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एमएसपी की कानूनी गारंटी किसानों का हक़, हम दिलाएँगे: राहुल

एमएसपी की कानूनी गारंटी किसानों का हक़, हम दिलाएँगे: राहुल

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मज़दूर मोर्चा के नेताओं ने एमएसपी गारंटी को वैध बनाने की मांग को लेकर नए सिरे से विरोध प्रदर्शन शुरू करने की अपनी योजना की घोषणा की। जानिए, राहुल से वे क्यों मिले।

एमएसपी या न्यूनतम समर्थन मूल्य नीति में सुधार के लिए सरकार पर दबाव बना रहे किसानों ने बुधवार सुबह संसद परिसर में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से मुलाकात की। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक के 12 किसान नेताओं के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की।

मुलाक़ात के बाद राहुल ने कहा कि एमएसपी की क़ानूनी गारंटी किसानों का हक है और 'इंडिया' उनको हक़ दिलाकर रहेगा। बैठक के बाद राहुल गांधी ने कहा, 'हमने अपने घोषणापत्र में कानूनी गारंटी के साथ एमएसपी का उल्लेख किया है। हमने आकलन किया है और इसे लागू किया जा सकता है।'

बैठक में वरिष्ठ कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, राजा बराड़, सुखजिंदर सिंह रंधावा, गुरजीत सिंह औजला, धर्मवीर गांधी, डॉ. अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह हुड्डा और जय प्रकाश भी उपस्थित थे। राहुल ने कहा, 'हमने अभी एक बैठक की, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि हम इंडिया गठबंधन के अन्य नेताओं से बात करेंगे और सरकार पर दबाव डालेंगे कि देश के किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जानी चाहिए।'

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दावा किया कि उन्होंने जिन किसान नेताओं को उनसे मिलने के लिए आमंत्रित किया था, उन्हें शुरू में संसद परिसर में प्रवेश से वंचित कर दिया गया था। जब राहुल ने उनसे मिलने के लिए बाहर जाने का फ़ैसला किया, तभी किसान नेताओं को अंदर जाने की अनुमति दी गई। उन्होंने कहा, 'हमने उन्हें हमसे मिलने के लिए यहाँ आमंत्रित किया था। लेकिन वे उन्हें यहां नहीं आने दे रहे हैं। क्योंकि वे किसान हैं, शायद यही वजह है कि वे उन्हें अंदर नहीं आने दे रहे हैं।' 

इस बीच, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मज़दूर मोर्चा के नेताओं ने देश भर में केंद्र सरकार के पुतले जलाने और एमएसपी गारंटी को वैध बनाने की मांग को लेकर नए सिरे से विरोध प्रदर्शन शुरू करने की अपनी योजना की घोषणा की। इस विरोध के हिस्से के रूप में वे विपक्ष द्वारा निजी विधेयकों का समर्थन करने के लिए मार्च भी निकालेंगे। 

इसके बाद प्रदर्शनकारी किसान 15 अगस्त को देश भर में ट्रैक्टर रैली निकालेंगे, जब देश स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मज़दूर मोर्चा के नेताओं ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों का 'दिल्ली चलो' मार्च 31 अगस्त को 200 दिन पूरा करेगा और लोगों से पंजाब और हरियाणा सीमा पर खनौरी, शंभू आदि पहुँचने की अपील की।

15 सितंबर को हरियाणा के जींद जिले में एक रैली और 22 सितंबर को पिपली में एक और रैली होगी। इससे पहले फ़रवरी में हरियाणा सरकार ने अंबाला-नई दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बैरिकेड्स लगा दिए थे, जब किसान संघों ने घोषणा की थी कि किसान फ़सलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की क़ानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में दिल्ली तक मार्च करेंगे।

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