राजस्थानः कांग्रेस की रणनीति बदल रही है, सचिन पायलट क्यों दिखने लगे होर्डिंग में?
कांग्रेस के विज्ञापन क्रिएटिव, जिसमें पायलट और गहलोत को एक साथ दिखाया गया है, राज्य की राजधानी जयपुर, टोंक जिले जहां से पायलट चुनाव लड़ रहे हैं और पूर्वी राजस्थान के जिलों में प्रदर्शित किए गए हैं, जहां गुर्जर समुदाय का वर्चस्व है।
राजस्थान के तमाम फ्लाईओवरों, व्यस्त चौराहों और जिलों की ओर जाने वाले राज्य राजमार्गों से लेकर पूरे राजस्थान में बड़े गुलाबी होर्डिंग्स अब दिखाई देने लगे हैं। इससे पहले कई महीनों तक होर्डिंग्स में सिर्फ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का मुस्कुराता हुआ चेहरा दिखाई देता था। कुछ हफ्ते पहले पोस्टरों में सीएम गहलोत के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी नजर आए थे। लेकिन अब जब मतदान करीब आ रहा है तो कांग्रेस नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी गहलोत के साथ विज्ञापन क्रिएटिव में प्रमुख स्थान मिला है।
कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि राजस्थान के गुर्जर समुदाय के सचिन पायलट प्रमुख नेता हैं। ऐसे में सचिन को नजरन्दाज नहीं किया जा सकता। इसीलिए उन्हें जयपुर, टोंक जिले, जहां से पायलट चुनाव लड़ रहे हैं और पूर्वी राजस्थान के जिलों में प्रदर्शित होर्डिंग में सीएम के साथ दिखाया गया है। पार्टी को सचिन की सख्त जरूरत है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पोस्टरों और होर्डिंग में पायलट को प्रमुखता से दिखाकर कांग्रेस दो संदेश देना चाहती है। सबसे पहले तो दोनों नेताओं के बीच अंदरूनी मतभेद खत्म हो गए हैं और पार्टी एकजुट होकर चुनाव लड़ रही है। दूसरे, यह पूर्वी राजस्थान में युवाओं और गुर्जर समुदाय को लुभाने का एक प्रयास है, जिसके बीच पायलट एक लोकप्रिय चेहरा बने हुए हैं।
पायलट के करीबी एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा- "पार्टी जानती है कि पायलट वह चेहरा हैं जो उन्हें जिलों में सभी समुदायों के मतदाताओं को लुभाने में मदद कर सकते हैं। राजस्थान के अलावा, पायलट तीन अन्य राज्यों में कांग्रेस के स्टार प्रचारक हैं। मध्य प्रदेश में इसी सप्ताह मतदान है और चुनाव प्रचार के लिए सचिन पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश का व्यापक दौरा भी करेंगे।''
पिछले महीने कांग्रेस के पोस्टर और होर्डिंग्स ने भी डोटासरा के चेहरे पर दाग लगा दिया था, जिसके कुछ दिनों बाद उन्होंने कथित तौर पर राजस्थान में कांग्रेस के चुनाव अभियान की देखरेख करने वाली एजेंसी डिज़ाइन्ड बॉक्स द्वारा बनाई गई प्रचार सामग्री का विरोध किया था। हालाँकि, डोटासरा और डिज़ाइन्ड बॉक्स के संस्थापक नरेश अरोड़ा दोनों ने स्थानीय मीडिया में चल रहे आरोपों का खंडन किया।
सूत्रों ने बताया कि डिज़ाइन बॉक्स कांग्रेस के चुनाव प्रचार की देखरेख कर रहा है। मुख्यमंत्री गहलोत के अलावा, प्रचार सामग्री में लोकप्रिय नेताओं में गोविंद डोटासरा, सीपी जोशी, भंवर जितेंद्र सिंह, शांति धारीवाल, विश्वेंद्र सिंह और एमएम मालवीय को शामिल किया गया था। लेकिन अब सचिन पायलट चमक बिखेर रहे हैं। होर्डिंग राजस्थान में कई स्थानों पर लगाए गए।
दिलचस्प बात यह है कि जहां कांग्रेस की प्रचार सामग्री में जहां उसके स्थानीय नेता और गहलोत सरकार की लोकप्रिय योजनाएं शामिल हैं, वहीं केंद्र के कांग्रेस के बड़े दिग्गज जैसे मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा इस ढंग से प्रदर्शित हैं कि उन्हें दूर से पहचानना मुश्किल है। यानी कांग्रेस अपने स्थानीय नेताओं को ज्यादा महत्व दे रही है।
इसके विपरीत भाजपा के चुनाव अभियान की प्रचार सामग्री में केंद्रीय नेताओं की भरमार है। राज्य भर में भाजपा के होर्डिंग में पांच प्रमुख चेहरे हैं। जिनमें बीच में सबसे बड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा, राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ शामिल हैं।
राजस्थान में मतदान 25 नवंबर को है। नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे। तमाम चुनावी सर्वे में जनता ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लोकप्रिय नेता बताया है लेकिन जीत के संकेत भाजपा के दिए गए हैं। हालांकि राजस्थान में भाजपा जबरदस्त अंदरूनी उठापटक की शिकार है। इसके बावजूद उसे कांग्रेस पर भारी बताया गया है।