राजस्थान भाजपा को अपना चुनाव अभियान चलाने के लिए केंद्रीय नेताओं की मदद लेनी पड़ रही है। इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री मोदी की रैलियां बुधवार से राज्य में शुरू हो रही है। प्रधानमंत्री पांच दिनों तक प्रचार करेंगे। 15 नवंबर को वो बाड़मेर के बायतु में, 18 नवंबर को नागौर और भरतपुर में और 20 नवंबर को पाली में रैली को संबोधित करेंगे।
भाजपा का जोर पीएम मोदी के रोड शो पर भी है। 22 नवंबर को पीएम मोदी जयपुर में चार विधानसभा क्षेत्रों पर आधारित रोड शो करेंगे। प्रचार के आखिरी दिन यानी 23 नवंबर को भी मोदी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह क्षेत्र जोधपुर में रोड शो करेंगे।
अमित शाह और नड्डा की भी ड्यूटी
पार्टी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की भी ड्यूटी लगाई है। उनका प्रचार अभियान 16 नवंबर से शुरू होगा। सूत्रों ने बताया कि वो 16 और 17 नवंबर को राजस्थान में रहेंगे। अपने अभियान के दूसरे चरण में शाह 21 नवंबर से 23 नवंबर तक प्रचार के आखिरी तीन दिन सार्वजनिक बैठकें और रोड शो करेंगे। इसी तरह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 17 नवंबर और 18 नवंबर को राज्य में चुनाव प्रचार करेंगे और कई रैलियों को संबोधित करेंगे। अगले चरण में नड्डा 20 नवंबर से तीन दिनों तक प्रचार करेंगे।
क्षेत्रीय नेता उपलब्ध नहींः भाजपा ने राज्य के कई पार्टी नेताओं को स्टार प्रचारक सूची में शामिल किया लेकिन उनमें से कई अपने खुद के चुनाव अभियानों में व्यस्त हैं। इस सूची में भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सतीश पूनिया, विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़, पार्टी सांसद राज्यवर्धन राठौड़ और दीया कुमारी शामिल हैं। पूनिया मुख्य रूप से अपने निर्वाचन क्षेत्र आमेर पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जबकि राजेंद्र राठौड़ तारापुर में अपने चुनाव अभियान में व्यस्त हैं। राज्यवर्धन राठौड़ और दीया कुमारी भी अपनी-अपनी सीटों को संभाल रहे हैं।
वसुंधरा कहां हैं
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे प्रचार कर रही हैं, लेकिन सूत्रों ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि वह ज्यादातर उन सीटों पर प्रचार करने जा रही हैं, जहां पार्टी के उम्मीदवार या उनके अपने समर्थक उनसे सीधे प्रचार करने के लिए कह रहे हैं। राजे की गुरुवार को कई विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार करने जा रही हैं।
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे
वसुंधरा शुरू से ही भाजपा के चुनाव प्रचार को लेकर उत्साहित नहीं थीं। कायदे से उन्हें राज्यभर का प्रचार करना था लेकिन उन्होंने व्यवस्थित ढंग से प्रचार नहीं किया। वसुंधरा चाहती थीं कि पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करे। लेकिन पार्टी ने वसुंधरा को जरा भी महत्व नहीं दिया। भाजपा लोकसभा चुनाव में मोदी फेस के आधार पर विधानसभा चुनाव जीतने की उम्मीद कर रही है। वसुंधरा के समर्थकों को मुश्किल से कुछ टिकट पार्टी ने दिए लेकिन बाकी लोगों के टिकट काट दिए। कुछ ने इसी वजह से बगावत भी कर दी।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत को भी पार्टी ने तैनात किया है। वो तीन से चार जनसभाओं को संबोधित करने के साथ-साथ कुछ विधानसभा क्षेत्रों में जन संपर्क भी कर रहे हैं।