राजस्थान के जुनैद व नासिर की हत्या के मामले में विवाद थमता नहीं दिख रहा है। एक तरफ़ राजस्थान पुलिस की एफ़आईआर से मोनू मानेसर व एक अन्य आरोपी के नाम हटा दिए गए हैं तो दूसरी तरफ़ आरोपियों के समर्थन में गुरुवार को एक और महापंचायत हुई। आरोपियों के समर्थन में भिवानी में हुई यह तीसरी हिंदू महापंचायत थी। मंगलवार और बुधवार को भी गुरुग्राम और पलवल में महापंचायत हुई थी। और इसी बीच रिपोर्ट आई कि राजस्थान पुलिस ने एफ़आईआर से मोनू मानेसर और लोकेश सिंगला के नाम हटा दिए।
इन दोनों के नाम हटाए जाने के मामले ने भी तूल पकड़ लिया है। सवाल उठाया जा रहा है कि आख़िर इन दोनों के नाम एफ़आईआर में क्यों शामिल नहीं किए गए हैं? क्या इसके पीछे किसी तरह का दबाव है या फिर इनके नाम पहले पुलिस ने आरोपियों की सूची में बिना जाँच पड़ताल के डाल दिए थे?
यह मामला हरियाणा के भिवानी में एक जले हुए वाहन के अंदर दो जले हुए शव मिलने का है। शव मिलने से एक दिन पहले ही राजस्थान में एक परिवार ने एफ़आईआर दर्ज कराई थी कि दो व्यक्ति जुनैद और उसके दोस्त नासिर लापता हो गए हैं। परिवार ने आरोप लगाया है कि दोनों अपनी कार से जा रहे थे तो बजरंग दल के सदस्यों द्वारा उनका अपहरण कर लिया गया था। प्राथमिकी दर्ज कराने वाले जुनैद के चचेरे भाई इस्माइल ने कहा कि शव जुनैद और नासिर के थे और उनकी हत्या की गई थी।
पहले मोनू मानेसर को मामले का मुख्य आरोपी बनाया गया था और वह पुलिस गिरफ्त से दूर है। मोनू के अलावा बाकी आरोपी भी फरार हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार मोनू गौरक्षक दल से जुड़ा होने के साथ पुलिस के मुखबिर के तौर पर काम कर रहा था।
इसी बीच मोनू को गिरफ्तारी से बचाने के लिए उसके समर्थन में हरियाणा की अलग-अलग जगहों पर महापंचायतें आयोजित की गईं। भिवानी हत्याकांड को लेकर बुधवार को हथीन की अनाज मंडी में चल रही महापंचायत में जुटे दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के हिंदू संगठनों ने ऐलान किया कि वे आरोपियों को गिरफ्तार नहीं होने देंगे।
इसी बीच इस मामले में राजस्थान पुलिस की जारी वॉन्टेड की नई सूची में मोनू मानेसर और लोकेश सिंगला के नाम नहीं हैं।
पुलिस ने भरतपुर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मामले के 8 अन्य वांछितों की सूची जारी की है। इनमें से 2 नूंह के और 6 हरियाणा के अन्य जिलों के हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार इस मामले के 5 में से एक नामजद आरोपी, जो पुलिस रिमांड पर है, रिंकू सैनी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।
बता दें कि मोनू मानेसर का असली नाम मोहित यादव है। वह गुरुग्राम बजरंग दल का जिला संयोजक है और काऊ टास्क फोर्स से जुड़ा हुआ है। यह टास्क फोर्स तस्करी और गोकशी से जुड़े मामलों में कार्रवाई करती है। 2011 में बजरंग दल की सदस्यता लेने के बाद से वह सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय है। उसकी टीम में बड़ी संख्या में लोग हैं और ये टीमें पानीपत, भिवानी, सोनीपत, गुरुग्राम, रेवाड़ी, नूंह और पलवल में सक्रिय हैं।
बुधवार को मेवात इलाके में पड़ने वाले हथीन में हुई महापंचायत में हिंदू राष्ट्र नवनिर्माण सेना ने दावा किया है कि इसमें 50 हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ जुटाई गई थी। महापंचायत में आए वक्ताओं ने दावा किया कि मोनू को फँसाने की साजिश कामयाब नहीं होने देंगे। इससे एक दिन पहले मंगलवार को मानेसर में भी मोनू के पक्ष में महापंचायत हुई थी।
हथीन की इस महापंचायत के लिए हिंदू संगठनों ने पहले से ही काफी तैयारियां की हुई थीं। इसमें गुरुग्राम, रेवाड़ी, नारनौल, पलवल, मेवात और फरीदाबाद तक के लोग शामिल हुए।