‘मिशन शक्ति’ पर संग्राम, राहुल बोले, मोदी का चेहरा देखा, डरे हुए थे
एंटी सैटेलाइट हथियार को लेकर बीजेपी और विपक्षी दलों में संग्राम छिड़ गया है। जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में इस बात की घोषणा की, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने उन पर तीख़ा तंज कसा। इसके बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती, एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री पर वैज्ञानिकों की आड़ में राजनीति करने का आरोप लगाया। बता दें कि भारत ने अंतरिक्ष में बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए लो अर्थ ऑर्बिट में एक सैटेलाइट को मार गिराया है। अंतरिक्ष में किसी सैटेलाइट को निशाना बनाकर उसे ध्वस्त करने की क्षमता रखने वाला भारत चौथा देश बन गया है। इस अभियान को 'मिशन शक्ति' नाम दिया गया था।
राहुल गाँधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने यह घोषणा करने के लिए देश को 45 मिनट तक इंतजार करवाया, राहुल ने सवाल पूछते हुए कहा कि संबोधन के दौरान क्या आपने प्रधानमंत्री का चेहरा देखा। राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री को पता चल गया है कि कांग्रेस अब लोगों को ‘न्याय’ देने जा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने ने कहा कि प्रधानमंत्री इस बात से डरे हुए हैं कि उनका समय जा चुका है। इससे पहले राहुल ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए उन्हें विश्व रंगमंच दिवस की शुभकामनाएँ दीं थीं। राहुल ने साथ ही डीआरडीओ के वैज्ञानिकों से कहा था कि हमें आप पर गर्व है।
Well done DRDO, extremely proud of your work.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 27, 2019
I would also like to wish the PM a very happy World Theatre Day.
कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया कि हम इसरो, डीआरडीओ और भारत सरकार को इस सफलता के लिए बधाई देते हैं। कांग्रेस ने कहा कि 1962 में पं. जवाहर लाल नेहरू द्वारा स्थापित किए गए भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम और इंदिरा गाँधी के द्वारा स्थापित किए गए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने हमेशा अपनी उपलब्धियों के माध्यम से भारत को हमेशा गौरवान्वित किया है। इस पर केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जोरदार पलटवार किया।
We congratulate @isro @DRDO_India & the Govt on the latest achievement for India. The Indian Space Programme established in 1962 by Pt. Jawaharlal Nehru & the Indian Space Research Organisation set up under Smt. Indira Gandhi has always made India proud through its achievements.
— Congress (@INCIndia) March 27, 2019
जेटली ने कहा, बहुत समय से हमारे वैज्ञानिकों की ऐसा करने की इच्छा थी लेकिन उनका कहना था कि भारत सरकार उन्हें इसकी अनुमति नहीं देती। जेटली के मुताबिक़, 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी अनुमति दी और तब जाकर इस दिशा में काम शुरू हुआ। जेटली ने कहा कि यह देश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।
राहुल गाँधी के बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी वैज्ञानिकों की आड़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुनावी लाभ लेने की कोशिश करने का आरोप लगाया। मायावती ने ट्वीट कर कहा कि देश का सिर ऊंचा करने के लिए भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों को बहुत बधाई। लेकिन इसकी आड़ में प्रधानमंत्री मोदी ने चुनावी लाभ के लिए जो राजनीति की है, वह अति निन्दनीय है। बीएसपी सुप्रीमो ने कहा है कि चुनाव आयोग को इसका संज्ञान अवश्य लेना चाहिए।
भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों द्वारा अंतरिक्ष में सैटेलाइट मार गिराये जाने का सफल परीक्षण करके देश का सर ऊंचा करने के लिए अनेकों बधाई। लेकिन इसकी आड़ में पीएम श्री मोदी द्वारा चुनावी लाभ के लिये राजनीति करना अति-निन्दनीय। मा. चुनाव आयोग को इसका सख्त संज्ञान अवश्य लेना चाहिए।
— Mayawati (@Mayawati) March 27, 2019
एसपी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बेरोज़गारी, गाँवों की समस्याएँ और महिला सुरक्षा जैसे बुनियादी मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश की है। अखिलेश ने कहा कि भारत को सुरक्षित बनाने के लिए डीआरडीओ, इसरो को बधाई।
Today @narendramodi got himself an hour of free TV & divert nation's attention away from issues on ground — #Unemployment #RuralCrisis & #WomensSecurity — by pointing at the sky.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 27, 2019
