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शर्मनाक! मटका छूने पर शिक्षक ने दलित बच्चे को पीटकर मार डाला

शर्मनाक! मटका छूने पर शिक्षक ने दलित बच्चे को पीटकर मार डाला

देश में दलितों की हालत कैसी है और उनका उत्पीड़न किस हद तक होता है, यह राजस्थान के जालौर में पीट-पीटकर मार डाले गए दलित बच्चे की घटना से भी साफ़ होता है। मटका छूने के लिए ऐसी पिटाई!

राजस्थान के जालौर में एक शर्मनाक घटना घटी है। 9 साल के एक दलित छात्र को इसलिए पीटकर मार डाला गया कि उसने उस मटके से पानी पी लिया था जो कथित तौर पर शिक्षक के लिए अलग रखा गया था। आरोपी शिक्षक को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।

बच्चे की मौत शनिवार को हुई। लेकिन यह घटना 20 जुलाई को जालौर जिले के सायला गाँव के एक निजी स्कूल में हुई थी। जख्मी बच्चे को इलाज के लिए गुजरात के अहमदाबाद ले जाया गया था। रिपोर्टों के अनुसार पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लड़के की कल अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।

लड़के के परिवार ने अपनी शिकायत में कहा है कि पीने के पानी के बर्तन को छूने पर लड़के को बुरी तरह पीटा गया। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, लड़के के पिता देवराम मेघवाल ने कहा, 'मेरे बेटे को उसके बर्तन से पानी पीने के लिए शिक्षक चैल सिंह ने पीटा और जातिवादी गालियाँ दीं। लड़के को ख़ून बहा और मैं उसे इलाज के लिए उदयपुर और फिर अहमदाबाद ले गया जहाँ उसकी मृत्यु हो गई।'

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि उन्होंने अधिकारियों को मामले की त्वरित जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने ट्वीट किया, 'पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द न्याय सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री राहत कोष से परिवार को पांच लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।'

इस घटना पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा है, 'राजस्थान के जालौर जिले के सुराणा में प्राइवेट स्कूल के 9 साल के दलित छात्र द्वारा प्यास लगने पर मटके से पानी पीने पर सवर्ण जाति के जातिवादी सोच के शिक्षक ने उसे इतनी बेरहमी से पीटा कि कल उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। इस हृदय विदारक घटना की जितनी निन्दा व भर्त्सना की जाए वह कम।'

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा है, 'जालौर के निजी स्कूल में एक छात्र के साथ शिक्षक द्वारा की गई मारपीट से छात्र की मृत्यु होना झकझोर देने वाली घटना है। इस भयानक घटना की जितनी निंदा की जाए वह कम है। समाज में व्याप्त इन कुरीतियों को हमें ख़त्म करना ही होगा।'

दलित, आदिवासियों के अधिकार की बात करने वाली संस्था ट्राइबल आर्मी के हंसराज मीणा ने कहा है, 'जहां आस्था के नाम पर गाय का मूत्र तक खुशी खुशी पी लिया जाता, वहां एक दलित बच्चे को पानी पीने के लिए मार दिया जाता है।'

दलित अधिकार की बात करती रहीं मीणा कोटवाल ने दलित बच्चे की मौत की ख़बर को ट्वीट करते हुए लिखा है, 'आओ हम सब मिलकर आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाते हैं!'

रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा है, 'सवर्ण मास्टर जी की मटकी से पानी पीने पर दलित बच्चे की हत्या, हाथरस से कम वीभत्स नहीं। अति निंदनीय।'

वैसे, दलितों के ख़िलाफ़ यह कोई पहला मामला नहीं है जिसमें दबंग ऊँची जाति के लोगों पर अत्याचार करने के आरोप लगे हैं। ऐसे मामले लगातार आते रहे हैं। अभी हाल ही में पिछले महीने यूपी के ही रायबरेली से ऐसे ही अत्याचार का एक मामला सामने आया था। 

तब वायरल हुए एक वीडियो में दिखा था कि कुछ युवक दलित युवक की पिटाई करते नज़र आते हैं। वीडियो में दिखा था कि युवक हाथ जोड़े खड़ा था और एक युवक उसे बेल्ट जैसी किसी चीज से पिट रहा था। वीडियो में आगे दिखा था कि पीड़ित जमीन पर दोनों हाथों से कान पकड़े हुए बैठा था। आरोपी मोटरसाइकिल पर बैठा हुआ दिखा था। पीड़ित जमीन पर डर के मारे कांप रहा था। और फिर मोटरसाइकिल पर बैठा आरोपी पीड़ित को पैर चाटने के लिए मजबूर किया था।

इससे पहले बिहार में भी ऐसी ही एक ख़बर आई थी। राज्य के औरंगाबाद ज़िले में दिसंबर महीने में दबंग जाति के एक उम्मीदवार को मुखिया चुनाव में वोट नहीं देने की वजह से दो दलितों को कथित तौर पर कान पकड़ कर उठक-बैठक करने को मजबूर किया गया। इतना ही नहीं, उन्हें थूक चाटने को मजबूर किया गया।

इस साल जनवरी में मध्य प्रदेश के नीमच जिले के एक गांव में एक दलित व्यक्ति की बारात पुलिस सुरक्षा में निकाली गई थी। दूल्हे ने अपने हाथ में संविधान की प्रति ले रखी थी। दूल्हे के परिवार ने कुछ प्रभावशाली लोगों पर बारात में बाधा डालने की आशंका जताई थी। 

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