जींद उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी कृष्ण मिड्ढा जीत गए हैं। उन्हें 12935 वोट से जीत मिली है। जननायक जनता पार्टी के उम्मीदवार दिग्विजय चौटाला दूसरे नंबर पर रहे जबकि कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला तीसरे नंबर पर रहे। गुरुवार को ही राजस्थान की रामगढ़ सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे आए जिसमें कांग्रेस को बड़ी जीत मिली।
बीजेपी प्रत्याशी कृष्ण मिड्ढा को 50566 वोट, दिग्विजय चौटाला को 37631 वोट और रणदीप सुरजेवाला को 22740 वोट मिले।
भाजपा के बाग़ी सांसद राजकुमार सैनी की पार्टी लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी (एलएसपी) के उम्मीदवार विनोद आश्री को 13582 वोट मिले और वह चौथे स्थान पर रहे। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) को इस चुनाव में जनता ने पूरी तरह नकार दिया। इनेलो पाँचवें स्थान पर रही और उसके प्रत्याशी उमेद सिंह को सिर्फ़ 3454 वोट मिले।
चुनाव में हार के बाद सुरजेवाला ने कहा, मुझे पार्टी ने जो ज़िम्मेदारी दी थी, मैंने उसे निभाया। मैं बीजेपी प्रत्याशी मिड्ढा को बधाई देता हूँ।
बीजेपी प्रत्याशी कृष्ण मिड्ढा ने जीत के बाद कहा कि मैं जीत पर सभी को धन्यवाद देता हूँ। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को आगे ले जाने का काम करेंगे।
उधर, रामगढ़ में कांग्रेस प्रत्याशी शफ़िया जुबेर ख़ान ने 12,228 वोटों से जीत दर्ज़ की। शफ़िया को कुल 83311 वोट मिले जबकि बीजेपी के प्रत्याशी सुखवंत सिंह को 71083 वोट मिले।
कांग्रेस की ओर से सुरजेवाला को मैदान में उतारने के बाद से ही यह सवाल पूछा जा रहा था कि आख़िर कांग्रेस ने अपने बड़े नेता को उपचुनाव में क्यों उतारा। जिस तरह से रुझान सामने आ रहे हैं और अगर यह नतीजों में तब्दील होते हैं तो इससे कांग्रेस की रणनीति को भारी झटका लगेगा। इससे यह बात भी साबित होती है कि सुरजेवाला को भितरघात का सामना करना पड़ा है।
बड़ा सवाल : कांग्रेस ने सुरजेवाला को क्यों उतारा मैदान में
इसके अलावा सुरजेवाला पहले ही कैथल की सीट से विधायक हैं। ऐसे में एक नेता जो पहले से ही विधायक है, उसे उपचुनाव में उतारने को लेकर कई तरह की चर्चाएँ थीं। कांग्रेस की कोशिश थी कि अगर सुरजेवाला चुनाव जीत जाते हैं तो वह राज्य में लोकसभा चुनाव और उसके कुछ ही महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में उन्हें आगे कर राज्य में अपने नेताओं की गुटबाज़ी पर विराम लगा सकेगी। लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।
हरियाणा में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गुटों के बीच कई बार लड़ाई सड़क पर आ चुकी है। जाट और ग़ैर-जाट नेताओं की इस लड़ाई में कांग्रेस हाईकमान को ऐसा नेता चाहिए था जो दोनों समुदायों में लोकप्रिय हो। इसीलिए हाईकमान ने सोच-समझकर ही सुरजेवाला को मैदान में उतारा था।
उधर, रामगढ़ की सीट पर जीत के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘जनता ने सही निर्णय लिया है और मैं इसके लिए लोगों का शुक्रिया अदा करता हूँ। जनता ने सही समय पर सही संदेश दिया है। इस जीत से पार्टी को लोकसभा चुनाव में फ़ायदा होगा।’
रामगढ़ सीट पर जीत के बाद कांग्रेस प्रत्याशी शफ़िया जुबेर ने कहा कि लोग जानते हैं कि कांग्रेस काम में विश्वास रखती है।