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पेट्रोल-डीजल, सिलेंडर की बढ़ी क़ीमतों को लेकर केंद्र पर हमलावर हुए राहुल

पेट्रोल-डीजल, सिलेंडर की बढ़ी क़ीमतों को लेकर केंद्र पर हमलावर हुए राहुल

पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती क़ीमतों के साथ ही एलपीजी गैस के सिलेंडर की भी क़ीमत बढ़ती जा रही है। इसकी मार आम जनता पर पड़ रही है। 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को पेट्रोल-डीजल और एलपीजी गैस के सिलेंडर की क़ीमतों में बढ़ोतरी को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वे डिमोनेटाइजेशन करेंगे और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कहती हैं कि वे मोनेटाइजेशन करेंगी। 

राहुल ने कहा, “2014 में एलपीजी सिलेंडर की क़ीमत 410 रुपये थी जबकि आज यह 885 रुपये है। पेट्रोल की क़ीमत 71.50 रुपये प्रति लीटर थी, यह आज 101 रुपये है, डीज़ल की क़ीमत 57 रुपये थी, आज 88 रुपये प्रति लीटर है। इस तरह सिलेंडर की क़ीमत 116 फ़ीसदी, पेट्रोल की क़ीमत 42 फ़ीसदी और डीज़ल की क़ीमत 55 फ़ीसद बढ़ी है।” 

उन्होंने कहा, “2014 में अंतराष्ट्रीय बाज़ार में तेल की क़ीमत 105 रुपये थी जबकि आज यह 71 रुपये है और यह उस वक़्त यानी यूपीए के समय में यह क़ीमत 32 फ़ीसदी ज़्यादा थी, 2014 में अंतराराष्ट्रीय बाजार में गैस की क़ीमत 880 रुपये थी और आज यह 653 है यानी 26 फ़ीसदी कम है।”

‘23 लाख करोड़ रुपये कमाए’

राहुल ने कहा कि अंतराराष्ट्रीय बाजार में गैस, कच्चे तेल के दाम गिर रहे हैं लेकिन भारत में बढ़ते जा रहे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि दूसरी ओर हमारी संपत्तियों को बेचा जा रहा है और सरकार ने पेट्रोल-डीजल और गैस से 23 लाख करोड़ रुपये कमा लिए हैं। राहुल ने कहा कि जनता को यह पूछना चाहिए कि यह पैसा आख़िर कहां जा रहा है। 

केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने बुधवार सुबह ट्वीट कर कहा था कि गैस की क़ीमत पिछले आठ महीने में 9 बार बढ़ी है। फ़रवरी महीने में तो तीन-तीन बार क़ीमत बढ़ाई गई थी। 

भारत के कई शहरों में पेट्रोल 100 रुपये से ऊपर मिल रहा है और इसकी सीधी मार दिहाड़ी कमाने वाले आम आदमी पर पड़ रही है। इसी तरह डीजल और एलपीजी सिलेंडर की बढ़ती क़ीमतों ने भी आम आदमी की कमर तोड़ दी है। 

बता दें कि केंद्र सरकार नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन योजना को सामने लाई है। सरकार का कहना है कि उसने इसके जरिये अगले 4 साल में 6 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। वित्त मंत्रालय ने कहा था कि सड़क, परिवहन और राजमार्ग, रेलवे, बिजली, पाइपलाइन और प्राकृतिक गैस, नागरिक उड्डयन, शिपिंग बंदरगाह और जलमार्ग, दूरसंचार, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, खनन, कोयला, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन का हिस्सा होंगे। 

 - Satya Hindi

जबकि राहुल गांधी ने इसका विरोध किया था। राहुल ने कहा था, “जैसे-जैसे मोनोपॉली (एकाधिकार) बनती जाएगी, उतनी ही दर से आपको रोज़गार मिलना बंद हो जाएगा। आप स्कूलों-कॉलेजों में हो, इस देश में जो छोटे-मिडिल साइज बिजनेस हैं, वे सब बंद हो जाएंगे, ख़त्म हो जाएंगे। सिर्फ़ तीन-चार बिजनेस रहेंगे।”

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