मणिपुर का दौरा करने के लिए एक या दो दिन का समय निकालें पीएम: राहुल
राहुल गांधी ने मणिपुर का दौरा नहीं करने के लिए फिर से पीएम मोदी की आलोचना की है। इसके साथ ही उन्होंने पीएम के लिए संदेश दिया है कि कम से कम एक-दो दिन का समय निकालकर मणिपुर में आना चाहिए और लोगों को दिलासा देना चाहिए। विपक्ष के नेता बनने के बाद राहुल गांधी मणिपुर की अपनी पहली यात्रा में मैतेई और कुकी-ज़ोमी दोनों समुदायों के विस्थापित लोगों से मिले।
मुलाक़ातों के बाद राहुल गांधी ने कहा कि वह एक सरल संदेश देना चाहते हैं, 'मैं यहाँ आपके भाई के रूप में आया हूँ। मैं यहाँ एक ऐसे व्यक्ति के रूप में आया हूँ जो आपकी मदद करना चाहता है, एक ऐसा व्यक्ति जो मणिपुर में शांति वापस लाने के लिए आपके साथ काम करना चाहता है।' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक संदेश है, 'मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री यहाँ आएं। मणिपुर के लोगों की बात सुनें। मणिपुर में क्या हो रहा है, इसे समझने की कोशिश करें। आखिरकार, मणिपुर भारतीय संघ का एक गौरवशाली राज्य है… भले ही कोई त्रासदी न हुई हो, प्रधानमंत्री को मणिपुर आना चाहिए था। और इस बड़ी त्रासदी में मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करता हूँ कि वे अपने समय में से एक दिन, दो दिन निकालकर मणिपुर के लोगों की बात सुनें। इससे मणिपुर के लोगों को सुकून मिलेगा।'
"I feel that it is important for the PM to come here & listen to the people of Manipur. pic.twitter.com/exI1xXjGh0
— Congress (@INCIndia) July 8, 2024
राहुल ने कहा, 'भारत सरकार और हर कोई जो खुद को देशभक्त मानता है, उसे मणिपुर के लोगों तक पहुँचना चाहिए और उन्हें गले लगाना चाहिए और मणिपुर में शांति लानी चाहिए।'
सोमवार को एक दिवसीय दौरा मई 2023 में राज्य में हिंसा भड़कने के बाद से राहुल का मणिपुर का तीसरा दौरा था। उन्होंने पहली बार जून 2023 में दौरा किया था, और फिर इस साल जनवरी में राज्य से अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू की थी।
राहुल ने कहा, 'समस्या शुरू होने के बाद से मैं तीसरी बार यहां आया हूं और यह एक बहुत बड़ी त्रासदी रही है। सच कहूं तो, मैं स्थिति में कुछ सुधार की उम्मीद कर रहा था, लेकिन मैं यह देखकर काफी निराश हुआ कि स्थिति अभी भी वैसी नहीं है जैसी होनी चाहिए। मैंने शिविरों का दौरा किया और वहां के लोगों की बातें सुनीं, उनका दर्द सुना। मैं यहां उनकी बातें सुनने, उनका विश्वास जीतने और विपक्ष में रहने के नाते सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करने आया हूं ताकि वह कार्रवाई करे।'
मोहब्बत, सम्मान और भाईचारे से ही मणिपुर की समस्या का समाधान निकलेगा। pic.twitter.com/yPSGpUAO4k
— Congress (@INCIndia) July 8, 2024
सोमवार की सुबह वह सबसे पहले असम के कछार जिले के सिलचर पहुंचे, जहां उन्होंने हमरखावली गांव में स्थित एक राहत शिविर का दौरा किया। वहाँ पड़ोसी मणिपुर जिले जिरीबाम में तनाव के कारण विस्थापित कुकी-जो लोग शरण लिए हुए हैं। पिछले महीने जिरीबाम में हिंसा भड़कने के बाद कुकी-जो और मैतेई दोनों तरह के करीब 2,000 लोग विस्थापित हो गए हैं। राज्य के अन्य हिस्सों में संघर्ष के बीच लगभग 13 महीने तक अपेक्षाकृत शांति रही।
राहत केंद्रों का दौरा करने के बाद इंफाल में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'यहां समय की मांग शांति की है। हिंसा से हर कोई आहत है। हजारों परिवारों को नुकसान पहुंचा है, संपत्ति नष्ट हो गई है। परिवार के सदस्य मारे गए हैं। और मैंने भारत में कहीं भी ऐसा नहीं देखा जो यहां चल रहा है। राज्य पूरी तरह से दो हिस्सों में बंट गया है। और यह सभी के लिए एक त्रासदी है।' उन्होंने आगे कहा, 'मैं मणिपुर के सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि मैं यहां आपका भाई बनकर आया हूं। मैं यहां एक ऐसे व्यक्ति के रूप में आया हूं जो आपकी मदद करना चाहता है, जो मणिपुर में शांति वापस लाने के लिए आपके साथ काम करना चाहता है। और मैं जो कुछ भी कर सकता हूं करने के लिए तैयार हूं, कांग्रेस पार्टी यहां शांति वापस लाने के लिए जो कुछ भी कर सकती है करने के लिए तैयार है।'