Congratulations @drdo_india & @isro — this success belongs to you. Thank you for making India safer.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मोदी का आज का संबोधन एक और नौटंकी है और प्रधानमंत्री मोदी इससे चुनावी लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आदर्श आचार संहिता का घोर उल्लंघन है। बनर्जी ने कहा कि शोध और अंतरिक्ष प्रबंधन सालों तक चलने वाली प्रक्रिया है। बनर्जी से कहा कि हमेशा की तरह मोदी हर चीज का श्रेय लेना चाहते हैं। लेकिन सही मायनों में इसका श्रेय वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को जाता है।
Today’s announcement is yet another limitless drama and publicity mongering by Modi desperately trying to reap political benefits at the time of election. This is a gross violation of Model Code of Conduct. 3/4
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) March 27, 2019
थोड़ी ही देर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भी सरकार के बचाव में कूद पड़ा। संघ ने ट्वीट कर कहा है कि एंटी सैटेलाइट हथियार के सफलतापूर्वक परीक्षण एवं भारत के अंतरिक्ष महाशक्ति बनने के अहम अवसर पर भारत के वैज्ञानिकों एवं भारत सरकार के नेतृत्व का समस्त देशवासियों की ओर से हार्दिक अभिनंदन।
मिशनशक्ति : एंटी सेटेलाइट वेपन A-SAT,के सफलतापूर्वक परीक्षण एवं भारत के अंतरिक्ष महाशक्ति बनने के महत्वपूर्ण अवसर पर भारत के वैज्ञानिकों एवं भारत सरकार के नेतृत्व का समस्त देशवासियों की ओर से हार्दिक अभिनंदन।राष्ट्रजीवन का यह गौरवशाली क्षण सदियों तक समाज के लिए प्रेरणास्रोत रहेगा pic.twitter.com/5fkRDZXtpA
— RSS (@RSSorg) March 27, 2019
बिहार विधानसभा में विपक्ष ने नेता तेजस्वी यादव ने तंज कसा कि साहब पूरी तरह 'नर्वसा' गए हैं और आज यह एक बार फिर साबित हो गया है। तेजस्वी ने राहुल गाँधी की न्याय योजना का जिक़्र करते हुए कहा है कि आप चिंता न करें, सभी को न्याय मिलेगा।
साहब पूरे “नर्वसा” गए है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 27, 2019
आज पुन: साबित हो गया।
Don't Worry, सबको “न्याय” मिलेगा।
न्यूज़ वेबसाइट ‘द प्रिंट’ के संपादक शेखर गुप्ता ने ट्वीट किया कि ए-सैट का लाँच होना एक बहादुरी भरा क़दम है लेकिन चुनाव से पहले प्रधानमंत्री का ख़ुद इस बारे में बताना उनकी हताशा को दिखाता है जबकि आज से पहले वह इस तरह हताश नहीं दिखाई देते थे। उन्होंने आगे कहा कि बालाकोट हमले के एक ही महीने में फ़ीके पड़ने के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर सुर्खियाँ बटोरने की यह एक नई कोशिश है।
While a successful A-SAT launch is a bold strategic move, PM making such a big deal of it personally shows a poll-eve desperation we hadn’t yet detected/suspected. It’s just a frantic new national security headline as Balakot has faded in a month.
— Shekhar Gupta (@ShekharGupta) March 27, 2019
साप्ताहिक उर्दू अख़बार ‘नई दुनिया’ के संपादक और पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी ने ट्वीट कर कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों को इसके लिए बधाई दी जानी चाहिए लेकिन प्रधानमंत्री मोदी बेवजह इसका श्रेय ले रहे हैं। सिद्दीकी ने कहा कि जब पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने अंतरिक्ष अनुसंधान की स्थापना की थी तो जनसंघ ने उन पर आरोप लगाया था कि वह अपने अहंकार को संतुष्ट करने के लिए परमाणु और अंतरिक्ष अनुसंधान पर एक ग़रीब राष्ट्र का पैसा बर्बाद कर रहे हैं। लेकिन आज हम नेहरू की ही वैज्ञानिक सोच का लाभ उठा रहे हैं।
Indian Scientists to be congratulated but Modi will take undue credit. When Nehru established space research Jana Sangh blamed him for wasting money of a poor nation on Nuclear& space research to satisfy his ego. But today we are reaping benefits of Nehru’s scientific temper
— shahid siddiqui (@shahid_siddiqui) March 27, 2019
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि क्या भारत निर्वाचन आयोग की आचार संहिता के भीतर यह घोषणा फिट होगी
What announcement will fit within the code of conduct guidelines of the election commission of India
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) March 27, 2019
अब सवाल यह उठता है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी या न्यूज़ वेबसाइट ‘द प्रिंट’ के संपादक शेखर गुप्ता को प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसने की क्या ज़रूरत थी। बता दें कि राहुल गाँधी ने ‘न्याय योजना’ के तहत ग़रीब परिवारों को 72 हज़ार रुपये देने की बात कही थी। उम्मीद की जा रही थी कि राहुल की योजना को मिल रही लोकप्रियता की काट के लिए बीजेपी भी ऐसी कोई घोषणा कर सकती है। सोशल मीडिया पर यह चर्चा है कि लोकसभा चुनाव के मौक़े पर जनता को प्रभावित करने के लिए ही प्रधानमंत्री मोदी ने यह घोषणा की है।