सावरकर पर राहुल की टिप्पणी: आघाडी में पड़ सकती है दरार- राउत
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के द्वारा विनायक दामोदर सावरकर पर की गई टिप्पणी को लेकर शिवसेना के उद्धव गुट के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। संजय राउत ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, “महाराष्ट्र में आकर सावरकर के बारे में इस तरह से इल्जाम लगाना, सावरकर की बदनामी करना न तो यह महाराष्ट्र को मंजूर है और ना शिवसेना को।” राउत ने कहा कि महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता भी राहुल गांधी का समर्थन नहीं करेंगे।
संजय राउत ने कहा कि राहुल गांधी को इस तरह का बयान देने की कोई जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा को अन्य प्रदेशों के साथ ही महाराष्ट्र में भी अच्छा समर्थन मिल रहा है और ऐसे में सावरकर का मुद्दा लाने की कोई जरूरत नहीं थी।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इससे महा विकास आघाडी में भी दरार पड़ सकती है।
सावरकर के प्रति है श्रद्धा
संजय राउत ने कहा कि हम सावरकर के प्रति श्रद्धा रखते हैं और उनके प्रति हमारी श्रद्धा हमेशा रहेगी। उन्होंने बीजेपी का नाम लिए बिना उस पर निशाना साधा और उसे नकली हिंदुत्ववादी बताया। राउत ने कहा कि शिवसेना 10 साल से सावरकर को भारत रत्न देने की मांग कर रही है और केंद्र में बीजेपी की सरकार होने के बावजूद सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या बीजेपी का सावरकर के प्रति प्रेम नकली है।
राउत ने कहा कि सावरकर कभी भी बीजेपी और आरएसएस के आदर्श पुरुष नहीं रहे और वे इस मामले में राजनीति कर रहे हैं लेकिन शिवसेना और शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे ने हमेशा सावरकर, उनके अखंड हिंदुस्तान और हिंदुत्व के विचार का सम्मान किया है।
महाराष्ट्र में नवंबर 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद जब शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने मिलकर महा विकास आघाडी सरकार बनाई थी तो एक नए समीकरण का उदय हुआ था। लेकिन इस साल जून में शिवसेना में हुई बगावत के बाद एकनाथ शिंदे गुट ने बीजेपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई है जबकि उद्धव गुट, एनसीपी और कांग्रेस विपक्ष में हैं। लेकिन राहुल के बयान पर जिस तरह राउत ने प्रतिक्रिया दी है, उससे निश्चित रूप से महा विकास आघाडी का गठबंधन दरक सकता है।
क्या कहा था राहुल ने?
राहुल गांधी ने गुरूवार को महाराष्ट्र के अकोला में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सावरकर के द्वारा जेल में रहते हुए अंग्रेजों को लिखी गई चिट्ठी पढ़ी थी।
राहुल ने कहा था कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भी सावरकर की इस चिट्ठी को पढ़ना चाहिए।
राहुल गांधी का बयान आने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक कार्यक्रम में कहा कि राज्य के लोग किसी भी सूरत में सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।
गिरफ्तार करने की मांग
राहुल गांधी की टिप्पणी के बाद विनायक दामोदर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने राहुल गांधी के खिलाफ मुंबई के शिवाजी पार्क पुलिस थाने में शिकायत दी है और उन्हें गिरफ्तार किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने यह बयान अपने राजनीतिक फायदे के लिए दिया है।
एफआईआर दर्ज
शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट यानी बालासाहेबची शिवसेना की नेता वंदना सुहास डोंगरे ने राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
एफआईआर में कहा गया है कि राहुल गांधी ने जो बयान दिया है उससे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सावरकर का अपमान हुआ है और इससे स्थानीय लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। शिकायत मिलने पर पुलिस ने आईपीसी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।
शिवसेना के शिंदे गुट के एक और नेता राहुल शेवाले ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मांग की है कि महाराष्ट्र में चल रही राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को रोक दिया जाए।
उद्धव भी राहुल से सहमत नहीं
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि वह राहुल गांधी की बात से सहमत नहीं हैं क्योंकि वह सावरकर का आदर करते हैं। लेकिन उद्धव ने यह भी कहा है कि जब उनसे राहुल गांधी के द्वारा सावरकर पर रखे गए विचार के बारे में पूछा जा रहा है तो बीजेपी को भी यह बताना चाहिए कि वह जम्मू और कश्मीर में पीडीपी के साथ सत्ता में क्यों थी। उन्होंने दावा किया कि पीडीपी कभी भी भारत माता की जय का नारा नहीं लगाएगी। उद्धव ठाकरे ने कुछ साल पहले कहा था कि सावरकर पर भरोसा न करने वालों को जनता के बीच में पीटा जाना चाहिए। ठाकरे ने कहा था कि ऐसे लोगों को इसलिए पीटा जाना चाहिए क्योंकि उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में सावरकर के संघर्ष और इसकी अहमियत का अंदाजा ही नहीं है।तीन सवाल
इस मामले में वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग ने ट्विटर पर तीन सवाल पूछे हैं। पहला- महाराष्ट्र जैसे संवेदनशील राज्य में सावरकर पर विवाद छेड़कर राहुल गांधी ने अपनी यात्रा के लिए क्या उपलब्धि हासिल कर ली? दूसरा- चुनावों की बेला में यूपीए का क्या भला कर दिया? और तीसरा- विवाद नहीं छेड़ते तो कांग्रेस का क्या नुक़सान हो जाता?