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जम्मू कश्मीर: आतंकियों से लड़ें पर नागरिकों को नुक़सान न पहुँचाएँ: राजनाथ

जम्मू कश्मीर: आतंकियों से लड़ें पर नागरिकों को नुक़सान न पहुँचाएँ: राजनाथ

पूछताछ के दौरान हिरासत में 3 नागरिकों की मौत और अन्य 5 नागिरकों के उत्पीड़न के विवाद के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जम्मू कश्मीर पहुँचे। जानिए, आतंकवादी कार्रवाई और नागरिकों के नुक़सान को लेकर उन्होंने क्या कहा। 

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि उन्हें पूरा विश्वास है कि सेना जम्मू कश्मीर से आतंकवाद का सफाया कर देगी। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने सैनिकों से कहा कि उन्हें कोई गलती नहीं करनी चाहिए जिससे किसी भारतीय को नुक़सान पहुँचे।

रक्षा मंत्री ने सीमावर्ती जिले राजौरी में सैनिकों से कहा, 'आप देश के रक्षक हैं। लेकिन मैं आपसे अनुरोध करना चाहता हूँ कि देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा, लोगों का दिल जीतने की भी आपकी जिम्मेदारी है। ऐसी कोई ग़लती नहीं होनी चाहिए जिससे किसी भारतीय को नुक़सान पहुंचे।' उन्होंने कहा, 'मुझे आपकी बहादुरी और दृढ़ता पर विश्वास है। जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद खत्म होना चाहिए और आपको इस प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। मुझे पूरा विश्वास है कि आप जीत हासिल करेंगे।'

हाल ही में सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर किए गए हमले में चार सैनिकों की शहादत के कुछ दिनों बाद राजनाथ सिंह सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए जम्मू कश्मीर पहुँचे। आतंकी हमले के बाद पुंछ में कई नागरिकों को सेना ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। उनमें से तीन बाद में मृत पाए गए। एक ब्रिगेड कमांडर को मौतों की सेना की जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है। सेना ने कहा है कि वह निर्दोष नागरिकों के खिलाफ हिंसा को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।

नागरिकों के कथित उत्पीड़न के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए। शनिवार को परिजनों ने आरोप लगाया था कि सेना ने स्थानीय लोगों को पूछताछ के लिए उठाया था और मुठभेड़ स्थल के पास उनमें से तीन लोगों के शव पाए गए थे। तीनों के शरीर पर गंभीर प्रताड़ना के निशान पाए गए। बाक़ी को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

पुंछ में सुरक्षा बलों द्वारा कथित तौर पर उठाए गए लोगों में से एक ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्हें और अन्य बंदियों को कपड़े उतारकर पीटा गया और घावों पर मिर्च पाउडर डाला गया जब तक कि वे बेहोश नहीं हो गए। अस्पताल में भर्ती मोहम्मद अशरफ ने दावा किया कि उन्हें और चार अन्य लोगों को पिछले हफ्ते सुरक्षा बलों ने उठा लिया था। उन्होंने अंग्रेज़ी अख़बार से कहा, 'उन्होंने हमारे कपड़े उतार दिए और हमें लाठियों और लोहे की छड़ों से पीटा, और हमारे घावों पर मिर्च पाउडर छिड़क दिया'।

अशरफ समेत पांच को शनिवार को राजौरी के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। अशरफ ने सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर साझा किए गए एक वीडियो का जिक्र करते हुए द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 'वायरल वीडियो में मैं ही वह व्यक्ति हूं, जिसमें सेना के जवानों द्वारा एक व्यक्ति को लोहे की छड़ों और लाठियों से पीटा जा रहा है।' उन्होंने कहा कि सदमे के कारण वह पिछले शनिवार से सो नहीं पाए हैं। उन्होंने कहा, 'जब आपके पूरे शरीर में तेज़ दर्द हो और आँखें बंद करते ही यातना के क्षण आपके मन में कौंधने लगें तो कौन सो सकता है?'

बहरहाल, रक्षा मंत्री ने कहा है कि सेनाओं को लोगों के साथ घनिष्ठ संबंध साझा करना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हमें लड़ाई जीतनी है, आतंकवादियों को खत्म करना है, लेकिन बड़ा उद्देश्य लोगों का दिल जीतना है। हम युद्ध जीतेंगे, लेकिन हमें दिल भी जीतने की ज़रूरत है। और मुझे पता है कि आप ऐसा करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे।' उन्होंने सैनिकों को आश्वासन दिया कि प्रत्येक सैनिक भारत के परिवार के सदस्य की तरह है।

उन्होंने कहा, 'हर भारतीय ऐसा महसूस करता है। अगर कोई आप पर बुरी नज़र डालता है तो यह हमारे लिए बर्दाश्त नहीं है। सुरक्षा और खुफिया एजेंसियाँ ऐसे हमलों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। निगरानी बढ़ाने के लिए जो भी सहायता की आवश्यकता होगी वह सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। हमारे खजाने के दरवाजे पूरी तरह खुले हैं।'

रक्षा मंत्री ने कहा कि ऐसे हमलों को हल्के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 'मुझे पता है कि आप सभी सतर्क हैं, लेकिन मुझे लगता है कि अधिक सतर्कता की आवश्यकता है। आपकी बहादुरी हमें गौरवान्वित करती है। आपके बलिदान, आपके प्रयासों की कोई सानी नहीं है। और वे अमूल्य हैं।' 

मृतक नागरिकों के परिजनों से मिले रक्षा मंत्री

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को उन तीन नागरिकों के परिवारों को न्याय का आश्वासन दिया, जो पिछले सप्ताह जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर किए गए हमले के बाद कथित तौर पर सेना द्वारा उठाए जाने के बाद मृत पाए गए थे।

राजनाथ सिंह, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ बुधवार दोपहर को राजौरी जिले पहुंचे थे, जहाँ उन्होंने मृतकों के परिवारों से मुलाकात की और अस्पताल में भर्ती लोगों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज का भी दौरा किया।

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