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राज्याभिषेक पूरा - 'अहंकारी राजा' सड़कों पर कुचल रहा... : राहुल गांधी

राज्याभिषेक पूरा - 'अहंकारी राजा' सड़कों पर कुचल रहा... : राहुल गांधी

एक तरफ़ जहाँ प्रधानमंत्री मोदी नये संसद भवन का उद्घाटन करते हुए भारत को लोकतंत्र की जननी बता रहे थे वहीं महिला पहलवानों पर पुलिस कार्रवाई कर रही थी। जानिए, लोगों ने लोकतंत्र को लेकर क्या-क्या टिप्पणी की।

दिल्ली में आज लोकतंत्र का शोर गूंजता रहा। संसद से लेकर सड़क तक। नये संसद में प्रधानमंत्री लोकतंत्र पर भाषण दे रहे थे तो सड़कों पर महिला पहलवान अपनी आवाज़ उठाने के लिए संघर्ष कर रही थीं। उनके साथ बर्ताव को लेकर लोकतंत्र पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी लोग तीखी टिप्पणियाँ कर रहे हैं। विपक्षी दलों के नेताओं ने गोल्ड मेडल लाने वाली बेटियों के हिरासत में लिए जाने को शर्मनाक क़रार दिया। 

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, 'आज जब प्रधानमंत्री नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे थे और लोकतंत्र को लेकर प्रवचन दे रहे थे, तब संसद से कुछ ही दूरी पर मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाने वाली बेटियों को इस तरह हिरासत में लिया जा रहा था। यह शर्मनाक है और मोदी सरकार के असली चेहरे को दिखाता है।' राहुल गांधी ने इससे जुड़ा एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया है, "राज्याभिषेक पूरा हुआ - 'अहंकारी राजा' सड़कों पर कुचल रहा जनता की आवाज़!"

इनकी यह प्रतिक्रिया तब आई है जब दिल्ली पुलिस ने जंतर मंतर पर महिला पहलवानों का टेंट और उनके दूसरे सभी सामानों को हटा दिया है। यह घटनाक्रम तब चला जब पहलवान संसद की ओर मार्च करने की कोशिश में थे। ये महिला पहलवान बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को लंबे समय से गिरफ़्तार करने की मांग कर रहे हैं। कम से कम 7 पहलवानों ने उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'सभी पहलवानों और प्रदर्शनकारियों को नई दिल्ली और दक्षिण पूर्व जिलों के विभिन्न पुलिस थानों में ले जाया गया है। हमने प्रदर्शनकारियों से कहा था कि उन्हें संसद की ओर मार्च करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, लेकिन उन्होंने नहीं सुनी। झड़पें हुईं। उन्होंने बैरिकेड्स तोड़ दिए और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को धक्का दे दिया।'

पुलिस के दावों के उलट सोशल मीडिया पर जो तस्वीरें सामने आई हैं उसमें महिला पहलवानों के साथ पुलिस बल का इस्तेमाल किया गया दिखता है। प्रदर्शन करने वाली महिला पहलवान विनेश फोगाट ने कहा है, 'जंतर मंतर पर सरेआम लोकतंत्र की हत्या हो रही है। एक तरफ़ लोकतंत्र के नये भवन का उद्घाटन किया है प्रधानमंत्री जी ने, दूसरी तरफ़ हमारे लोगों की गिरफ़्तारियाँ चालू हैं।'

इससे पहले विनेश फोगट ने आरोप लगाया था कि आज नए संसद भवन भवन में आयोजित महिला सम्मान महापंचायत से पहले ही प्रदर्शनकारी पहलवानों के समर्थकों को हिरासत में लिया गया। अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में उन्होंने कहा कि 'लोकतंत्र की सरेआम हत्या की जा रही है।' उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्र याद रखेगा कि कैसे "नई संसद के उद्घाटन के दौरान अपने अधिकारों की मांग करने वाली महिलाओं को दबाया गया था।"

विपक्षी दलों के नेताओं ने महिला पहलवानों के साथ इस तरह के व्यवहार की जमकर आलोचना की है। 

महिला पहलवान साक्षी मलिक द्वारा साझा किए गए वीडियो को रिट्वीट करते हुए संगीतकार विशाल डडलानी ने कहा है, 'नए महल की दीवारें और भी मोटी होंगी, ताकी बाहर से आ रही जनता की आवाजें और भी दब जाएँ।'

कांग्रेस पार्टी ने उस वीडियो को ट्वीट किया है जिसमें प्रधानमंत्री मोदी विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया के साथ वीडियो में बात करते हुए और तसवीरों में दिखते हैं। उस वीडियो में आज पुलिस की कार्रवाई और उन पहलवानों के हिरासत में लिए जाने की क्लिप को भी जोड़ा गया है। कांग्रेस ने इस वीडियो के साथ ट्वीट में लिखा है, 'हमारे देश की बेटियाँ'। 

पंकज पचौरी ने लिखा है, 'आज नई दिल्ली से रोंगटे खड़े कर देने वाली तस्वीरें। लोकतंत्र विरोध करने, सुनने का अधिकार देता है।'

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने आज नए संसद भवन के उद्घाटन के साथ ही लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के पास 'सेंगोल' को स्थापित किया है। प्रधानमंत्री ने नए भवन का उद्घाटन करने वाली एक पट्टिका का भी अनावरण किया और इसे बनाने में मदद करने वाले श्रमिकों को सम्मानित किया। केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, एस जयशंकर और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मौजूद थे।

इस दौरान पीएम मोदी ने लोकतंत्र पर लंबा चौड़ा भाषण दिया। उन्होंने कहा, 'भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र की जननी भी है। भारत आज वैश्विक लोकतंत्र का भी बहुत बड़ा आधार है। लोकतंत्र हमारे लिए सिर्फ एक व्यवस्था नहीं, एक संस्कार है, एक विचार है, एक परंपरा है।' उन्होंने कहा, 'हमारा लोकतंत्र ही हमारी प्रेरणा है, हमारा संविधान ही हमारा संकल्प है। इस प्रेरणा, इस संकल्प की सबसे श्रेष्ठ प्रतिनिधि हमारी ये संसद ही है।'

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