राहुल गाँधी ने कर रियायत और शेयर बाज़ार में आए उछाल को अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम हाऊडी मोडी से जोड़ कर सरकार पर ज़ोरदार हमला किया है। उन्होंने कहा है कि ह्यूस्टन में होने वाला यह कार्यक्रम दुनिया का अब तक का सबसे महँगा कार्यक्रम होने जा रहा है। इसके लिए 1.4 लाख करोड़ रुपये की सौगात दी गई है। लेकिन मोदी ने अर्थव्यवस्था की जो दुर्गति कर रखी है, वह इससे छुप नहीं सकती।
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने करों में रियायत का स्वागत तो किया है, पर उन्होंने इस पर संदेह जताया है कि इससे निवेश बढ़ेगा और देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट आएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉरपोरेट टैक्स को 30 प्रतिशत से घटा कर 25 प्रतिशत कर दिया है। रमेश ने इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि यह स्वागत योग्य कदम है, पर भारत के कॉरपोरेट जगत में फैले डर को इससे दूर करने में कोई मदद नहीं मिलेगी।
रमेश ने कहा, घबराई हुई मोदी सरकार ने बजट के तीन महीने बाद और अगले बजट के चार महीने पहले करों में कटौती की है। यह स्वागत योग्य है, पर इस पर संदेह है कि इससे निवेश होने लगेगा। भारत के कॉरपोरेट जगत में फैला डर इससे दूर होगा, यह नहीं कहा जा सकता।
रमेश ने वित्त मंत्री के फ़ैसले पर तंज कसते हुए यह भी कहा कि यह फ़ैसला इस समय इसलिए किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका जा रहा हैं और वहाँ वह यह कह सकेंगे कि हमने आपके लिए टैक्स कम कर दिया है। रमेश ने एक और ट्वीट कर कहा, 'वित्त मंत्री ने हाऊडी मोडी कार्यक्रम की वजह से इस समय यह घोषणा की है। अब मोदी कह सकते हैं, मैंने टेक्सस आने के पहले ही टैक्स में कटौती कर दी है।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फ़ैसले को ऐतिहासिक क़रार दिया है। इससे 'मेक इन इंडिया' परियोजना को बहुत बड़ा समर्थन मिलेगा। इससे पूरी दुनिया के निवेशक भारत में आकर पैसे लगाएँगे। भारत के निजी क्षेत्र की प्रतिस्पर्द्धा करने की क्षमता बढ़ेगी, बड़े पैमाने पर नौैकरियाँ पैदा होंगी और 130 करोड़ लोगों को इससे फ़ायदा होगा।