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रामेश्वरम कैफे ब्लास्टः 4 संदिग्ध हिरासत में, क्या आईएसआई लिंक है?

रामेश्वरम कैफे ब्लास्टः 4 संदिग्ध हिरासत में, क्या आईएसआई लिंक है?

बेंगलुरु के रामेश्वर कैफे विस्फोट मामले में पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं। हमलावर की पहचान हो गई है। एनएसजी समेत कई जांच टीमें इसकी गुत्थी को सुलझाने में जुटी हुई हैं। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार दोपहर में घटनास्थल पर पहुंच कर हालात का जायजा लिया। जानिए ताजा घटनाक्रमः

बेंगलुरु के एक लोकप्रिय रामेश्वर कैफे में शुक्रवार को बम विस्फोट हुआ था। जिसमें नौ लोग घायल हुए थे। पुलिस की कई टीमें और जांच एजेंसियां इस मामले की जांच में जुट गई हैं, क्योंकि यह सामान्य विस्फोट नहीं था। पुलिस का मानना है कि एक बैग में रखे इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) के कारण विस्फोट हुआ है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के स्थानीय अधिकारी घटनास्थल पर शनिवार को पहुंच गए। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घटना का राजनीतिकरण न करने का आग्रह किया और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन देते हुए सहयोग का आह्वान किया। राज्य पुलिस प्रमुख आलोक मोहन ने कहा है कि हम निश्चित रूप से पता लगा लेंगे कि यह किसने किया है।

पुलिस सूत्रों ने शनिवार को पीटीआई को बताया कि बम विस्फोट के सिलसिले में पूछताछ के लिए चार लोगों को हिरासत में लिया गया है। सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय अपराध शाखा के अधिकारी धारवाड़, हुबली और बेंगलुरु से उठाए गए चारों से ''विस्तृत'' पूछताछ कर रहे हैं। बेंगलुरु सिटी कमिश्नर बी दयानंद ने कहा कि शुक्रवार दोपहर को इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) के कारण हुई रामेश्वरम कैफे घटना को लेकर अहम सुराग मिले हैं।


डेक्कन हेराल्ड के मुताबिक कर्नाटक के डिप्टी सीएम शिवकुमार का कहना है कि आईएसआईएस के कारण हुए मंगलुरु कुकर विस्फोट और रामेश्वरम कैफे विस्फोट के बीच संबंध लगता है। उप मुख्यमंत्री ने शनिवार को कहा कि "रामेश्वरम कैफे में हुए विस्फोट का संबंध 2022 के मंगलुरु कुकर विस्फोट से है। हमारे पुलिस अधिकारियों के अनुसार, हम इसके (रामेश्वरम कैफे विस्फोट) और मंगलुरु मामले के बीच एक लिंक देख रहे हैं। टाइमर जैसी प्रयुक्त सामग्री... एक लिंक है। यही कारण है कि मंगलुरु और शिवमोग्गा के पुलिस अधिकारी बेंगलुरु आए हैं।"

केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के अधिकारी जांच में स्थानीय पुलिस की मदद के लिए शनिवार को मौके पर पहुंचे और स्थानीय पुलिस ने उनके साथ कुछ इनपुट साझा किए हैं। बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर ने बताया कि रामेश्वरम कैफे घटना के संबंध में गहन जांच की जा रही है। अब तक मिले अलग-अलग सुरागों पर कई टीमें काम कर रही हैं। मामले की संवेदनशीलता और सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, मीडिया से अपील की जाती है कि वे अटकलों में शामिल न हों।

अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि कर्नाटक पुलिस ने बेंगलुरु के ब्रुकफील्ड इलाके के रामेश्वरम कैफे और आसपास के सीसीटीवी कैमरों में संदिग्ध की हरकत की तस्वीरें कैद हो गई हैं। इससे उसकी पहचान में काफी मदद मिल रही है। हालांकि कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि संदिग्ध की पहचान सीसीटीवी के जरिए हो चुकी है। पुलिस ने विभिन्न धाराओं के अलावा यूएपीए की धारा भी लगाई है।

पुलिस ने रामेश्वरम कैफे में हुए विस्फोट की जांच में आर्टिफिशल इंटेलीजेंस (एआई) तकनीक का सहारा लिया है। रेस्तरां के अंदर बम से भरा बैग रखने वाले व्यक्ति की पहचान में एआई मदद कर सकती है। ऐसा पुलिस का मानना है।

कर्नाटर के गृहमंत्री जी. परमेश्वरा ने कहा-  हमने कई टीमें गठित की हैं। सीसीटीवी फुटेज से कुछ सबूत भी जुटाए हैं। जब धमाका हुआ तो उससे कुछ मिनट पहले बीएमटीसी की एक बस उस रास्ते से निकली थी। हमें जानकारी है कि वह शख्स बस में आया था। हम जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कर लेंगे। हमारी टीमें बहुत अच्छा काम कर रही हैं। ब्लास्ट के लिए टाइमर का इस्तेमाल किया गया, एफएसएल टीम काम कर रही है। दोपहर 1 बजे हमारी बैठक है,  विस्फोट को लेकर उच्चस्तरीय पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक का नेतृत्व सीएम सिद्धारमैया करेंगे। इसमें अब तक की जांच की समीक्षा होगी।

हालांकि भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री इस घटना को राजनीतिक रंग देने से पीछे नहीं हट रहे हैं। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, "अगर कांग्रेस सरकार ने विधानसभा की घटना को गंभीरता से लिया होता तो आज ये घटना नहीं होती...कट्टरपंथियों को कांग्रेस का समर्थन मिल रहा है, इसलिए ये सब हो रहा है...।" बता दें कि एक राज्यसभा सांसद को चुने जाने के बाद उनके समर्थकों ने नारे लगाए थे। भाजपा आईटी सेल के अमित मालवीय ने कहा कि उसमें पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे लगाए थे। वीडियो की जांच से पता चला कि ऐसा कोई नारा नहीं लगाया गया, सारा मामला फर्जी बनाया गया था। कांग्रेस ने भी इस घटना का मजबूती से खंडन किया था। भाजपा पहले भी कई अन्य मामलों में पाकिस्तान जिन्दाबाद का नारा लगाने का वीडियो जारी करती रही है लेकिन आरोप कभी भी साबित नहीं हो पाए थे। जेएनयू में भी इसी तरह का नारा लगने का दावा एक टीवी चैनल के एंकर ने किया था लेकिन वो मामला भी फर्जी पाया गया था।

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