
राहुल गांधी के हमले के बाद RSS के मुखपत्र से लेख गायब, हटाया क्यों, बताया नहीं
आरएसएस से जुड़ी पत्रिका "ऑर्गनाइज़र" में प्रकाशित लेख पर विवाद बढ़ रहा है। हालांकि इस लेख को चुपचाप हटा लिया गया है। लेकिन हटाने की वजह अभी तक आरएसएस या ऑर्गनाइजर ने नहीं बताई। इस हटाए गए लेख में दावा किया गया था कि "कैथोलिक चर्च देश में सबसे बड़ा गैर-सरकारी जमीन मालिक है।" इस लेख का शीर्षक था, "भारत में किसके पास ज्यादा जमीन है? कैथोलिक चर्च बनाम वक्फ बोर्ड बहस।" इस लेख में दावा किया गया था कि कैथोलिक संस्थानों के पास 7 करोड़ हेक्टेयर जमीन है, जो उन्हें "सबसे बड़ा गैर-सरकारी जमीन मालिक" बनाती है। यह लेख गुरुवार को वेबसाइट पर प्रकाशित हुआ था, लेकिन नेता विपक्ष राहुल गांधी और केरल के सीएम पी. विजयन के विरोध के बाद इसे हटा लिया गया।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इस लेख को लेकर संघ परिवार पर जमकर निशाना साधा। दोनों नेताओं ने आरोप लगाया कि वक्फ संशोधन विधेयक, जो हाल ही में संसद से पारित हुआ, के बाद अब संघ परिवार का निशाना ईसाई समुदाय पर है।
राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "मैंने कहा था कि वक्फ विधेयक अभी तो मुसलमानों पर हमला कर रहा है, लेकिन यह भविष्य में अन्य समुदायों को निशाना बनाने का आधार तैयार कर रहा है। ज्यादा समय नहीं लगा और आरएसएस ने अपना ध्यान ईसाइयों की ओर मोड़ लिया। संविधान ही वह एकमात्र ढाल है जो हमारे लोगों को ऐसे हमलों से बचाता है - और इसे बचाना हमारा सामूहिक कर्तव्य है।" राहुल गांधी की इस आपत्ति के बाद आरएसएस के अखबार "ऑर्गनाइज़र" ने उस लेख को चुपचाप हटा लिया।
I had said that the Waqf Bill attacks Muslims now but sets a precedent to target other communities in the future.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 5, 2025
It didn’t take long for the RSS to turn its attention to Christians.
The Constitution is the only shield that protects our people from such attacks - and it is… pic.twitter.com/VMLQ22nH6t
वहीं, केरल के सीएम पिनराई विजयन ने एक बयान में कहा, "ऑर्गनाइज़र का लेख इस बात का संकेत देता है कि वक्फ विधेयक पारित होने के बाद संघ परिवार अब कैथोलिक चर्च को निशाना बनाने की ओर बढ़ रहा है। चर्च की संपत्ति का अनावश्यक और असामयिक उल्लेख कुछ भयावह संकेत देता है। हालांकि लेख को वापस ले लिया गया, लेकिन इससे संघ परिवार की मानसिकता उजागर हो गई।"
The article in the RSS mouthpiece @eOrganiser about the Church's ownership of land, published soon after the Waqf Amendment Act was passed, lays bare the Sangh Parivar’s deep-rooted antagonism towards minorities. Though later withdrawn, it reveals a deliberate, step-by-step…
— Pinarayi Vijayan (@pinarayivijayan) April 5, 2025
यह विवाद ऐसे समय सामने आया है, जब केरल में बीजेपी ईसाई समुदाय को लुभाने की कोशिश कर रही है। खासकर मुन्नमबम में 600 से अधिक परिवारों के वक्फ बोर्ड के जमीन दावे के खिलाफ लड़ाई में। बीजेपी ने वक्फ विधेयक के पारित होने को मुन्नमबम के ईसाइयों की परेशानी खत्म करने का दावा करते हुए इसका जश्न मनाया था।
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने कहा, "किसी ने एक पुराना लेख डाउनलोड कर इसे आगे बढ़ाया। इसे तुरंत जांचा गया और हटा लिया गया। बीजेपी और आरएसएस कैथोलिक चर्च के बहुत करीब हैं। चर्च ने किसी की जमीन नहीं हड़पी। बीजेपी ईसाइयों के साथ खड़ी है।"
ऑर्गनाइजर में उस लेख को शशांक कुमार द्विवेदी ने लिखा था, जिसे अब वेबसाइट से हटा लिया गया है। पत्रिका के संपादक प्रफुल्ल केतकर ने बाद में कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला के बयान का हवाला दिया और एक्स पर एक नया लेख पोस्ट किया जिसका शीर्षक था: "हमारी ज़मीन, वक्फ की नहीं: वक्फ बिल पास होने के बाद केरल के 50 ईसाई भाजपा में शामिल हुए।" केतकर ने यह भी कहा, "पुरानी कहानी से दूर रहने के बजाय, विपक्ष के नेता को इस मुद्दे पर बात करनी चाहिए।" तिरुवनंतपुरम में कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने मीडिया से कहा, "ऑर्गनाइज़र में प्रकाशित लेख बेहद निंदनीय है। वक्फ बिल के पारित होने के समय कांग्रेस और राहुल गांधी ने कहा था कि अगला कदम ईसाइयों के खिलाफ होगा... वक्फ बिल के जरिए वे वक्फ संपत्तियों को नियंत्रित करना चाहते हैं। अगला कदम भारत में कैथोलिक समुदाय के स्वामित्व वाली संपत्तियों को नियंत्रित करना होगा। उस लेख से वो बात साबित हो गई है।"
इंडियन एक्सप्रेस ने केतकर को इस संबंध में फोन पर, वाट्सऐप पर जानना चाहा कि द्विवेदी का लेख क्यों हटा दिया गया। लेकिन केतकर ने न तो फोन उठाय़ा और न ही वाट्सऐप पर पूछे गए सवाल का जवाब दिया। स्पष्ट है कि आरएसएस और ऑर्गनाइजर दोनों ही राहुल गांधी और पी. विजयन के हमले से डर गए।
इस पूरे घटनाक्रम से यह साफ होता है कि वक्फ विधेयक के बाद अब अल्पसंख्यक समुदायों के बीच एक नया राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है, जिसमें राहुल गांधी और पिनराई विजयन जैसे नेता संघ परिवार पर हमला बोल रहे हैं, जबकि बीजेपी इसे गलतफहमी करार दे रही है।