तौर पर 'अफवाह' बताने पर नाराजगी व्यक्त की। दिप्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार 7 सितंबर की शाम को, 500 से अधिक लोगों ने रतलाम स्टेशन रोड पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि गणेश चतुर्थी शोभायात्रा के दौरान मुस्लिम बहुल इलाके मोचीपुरा से गुजरते समय एक मुस्लिम व्यक्ति ने उन पर पथराव किया। उन्होंने कहा कि पथराव में हिंदू समुदाय का एक व्यक्ति घायल हो गया। अगले दिन लोढ़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि 'अफवाह फैलाने' पर विश्वास नहीं किया जाना चाहिए। एसपी ने पत्रकारों से कहा था, 'किसी भी तरह से कोई मूर्ति क्षतिग्रस्त नहीं हुई। तस्वीरें और वीडियो हैं। पुलिस ने (कथित घटना के स्थल पर) जाकर जांच की थी। हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या पथराव हुआ है और क्या इसके कारण कोई घायल हुआ है।... अगर यह बात साबित हो जाती है तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।'

रिपोर्ट के अनुसार 8 सितंबर को रतलाम पुलिस ने शाकिर खान की शिकायत के आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज की, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पिछली रात करीब 11:15 बजे कई लोग रॉड और डंडे लेकर आए और उन्हें और उनके परिवार को गालियाँ दीं और भीड़ को उकसाया कि वे 'हमें घर से बाहर खींचकर पीटें'। खान ने आरोप लगाया कि भीड़ ने उनके और पड़ोस के अन्य लोगों के वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। 

एफआईआर दर्ज होने के बाद 10 सितंबर को हिंदू समाज रतलाम के प्रतिनिधियों ने रतलाम डीसी राजेश बाथम को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि पुलिस ने पथराव करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। हिंदू समाज रतलाम ने आवेदन में लिखा, 'जब 7 सितंबर की शाम को शोभायात्रा मोचीपुरा से गुजर रही थी, तो मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शोभायात्रा निकालने वालों पर पथराव किया। लेकिन जब शोभायात्रा के सदस्य शिकायत दर्ज कराने स्टेशन रोड थाने पहुंचे, तो उनका मामला दर्ज नहीं किया गया।' उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि लाठी चार्ज में राजू मैदा नाम के एक शख्स की मौत हो गई और इस मामले को दबाया गया।

रिपोर्ट के अनुसार भारतीय पुलिस सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, 'राहुल लोढ़ा के तबादले के पीछे अन्य कारण भी थे। उदाहरण के लिए, रात करीब 8 बजे पुलिस स्टेशन पर भीड़ जमा होने के बावजूद, लोढ़ा खुद आधी रात के बाद ही मौके पर पहुंचे। इस बीच, भीड़ एक मुस्लिम इलाके में पहुंच गई, जिससे वहां दंगे जैसी स्थिति पैदा हो गई।' अधिकारी ने बताया कि एक अन्य आरोप यह है कि पुलिस इस घटना के कारण कथित तौर पर एक व्यक्ति की मौत की खबर को दबाने की कोशिश कर रही थी और लोढ़ा को स्थानांतरित करने से पहले इस मामले पर भी विचार किया गया था।

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