रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज रविवार को कहा कि ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों की टक्कर की वजह पता चल गई है और जल्द ही इसका पूरा खुलासा किया जाएगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण यह हादसा हुआ। इस हादसे में 288 लोगों की जान चली गई और 1,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
हाल के इतिहास के सबसे विनाशकारी रेल हादसों में से एक यह हादसा पूरे देश को हिला गया। शुक्रवार शाम बालासोर जिले के बहनागा बाजार स्टेशन के पास तीन अलग-अलग पटरियों पर दो यात्री ट्रेनें और एक मालगाड़ी आपस में टकरा गईं, जिससे 17 डिब्बे पटरी से उतर गए और गंभीर नुकसान हुआ।
रेल मंत्री वैष्णो ने समाचार एजेंसी एएनआई से यह भी कहा कि मरम्मत कार्य की समीक्षा के बाद ट्रैक के रविवार शाम तक बहाल होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा-
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इस हादसे के मूल कारण की पहचान की गई है। हादसा 'इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव' के कारण हुआ। पीएम मोदी ने कल साइट का निरीक्षण किया। हम आज ट्रैक को बहाल करने की कोशिश करेंगे। सभी शवों को हटा दिया गया है। हमारा लक्ष्य बुधवार सुबह तक सबकुछ ठीकठाक करके इस ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन करना है।
-अश्विनी वैष्णो, रेल मंत्री, 4 जून 2023 सोर्सः एएनआई
हालांकि इस घटना की जांच की शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस मुख्य लाइन के बजाय लूप लाइन में घुस गई और वहां पहले से खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई। शुरुआती जांच रिपोर्ट में कहा गया है- 12841 (शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस) ट्रेन को अप मेन लाइन के लिए सिग्नल दिया गया लेकिन वो ट्रेन लूप लाइन में घुस गई और अप लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा कर पटरी से उतर गई। इस बीच, 12864 (बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस) डाउनवर्ड मेन लाइन से गुजरी और उसके दो डिब्बे पटरी से उतर गए और पलट गए। क्योंकि उस ट्रैक पर पलटे हुए डिब्बे पड़े थे। रेल मंत्री ने यह साफ नहीं किया है कि क्या वो इसी शुरुआती जांच को आधार बनाकर अपनी बात कह रहे हैं।
भारतीय वायु सेना (IAF) ने नागरिक प्रशासन और भारतीय रेलवे के साथ समन्वय करते हुए मृतकों और घायलों को निकालने में सहायता के लिए Mi-17 हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं। पूर्वी कमान के अनुसार, इस दुखद घटना के बाद के प्रबंधन में ये ठोस प्रयास महत्वपूर्ण रहे हैं। क्योंकि इससे तमाम यात्रियों को फौरन ही मेडिकल सहायता मिल गई।
रेल मंत्रालय भी बहाली के काम में सक्रिय रूप से लगा हुआ है, जो बालासोर में युद्धस्तर पर चल रहा है। मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा कि 1,000 से अधिक लोगों, सात पोकलेन मशीनों से अधिक, दो दुर्घटना राहत ट्रेनों और तीन से चार रेलवे और रोड क्रेन को जल्द से जल्द बहाली के लिए तैनात किया गया है।
मंत्रालय के एक ट्वीट में लिखा गया है, "ओडिशा के बालासोर में ट्रेन दुर्घटना स्थल पर 1000+ मैनपावर के साथ मरम्मत का काम युद्धस्तर पर चल रहा है।"