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रामनवमी पर इंदौर में बावड़ी की छत धंसी, अब तक 36 मौतें

रामनवमी पर इंदौर में बावड़ी की छत धंसी, अब तक 36 मौतें

हादसा इंदौर के स्नेह नगर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में हुआ। प्रत्यदर्शियों के अनुसार मंदिर में राम जन्म का उत्सव मनाया जा रहा था। पूजा-अर्चना के बाद हवन चल रहा था। घटना के वक्त मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। जिसे जहां जगह मिली वह वहां से पूजा-अर्चना और हवन में जुटा रहा।

मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर में गुरुवार दोपहर को बड़ा हादसा हो गया। एक मंदिर में रामनवमी पर पूजा-अर्चना और हवन के दौरान बावड़ी (पुराने बड़े कुएं) की छत धँस गई। इस मामले में मृतकों की संख्या बढ़कर 36 हो गई है। कहा जा रहा है कि एक अभी भी लापता है और 14 को बचाया गया है। राहत और बचाव कार्य जारी है।एमपी सरकार ने जाँच के आदेश दिए। एमपी सरकार के प्रवक्ता एवं राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कल देर रात तक 13 मौतों और कई के लापता होने की पुष्टि की थी, जो कि अब मृतकों की संख्या बढ़ गई है।

घटना इंदौर के स्नेह नगर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में हुई। प्रत्यदर्शियों के अनुसार मंदिर में राम जन्म का उत्सव मनाया जा रहा था। पूजा-अर्चना के बाद हवन चल रहा था। घटना के वक्त मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। जिसे जहां जगह मिली वह वहां से पूजा-अर्चना और हवन में जुटा रहा। मंदिर परिसर में एक पुरानी बावड़ी है। बावड़ी की छत पर काफी संख्या में लोग बैठे थे।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है, अचानक से छत भरभराकर गिर गई। गिरने वालों की संख्या को लेकर लोग अलग-अलग जानकारियाँ दीं। एक प्रत्यक्षदर्शी ने दावा किया था कि 40 से 50 के करीब लोग बावड़ी की छत पर बैठे थे, छत धँसने से वे सभी बावड़ी में समा गए। एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने संख्या 30 के करीब बताई थी। हादसे में छोटे बच्चों से लेकर युवा और बुजुर्ग सभी शिकार हुए हैं।

जिस मंदिर में यह घटना हुई है वह क़रीब 60 वर्ष पुराना है, और बावड़ी करीब 40 फ़ीट गहरी है। सुखद पक्ष यह है कि बावड़ी में फ़िलहाल पानी 4-5 फ़ीट ही है। लोगों को एक-दूसरे पर गिरने और ऊपर से पत्थर एवं अन्य सामग्री गिरने से ज़्यादा चोटें आयीं। हादसे के वक्त मंदिर परिसर में काफी भीड़ थी जिसके कारण वहां चारों तरफ बदहवासी फैल गई। वहां मौजूद कुछ लोगों ने कुछ लोगों को बचाने का प्रयास भी किया। सूचना पाकर इंदौर जिला प्रशासन के अफसर राहत-बचाव कर्मियों के साथ घटनास्थल पर पहुंच गये। फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट भी मौके पर पहुंचा हुआ है।

दो साल के एक बच्चे के साथ-साथ अलग-अलग आयुवर्ग के करीब दर्जन भर लोगों (महिला-पुरूषों) को निकाला जा चुका था। सभी को अस्पताल भेजा गया है। जहां इनका उपचार चल रहा है। राहत और बचाव के दौरान एक मौत की सूचना भी आयी, लेकिन अधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हो पायी थी। खबर लिखे जाने के समय तक दर्जन भर के करीब लोगों के बावड़ी में ही फंसे होने की सूचना थी।

हादसा स्थल से लगी स्नेह नगर रहवासी समिति का आरोप है कि मंदिर को अतिक्रमण करके बनाया गया है। बावड़ी को घेरने और उस पर जबरिया छत बना लेने का आरोप भी रहवासियों का है। रहवासियों का दावा है कि सरकारी जमीन पर कब्जे की अनेक शिकायतें समिति और क्षेत्र के अन्य लोगों ने की हुई हैं। शिकायतों को संज्ञान में नहीं लेने और कार्रवाई नहीं करने की वजह से यह हादसा हुआ है। स्थानीय लोगों ने राहत और बचाव कार्य में देरी का आरोप भी लगाया। इनके आरोप रहे कि बचाव के लिए आये दस्ते के पास पर्याप्त संसाधन नहीं थे, जिससे बचाव कार्य में परेशानी आ रही है।

इंदौर हादसे में राहत और बचाव के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में एक वीडियो बयान जारी कर इस हादसे पर अफसोस जताते हुए कहा, ‘हादसे को लेकर प्रशासन के अफसरों को निर्देश दिए हैं कि पूरी त्वरिता के साथ बावड़ी में फंसे हादसे के शिकार लोगों को बचाने का कार्य तेज गति से किया जाये।’ मुख्यमंत्री ने बताया, ‘हादसे में 19 लोगों के शिकार होने की प्रारंभिक जानकारी सामने आयी है। इनमें 10 लोगों को निकालकर उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया है। शेष लोगों को निकालने का प्रयास चल रहा है।’ एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘फिलहाल किसी के मारे जाने की सूचना नहीं मिली है।’

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