दलित छात्र की हत्या के बाद कांग्रेस विधायक मेघवाल का इस्तीफ़ा
राजस्थान के जालोर जिले में एक शिक्षक की पिटाई के बाद दलित छात्र इंद्र कुमार मेघवाल की मौत हो गई थी। इस घटना से आहत होकर कांग्रेस के विधायक पानाचंद मेघवाल ने विधायक के पद से इस्तीफा दे दिया है। विधायक ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस्तीफे का पत्र लिखकर कहा है कि जब हम लोग अपने समाज के हक की रक्षा करने और उन्हें इंसाफ दिलवाने में नाकाम हैं तो हमें पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है। मेघवाल बारां अटरू सीट से विधायक हैं।
बता दें कि दलित छात्र इंद्र कुमार मेघवाल को छैल सिंह नाम के एक शिक्षक ने सिर्फ इसलिए पीटा था क्योंकि उस बच्चे ने शिक्षक के मटके से पानी पी लिया था। बच्चे की उम्र सिर्फ 9 साल थी।
यह मटका कथित तौर पर शिक्षक के पानी पीने के लिए अलग से रखा गया था। इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर शिक्षक के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस मामले में ट्वीट किया है।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
विधायक पानाचंद मेघवाल ने मुख्यमंत्री गहलोत को लिखे पत्र में कहा है कि भारत अपनी आजादी के 75 साल पूरे कर रहा है लेकिन इतने साल बाद भी राजस्थान में दलित और वंचित वर्ग पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि उनका समाज आज जिस तरह की यातनाएं झेल रहा है उसका दर्द शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
विधायक ने लिखा है कि प्रदेश में दलितों और वंचितों को मटके से पानी पीने के नाम पर तो कहीं घोड़ी पर चढ़ने और मूंछ रखने के नाम पर घोर यातनाएं देकर मौत के घाट उतारा जा रहा है।
विधायक ने पत्र में लिखा है कि जांच के नाम पर फाइलों को इधर उधर घुमा कर न्यायिक प्रक्रिया को अटकाया जा रहा है और पिछले कुछ सालों से दलितों पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
विधायक मेघवाल ने लिखा है कि दलितों पर अत्याचार के ज्यादातर मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगा दी जाती है और कई बार ऐसे मामलों को विधानसभा में उठाने के बाद भी पुलिस प्रशासन हरकत में नहीं आया।
मेघवाल ने लिखा है कि ऐसे में अंतरात्मा की आवाज पर वह विधायक के पद से इस्तीफा दे रहे हैं।मुख्यमंत्री उनका इस्तीफा स्वीकार करें ताकि वह बिना पद के ही अपने समाज की सेवा कर सकें।
विधायक ने पत्र में यह भी लिखा है कि बच्चे के परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं है और ऐसे में बच्चे के परिजन को सरकारी नौकरी और कम से कम 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। इसके साथ ही इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।
निश्चित रूप से जालोर की यह घटना बेहद अमानवीय और इंसानियत को शर्मसार करने वाली है। जहां पर जाति के अहंकार के चलते एक शिक्षक ने एक छोटे से बच्चे को बेरहमी से पीट दिया और छोटे से बच्चे ने बाद में दम तोड़ दिया।
टीचर छैल सिंह को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ एससी एसटी एक्ट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में बीजेपी और बीएसपी ने गहलोत सरकार को घेरा है।