राजस्थान की सियासत में कथित ऑडियो टेप सामने आने के बाद बवाल मच गया है। राजस्थान पुलिस की एक टीम केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से इस मामले में पूछताछ करने के लिए दिल्ली आई है।
इससे पहले गहलोत सरकार ने एक्शन में आते हुए कथित ऑडियो टेप को लेकर शेखावत व कांग्रेस के बाग़ी विधायक भंवर लाल शर्मा के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर ली है।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शुक्रवार को कहा कि जो दो कथित ऑडियो टेप सामने आए हैं, इनमें गजेंद्र सिंह शेखावत, भंवर लाल शर्मा और बीजेपी नेता संजय जैन के बीच बातचीत हो रही है।
कांग्रेस का कहना है कि ऑडियो टेप में बातचीत के दौरान पैसे के लेन-देन को लेकर और गहलोत सरकार को गिराने की साज़िश रची जा रही है।
कांग्रेस के आरोप पर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा है कि वह किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं और इन ऑडियो टेप में उनकी आवाज़ नहीं है।
एफ़आईआर दर्ज करने के अलावा कांग्रेस ने दो विधायकों को प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। ये दोनों ही विधायक बाग़ी नेता सचिन पायलट के समर्थक हैं। इनमें भंवर लाल शर्मा के अलावा विश्वेंद्र सिंह का नाम शामिल है। इन दोनों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। हालांकि शर्मा ने इन ऑडियो टेप को फ़र्जी बताया है और कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों से इनकार किया है।
इससे पहले 14 जुलाई को कांग्रेस ने बड़ा एक्शन लेते हुए सचिन पायलट को उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटा दिया था। पायलट के क़रीबी विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि उनकी सरकार गिराने के लिए बीजेपी द्वारा किए जा रहे षड्यंत्र में सचिन पायलट भी शामिल थे।