ट्विटर पर ट्रेंड हुआ #rajputVirodhibjp, लेकिन क्यों?
पेगासस जासूसी मामले, किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी पहले से ही पस्त है और अब उसकी समर्थक माने जाने वालीं जातियां भी उसे आंख दिखा रही हैं। उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों की उससे नाराज़गी की ख़बरें हैं तो अब राजपूत समाज के लोगों ने ट्विटर पर #rajputVirodhibjp, #rajputVirodhirss ट्रेंड कराकर उसका ब्लड प्रेशर बढ़ा दिया है।
#rajputVirodhibjp और #rajputVirodhirss ट्रेंड कराने वाले लोगों का कहना है कि बीजेपी उनके इतिहास से छेड़छाड़ कर रही है।
अपने-अपने दावे
राजपूत समुदाय का कहना है कि सम्राट मिहिर भोज, दिल्ली के सम्राट अनंगपाल तंवर सहित पृथ्वीराज चव्हाण राजपूत समाज के राजा थे जबकि गुर्जर समाज इन्हें अपना बता रहा है और बीजेपी के नेता इस काम में शामिल हैं। जबकि गुर्जर समुदाय का कहना है कि चाहे सम्राट मिहिर भोज हों या फिर पृथ्वीराज चव्हाण, वे गुर्जर समुदाय के हैं।
इसे लेकर दोनों समाज के युवाओं में सोशल मीडिया पर जबरदस्त युद्ध छिड़ा हुआ है। दोनों ही समाज के लोगों के अपने-अपने दावे हैं और दोनों ही अपने दावों से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं।
जो ताज़ा मामला है, वह दिल्ली से सटे फ़रीदाबाद के गांव अनंगपुर का है। अनंगपुर में 8 अगस्त को महाराजा मिहिर भोज और अनंगपाल तंवर गुर्जर की प्रतिमाओं का अनावरण किया जाना है। राजपूत समुदाय का कहना है कि इस कार्यक्रम को फरीदाबाद के सांसद और केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर का समर्थन हासिल है। इस वजह से राजपूत समुदाय के लोग ट्विटर पर अपनी नाराज़गी का इजहार कर रहे हैं और कृष्णपाल गुर्जर को जातिवादी बता रहे हैं।
इसके अलावा हरियाणा में भी कई जगहों पर गुर्जर समुदाय के लोगों ने सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा लगाई है और राजपूत समुदाय के युवा इसका विरोध कर रहे हैं।
राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास भी इस लड़ाई में कूद पड़े और उन्होंने बीजेपी को चेताया।
महाराजा सुहेलदेव पर भी रार
यहां पर इसका भी जिक्र करना होगा कि राजपूत समुदाय की ओर से कुछ महीने पहले बीजेपी द्वारा महाराजा सुहेलदेव की प्रतिमा के शिलान्यास का भी विरोध किया गया था। राजपूत समुदाय का कहना है कि महाराजा सुहेलदेव उनके समाज के हैं और बीजेपी उन्हें राजभरों का बता रही है। इस समुदाय ने तब ट्विटर पर #राजपूत_विरोधी_भाजपा और #महाराजा_सुहेलदेव_बैंस ट्रेंड कराया था। 2016 में भी बीजेपी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने महाराजा सुहेलदेव की प्रतिमा का अनावरण किया था और उन पर लिखी गई एक किताब का विमोचन किया था।
A county without Culture and Heritage is nothing! There was no need of changing the surname of Rajput Samrat Suheldev Bais ji.#राजपूत_विरोधी_भाजपा pic.twitter.com/ZB5OyENHpn
— Anshika Singh (@AnshikaSinghTSV) February 14, 2021
करणी सेना भी विरोध में
श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेडी का कहना है कि बीजेपी और आरएसएस उनके समाज और उनके पूर्वजों की पहचान को छीनने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि बीजेपी नेता राजपूत महाराजाओं की प्रतिमाओं का अनावरण कर रहे हैं और उन्हें दूसरी जातियों से जुड़ा हुआ बता रहे हैं।
राजपूत समुदाय के युवाओं का कहना है कि राजपूत समुदाय के राजाओं को दूसरी जातियों का बताना बीजेपी और आरएसएस की कुत्सित योजना है।