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दिल्ली: कांग्रेस-आरजेडी का हुआ गठबंधन, बीजेपी सहयोगी दलों को लेकर फंसी 

दिल्ली: कांग्रेस-आरजेडी का हुआ गठबंधन, बीजेपी सहयोगी दलों को लेकर फंसी 

कांग्रेस को दिल्ली में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से गठबंधन के लिए मजबूर होना पड़ा है तो बीजेपी को भी अपने तमाम सहयोगियों के दबाव के आगे झुकना पड़ रहा है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी को गठबंधन के भरोसे चुनाव मैदान में उतरना पड़ रहा है। 15 साल तक दिल्ली की सत्ता पर काबिज रही कांग्रेस को दिल्ली में जनाधारविहीन दल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से गठबंधन के लिए मजबूर होना पड़ा है तो बीजेपी को भी अपने तमाम सहयोगियों के दबाव के आगे झुकना पड़ रहा है।  दिल्ली में 8 फ़रवरी को मतदान होगा जबकि चुनाव नतीजे 11 फ़रवरी को आएंगे।  

बीजेपी ने काफ़ी दिमागी कसरत के बाद 57 सीटों पर तो प्रत्याशियों के नामों का एलान कर दिया लेकिन बची 13 सीटों पर उम्मीदवार घोषित करने में उसके जोड़ ढीले हो गए हैं। बिहार में उसकी सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) भी उससे 4 सीटें माँग रही है। इसके अलावा हरियाणा में उसकी सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी), एनडीए में उसकी पुरानी सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के साथ भी सीटों के बंटवारे का पेच नहीं सुलझ पा रहा है। 

बीजेपी और शिअद अब तक दिल्ली में मिलकर चुनाव लड़ते रहे हैं और बीजेपी उसे 4 सीटें देती रही है। लेकिन इस बार शिअद की ओर से 6 सीटों की माँग की गई है जिसके लिये बीजेपी के नेता बहुत तैयार नहीं दिखाई देते हैं। बीजेपी शिअद को उसकी पुरानी सीटें राजौरी गार्डन, हरिनगर, कालकाजी व शाहदरा ही देना चाहती है। 

21 जनवरी नामांकन का अंतिम दिन है, ऐसे में आम आदमी पार्टी ने 70 सीटों पर टिकटों की घोषणा कर इस मामले में लीड ले ली है। आम आदमी पार्टी के अधिकांश प्रत्याशियों ने नामांकन दाख़िल कर प्रचार भी शुरू कर दिया है।

जेजेपी को भी चाहिए 4 सीटें 

जेजेपी ने भी कम से कम 4 सीटें माँगी हैं और हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पश्चिमी दिल्ली और हरियाणा से लगने वाली सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की चेतावनी दे चुके हैं। वैसे जब हरियाणा में बीजेपी ने जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी तभी यह माना जा रहा था कि बीजेपी जेजेपी का साथ लेकर दिल्ली विधानसभा चुनाव में जाट मतदाताओं का समर्थन हासिल करना चाहती है। लेकिन बाक़ी बची 13 सीटों में से बीजेपी उसे कितनी सीटें दे पायेगी, यह देखने वाली बात होगी। 

एनडीए में बीजेपी की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) भी 70 सीटों पर उम्मीदवार उतार रही है। जेडीयू-एलजेपी ने झारखंड में भी अपने उम्मीदवार उतारकर बीजेपी की राह कंटीली कर दी थी।

दिल्ली जेडीयू के नेताओं के मुताबिक़, बीजेपी उन्हें बुराड़ी और संगम विहार की सीटें देने के लिए तैयार है लेकिन उनकी दावेदारी कम से कम 4 सीटों की है। 

दूसरी ओर कांग्रेस को आख़िरकार अपने कोटे से आरजेडी को 4 सीटें देनी ही पड़ी हैं। आरजेडी के साथ कांग्रेस का झारखंड और बिहार में भी गठबंधन है और लोकसभा का चुनाव भी इन दलों ने मिलकर लड़ा था। आरजेडी को बुराड़ी, किराड़ी, उत्तम नगर और पालम सीटें दी गई हैं। इस तरह कांग्रेस अब 66 सीटों पर मैदान में उतरेगी। कांग्रेस पहली सूची में 54 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर चुकी है। 

कांग्रेस ने राजेश लिलोठिया को मंगोलपुरी से, आम आदमी पार्टी छोड़कर फिर से कांग्रेस में शामिल हुईं अलका लांबा को चांदनी चौक से, पूर्व मंत्री हारून यूसुफ़ को बल्लीमारान से, पूर्व केंद्रीय मंत्री कृष्णा तीरथ को पटेल नगर (सुरक्षित) से, आदर्श शास्त्री को द्वारका से, पूनम आज़ाद को संगम विहार से, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली को गाँधी नगर से चुनाव मैदान में उतारा है। 

बीजेपी ने आम आदमी पार्टी छोड़कर आए कपिल मिश्रा को मॉडल टाउन से, विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता को उनकी पुरानी सीट रोहिणी से टिकट दिया है। पार्टी ने शिखा राय को ग्रेटर कैलाश, विक्रम बिधूड़ी को तुग़लकाबाद, सुमन कुमार गुप्ता को चांदनी चौक, पटपड़गंज से रवि नेगी और आशीष सूद को जनकपुरी से चुनाव मैदान में उतारा है। 

आम आदमी पार्टी की ओर से अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली से जबकि मनीष सिसोदिया पटपड़गंज से चुनाव लड़ेंगे। राघव चड्ढा राजेंद्र नगर, आतिशी मार्लेना कालकाजी और दुर्गेश पाठक करावल नगर सीट से ताल ठोकेंगे। 

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