राजस्थान में राज्य निर्वाचन विभाग ने कांग्रेस की ओर से जारी 7 गारंटियों के विज्ञापन पर रोक लगा दी है। विभाग ने मतदाताओं को फोन के जरिए इन गारंटियों के बारे में बताने और उनसे रजिस्ट्रेशन करवाने के विज्ञापन को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताया है। विभाग ने इस संबंध में कांग्रेस से स्पष्टीकरण मांगा है।
अपने नोटिस में राज्य निर्वाचन विभाग ने कहा है कि इस विज्ञापन को राज्य स्तरीय विज्ञापन अधिप्रमाणन समिति से मंजूर करवाए बिना जारी किया गया था।
इस विज्ञापन को लेकर पिछले दिनों भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता से मिला था और अपनी मांगों और शिकायतों का एक ज्ञापन सौंपा था।
भाजपा ने कांग्रेस के खिलाफ की गई अपनी शिकायत में कहा था कि कांग्रेस की ओर से अखबारों में कांग्रेस की सात गारंटी का जादू, 156 सीटों पर कांग्रेस की जीत पक्की और कांग्रेस की सात गारंटी का जादू शीर्षक से भ्रामक विज्ञापन छपवाया जा रहा है।
शिकायत में भाजपा ने कहा था कि इन विज्ञापनों में कहीं भी किसी विज्ञापन या प्रभाव फीचर का जिक्र नहीं था। ये विज्ञापन राज्य स्तरीय मीडिया मॉनिटरिंग एवं सर्टिफिकेशन कमेटी से प्रमाणित नहीं थे।
भाजपा की ओर से ये शिकायत आने के बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर से कांग्रेस को नोटिस जारी किया गया था।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष-महासचिव के नाम भेजे अपने नोटिस में लिखा है कि राज्य स्तरीय विज्ञापन अधिप्रमाणन समिति के संज्ञान में आया है कि आपके राजनीतिक दल द्वारा अपने चुनाव प्रचार से संबंधित 2 IVRS/OVD संदेश राज्य स्तरीय विज्ञापन समिति से प्रसारण प्रमाणपत्र प्राप्त किये बिना प्रसारित किए जा रहे हैं।
गहलोत की आवाज में संदेश प्रसारित हो रहा था
इस नोटिस में कहा गया है कि एक संदेश में अशोक गहलोत की आवाज में सात गारंटियों के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया फोन के माध्यम से प्रचारित किया जा रहा है।दूसरा संदेश मोबाइल नंबर पर मिस्ड कॉल करने के बाद नमस्कार जी, आपको बधाई। आपका नंबर गारंटियों के लिए सफलतापूर्वक रजिस्टर कर लिया गया है। प्रसारित हो रहा है।
इस नोटिस में कहा गया है कि भारत निर्वाचन आयोग ने अपने 24 मार्च 2014 के निर्देश में सभी राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को यह निर्देशित किया है कि, कोई भी विज्ञापन, जो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रसारित किया जाना प्रस्तावित है का पूर्व अधिप्रमाणन आवश्यक है।
इसमें कांग्रेस से कहा गया है कि आपके द्वारा उन निर्देशों की अनुपालना किए बिना इन संदेशों के माध्यम से मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया जा रहा है।
जो कि आदर्श आचार संहिता के तहत अनुमत नहीं है और इस प्रकार से अधिप्रमाणन करवाए बिना, राजनीतिक विज्ञापन के रूप में ऑडियो संदेश प्रसारित करना भारत निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों की स्पष्ट अवहेलना है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर से जारी इस नोटिस में कहा गया है कि आपको आदेश दिया जाता है कि आप उक्त दोनों ऑडियो संदेशों का प्रसारण तुरंत प्रभाव से रुकवाएं और यह स्पष्ट करवाएं कि आप द्वारा किन कारणों से बिना अधिप्रमाणन के उक्त विज्ञापन संदेश प्रसारित कर आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों की अवहेलना की गई।