गो तस्करी के शक में लिंच यानी पीट-पीट कर मार दिए गए पहलू ख़ान के परिवार को राजस्थान हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने पहलू ख़ान, उनके दोनों बेटे और गाड़ी के चालक के ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर और चार्जशीट को रद्द करने का आदेश दिया है।
एक अप्रैल, 2017 को 55 वर्षीय पहलू ख़ान जयपुर से पशु ख़रीदकर ला रहे थे तब बहरोड़ में कथित गो रक्षकों ने उन्हें गो तस्करी के शक में बुरी तरह पीटा था जिसके दो दिन बाद अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया था। बहरोड़ पुलिस स्टेशन ने इस मामले में 7 एफ़आईआर दर्ज की थीं। इसमें से एक पहलू ख़ान की हत्या और छह गोवंश के अवैध व्यापार से संबंधित थीं।
पुलिस ने जहाँ हमलावरों के ख़िलाफ़ हत्या का मामला दर्ज किया था वहीं उन्होंने पहलू ख़ान, उनके बेटों और ट्रक के चालक के ख़िलाफ़ बिना परमिट के मवेशियों को ले जाने का आरोप लगाकर एफ़आईआर दर्ज की थी। पुलिस के मुताबिक़, इन गोवंश को छह वाहनों में ले जाया जा रहा था।
पहलू खान के बेटों ने एफ़आईआर के ख़िलाफ़ अपील करते हुए कहा था कि वे मामले में वास्तविक पीड़ित थे। उन्होंने पशुधन ख़रीदने को प्रमाणित करने के लिए जयपुर पशु मेले से प्राप्ति रसीदों का भी दावा किया।
पहलू ख़ान की हत्या मामले में पुलिस ने अदालत के सामने विपिन, रविंद्र, कालू राम, दयानंद और योगेश कुमार के ख़िलाफ़ 31 मई, 2017 को चार्जशीट दायर की थी। लेकिन ज़िला अदालत ने इस मामले में सभी 6 अभियुक्तों को बरी कर दिया था। पहलू खान की लिंचिंग के मामले में सभी 6 अभियुक्तों के बरी होने के लिए परिजनों और इनके वकील ने जाँच की विफलता को ज़िम्मेदार ठहराया है। उनका आरोप है कि इस केस को हर स्तर पर कमज़ोर किया गया। अभियुक्तों के वकील ने भी माना कि पहलू ख़ान के बेटों पर गोतस्करी का केस दर्ज होने से उनकी दलील को मज़बूती मिली। पूरी जाँच प्रक्रिया वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली पूर्व की बीजेपी सरकार के दौरान चली। हालाँकि, गलहोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान भी पहलू ख़ान के बेटों के ख़िलाफ़ गो तस्करी का मामला दर्ज किया गया।
इसी साल जब पुलिस ने पहलू ख़ान और उनके बेटों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल की थी तो अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की तीखी आलोचना हुई थी। हालाँकि मुख्यमंत्री गहलोत ने यह कहते हुए ख़ुद का बचाव किया था कि पुलिस की चार्जशीट उस जाँच पर आधारित थी जो पूर्व की बीजेपी सरकार के दौरान की गई थी। उन्होंने तब यह भी भरोसा दिलाया था कि यदि जाँच में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो उसको सुधारा जाएगा।
इस मामले में कई तरह के सवाल उठे तो गहलोत सरकार ने कहा था कि वह पहलू ख़ान मामले की फिर जाँच कराएगी और इसके लिए एक विशेष जाँच टीम (एसआईटी) का गठन किया जाएगा।