राजस्थान में चल रहे जोरदार सियासी ड्रामे में अशोक गहलोत सरकार और प्रदेश कांग्रेस कमेटी लगातार यही मांग कर रही हैं कि विधानसभा का सत्र जल्द से जल्द बुलाया जाना चाहिए। अपनी सरकार की इस मांग के समर्थन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया है।
राहुल ने शुक्रवार रात को ट्वीट कर कहा, ‘देश में संविधान और क़ानून का शासन है। सरकारें जनता के बहुमत से बनती व चलती हैं। राजस्थान सरकार गिराने का भाजपाई षड्यंत्र साफ़ है और ये राजस्थान के आठ करोड़ लोगों का अपमान है।’
केरल के वायनाड से सांसद राहुल ने कहा कि राज्यपाल महोदय को विधानसभा का सत्र बुलाना चाहिए ताकि सच्चाई देश के सामने आए। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने भी कहा था कि जब सरकार आग्रह करे कि सत्र बुलाना है तो उसमें राज्यपाल को देरी नहीं करनी चाहिए।
सिब्बल ने कहा था कि इसमें संविधान की मर्यादा की बात है और सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले भी हैं जिनमें साफ कहा गया है कि जब सत्र बुलाने की मांग हो तो राज्यपाल इसमें देरी नहीं कर सकते और यह उनका कर्तव्य भी है।
सड़कों पर उतरेंगे कार्यकर्ता
राजस्थान कांग्रेस ने एलान किया है कि पार्टी के कार्यकर्ता शनिवार सुबह 11 बजे राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेंगे। राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को गिराने का षड्यंत्र किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ अदृश्य शक्तियां महामहिम राज्यपाल को प्रजातंत्र के हित में काम नहीं करने दे रही हैं।
हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामा
शुक्रवार को जयपुर में हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामा हुआ और विधानसभा का सत्र बुलाए जाने की मांग को लेकर गहलोत अपने विधायकों के साथ राजभवन पहुंच गए। इस दौरान विधायक वहां धरने पर बैठ गए और जमकर नारेबाज़ी की। इससे लगता है कि अपनी कई राज्य सरकारों को गंवा चुकी कांग्रेस इस बार जोरदार पलटवार के मूड में है।
गहलोत ने जब यह कहा, ‘राज्यपाल किसी के दबाव में नहीं आएं, वरना फिर हो सकता है कि पूरे प्रदेश की जनता राजभवन को घेरने के लिए आ गई तो यह हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी’, इसका मतलब यही माना जाना चाहिए कि गहलोत बीजेपी से दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं।