राहुल गांधी इन बीते दिनों लंदन के दौरे पर थे, जहां उन्होंने अलग-अलग संस्थाओं सहित कई संगठनों से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने लगातार बीजेपी और आरएसएस पर हमले किए। इन हमलों से परेशान बीजेपी राहुल गांधी पर देश को बदनाम करने का आरोप लगा रही है। अब इस मामले में कानून मंत्री किरण रिजिजू ने राहुल गांधी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि “राहुल गांधी भारत की एकता के लिए बेहद खतरनाक हो गए हैं और अब वह लोगों को भारत को विभाजित करने के लिए उकसा रहे हैं”।
राहुल की आलोचना करते हुए रिजिजू केवल यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 'स्वघोषित' शहजादे ने सारी हदें पार कर दी हैं, 'भारत के लोग तो जानते हैं कि राहुल गांधी पप्पू हैं लेकिन विदेशियों को नहीं पता कि वह ‘पप्पू’ हैं। उनके मूर्खतापूर्ण बयानों पर प्रतिक्रिया देना जरूरी नहीं है, लेकिन समस्या यह है कि भारत विरोधी ताकतों द्वारा भारत की छवि को धूमिल करने के लिए उनके भारत विरोधी बयानों का दुरुपयोग किया जाता है।
बीते दिनों राहुल गांधी ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के छात्रों को संबोधित किया था, अपने संबोधन में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते करते हुए कहा था कि उन्होंने भारत की विविधता को नष्ट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
राहुल के उसी संबोधन के वीडियो को शेयर करते राहुल की आलोचना की और कहा कि पीएम मोदी का एकमात्र मंत्र 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' है।
राहुल ने कैंब्रिज में कहा था, 'मेरे विचार से नरेंद्र मोदी भारत की विविधता को नष्ट कर रहे हैं। इसलिए मुझे उनकी दो या तीन अच्छी नीतियों की परवाह नहीं है। वह मेरे देश को बदनाम कर रहे हैं या हमारे देश को नीचा दिखा रहे हैं। वह भारत पर एक ऐसा विचार थोप रहे हैं, जिसे भारत कभी भी नहीं अपना सकता।
भारत राज्यों का संघ है, और यदि आप किसी एक विचार को राज्यों पर थोपने कोशिश करते हैं, तो यह प्रतिक्रिया देगा ही देगा। यहां एक सिख सज्जन बैठे हैं, वह सिख धर्म से हैं। भारत में मुसलमान हैं, ईसाई हैं, कई भाषाएं हैं। वे ही पूरा भारत हैं। श्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि वे भारत नहीं हैं, वे भारत में दोयम दर्जे के नागरिक हैं’। राहुल गांधी ने कहा कि मैं उनसे सहमत नहीं हूं।
राहुल गांधी के लंदन वाले बयान को लेकर भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं, जिसमें कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी, भाजपा सरकार की आलोचना की थी। चीनी खतरे के बारे में विदेश मंत्री एस जयशंकर की समझ पर सवाल उठाया था। आरएसएस की तुलना मुस्लिम ब्रदरहुड से की थी।