नहीं होगी राजीव कुमार की गिरफ़्तारी, सीबीआई के सामने होंगे पेश
सुप्रीम कोर्ट में ममता बनर्जी बनाम सीबीआई मामले की मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए अटॉर्नी जरनल ने कहा कि सीबीआई की कार्रवाई सही है और एसआईटी ने सही ढंग से जाँच नहीं की है।
सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट से कहा कि एसआईटी ने सीबीआई को पूरे सबूत नहीं दिए। इससे पहले सीबीआई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफ़नामा दायर किया गया।
अटॉर्नी जरनल के सवालों का जवाब देते हुए पश्चिम बंगाल सरकार के वकील ने कोर्ट में कहा कि सीबीआई राज्य के पुलिस अधिकारियों को परेशान कर रही है। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने पूछा कि पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को पूछताछ में क्या परेशानी है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पश्चिम बंगाल के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार सीबीआई के सामने पेश हों और जाँच में सहयोग करें।
Hearing in SC on West Bengal CBI matter: We will direct the Police Commissioner to make himself available and fully cooperate. We will deal with contempt petition later, observed CJI. pic.twitter.com/UfVrm75Jkq
— ANI (@ANI) February 5, 2019
कोर्ट ने यह भी कहा कि राजीव कुमार की गिरफ़्तारी नहीं होगी। कोर्ट ने अवमानना मामले में सुनवाई करते हुए पुलिस कमिश्नर और पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया है।
Hearing in West Bengal CBI matter: Supreme Court issues notice to Commissioner Of Police Kolkata, DGP and West Bengal govt on contempt plea. pic.twitter.com/kETVJKoW6A
— ANI (@ANI) February 5, 2019
पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार शिलाँग में सीबीआई के सामने पेश होंगे और इस मामले में अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी।
Next day of hearing is February 20. https://t.co/VUzsg9P9XN
— ANI (@ANI) February 5, 2019
सीबीआई ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह चिटफंड घोटालों में सहयोग करने और कोलकाता के पुलिस कमिश्नर को उपलब्ध कराने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार को आदेश दे। सीबीआई ने यह याचिका सोमवार को ही दायर की थी और कहा था कि पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार साक्ष्यों को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने तब उसे फटकार लगाते हुए कहा था कि उसके पास सीबीआई ने ऐसा एक भी सबूत पेश नहीं किया है, जिससे उसके आरोपों की पुष्टि होती हो।