किसान नेता राकेश टिकैत पर शुक्रवार शाम को अलवर में हमला हुआ है। कुछ लोगों ने उनकी गाड़ी पर पत्थर और डंडों से हमला किया और उनके काफिले में शामिल लोगों से मारपीट की। टिकैत ने बताया कि उनके गनर से पिस्टल छीनने की कोशिश की। हमले के बाद आक्रोशित किसानों ने दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर कई जगह प्रदर्शन किया और इस वजह से रात को लंबा जाम भी लग गया।
हमले के बाद टिकैत ने कहा कि यह घटना बीजेपी के षड्यंत्र के कारण हुई है और अब बीजेपी बेनकाब हो चुकी है। उन्होंने कहा कि घटना से जुड़े हमलावर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सक्रिय कार्यकर्ता हैं और स्थानीय सांसद बालक नाथ और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के करीबी हैं।
उन्होंने किसानों से अपील की है कि घटना के विरोध में कोई एक्शन नहीं लेना है और संयुक्त मोर्चा की बैठक में इस पर चर्चा कर आगे की रणनीति तय की जाएगी। टिकैत ने कहा कि हम इस संघी षड्यंत्र से डरने वाले नहीं है और हमारे कार्यक्रम जारी रहेंगे।
टिकैत ने बीजेपी को चेताया कि अगर संयुक्त मोर्चा के नेताओं के साथ इस तरह की घटनाएं की गईं तो बीजेपी के सांसद-विधायक भी सड़क पर नहीं चल पाएंगे। किसान आंदोलन में सक्रिय कई नेताओं ने इस घटना के विरोध में आंदोलन की चेतावनी दी है।
संसद तक मार्च निकालेंगे किसान
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि मई में किसान संसद तक मार्च निकालेंगे। किसान तीन कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे हैं और पिछले कई महीनों से दिल्ली की सीमा पर डेरा डाले हुए हैं।
किसान नेताओं ने कहा है कि मई के पहले पखवाड़े में निकलने वाले संसद मार्च में किसानों और मज़दूरों, महिलाओं, दलित-आदिवासी-बहुजन, बेरोज़गार युवा के अलावा समाज के हर वर्ग के लोग इस मार्च का हिस्सा होंगे। उन्होंने कहा कि किसान केएमपी एक्सप्रेसवे को 10 अप्रैल को 24 घंटे के लिए रोक देंगे।