शिवाजी की मूर्ति पर पीएम ने माफ़ी क्यों मांगी, 3 बड़े कारण: राहुल
राहुल गांधी ने सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के मामले में अब नये सिरे से पीएम मोदी पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि 'महाराष्ट्र और पूरा देश जानना चाहता है आखिर प्रधानमंत्री जी ने माफ़ी क्यों मांगी!' राहुल गांधी ने पीएम पर निशाना साधते हुए तीन विकल्प रखे और पूछा कि माफी किसके लिए थी-
- बिना मेरिट के आरएसएस वालों को कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए
- मूर्ति के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार के लिए
- या छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे पूजनीय महापुरुष का अपमान करने के लिए
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, 'कारण कोई भी हो, प्रधानमंत्री और बीजेपी शिवाजी महाराज के साथ पूरे महाराष्ट्र के अपराधी हैं- उन्हें हर एक प्रदेशवासी से अपने व्यवहार और भ्रष्टाचार के लिए माफी मांगनी चाहिए।' राहुल ने कहा कि यह 17वीं सदी के पूजनीय योद्धा राजा का अपमान है।
महाराष्ट्र और पूरा देश जानना चाहता है आखिर प्रधानमंत्री जी ने माफ़ी क्यों मांगी!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 5, 2024
1. बिना merit के RSS वालों को contract देने के लिए
2. मूर्ति के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार के लिए
3. या छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे पूजनीय महापुरुष का अपमान करने के लिए
कारण कोई भी हो, प्रधानमंत्री… pic.twitter.com/dt3juZ9iZz
राहुल गांधी गुरुवार को सांगली में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रतिमा बनाने का ठेका एक आरएसएस कार्यकर्ता को दिया गया था। इसके साथ ही उन्होंने इस संवेदनशील मुद्दे पर माफी मांगने को लेकर भी पीएम मोदी की आलोचना की।
घटना पर प्रधानमंत्री द्वारा माफ़ी मांगने पर राहुल गांधी ने कटाक्ष करते हुए कहा, 'जो गलत करता है, वह माफ़ी मांगता है। अगर आपने कुछ गलत नहीं किया है, तो आप माफ़ी क्यों मांगेंगे?' उन्होंने संकेत दिया कि प्रधानमंत्री ने 35 फीट ऊंची प्रतिमा के निर्माण में भ्रष्टाचार का एहसास होने के बाद माफ़ी मांगी होगी।
राहुल ने कहा, 'मैं समझना चाहता हूं कि उन्होंने माफ़ी क्यों मांगी। सबसे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने प्रतिमा के निर्माण का ठेका आरएसएस के एक कार्यकर्ता को दिया। शायद उन्हें लगा कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था।' मामले में ठेकेदार जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल को गिरफ्तार किया गया है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि आप्टे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे के दोस्त थे।
राहुल गांधी ने कहा, 'दूसरा कारण भ्रष्टाचार हो सकता है। प्रधानमंत्री ने सोचा होगा कि ठेकेदार ने धोखाधड़ी की है और महाराष्ट्र के लोगों का पैसा लूटा है। तीसरा कारण यह हो सकता है कि आपने (प्रधानमंत्री ने) शिवाजी महाराज की विरासत को याद करने के लिए मूर्ति बनवाई, लेकिन यह सुनिश्चित नहीं कर सके कि यह मज़बूत रहे।'
विपक्ष के नेता ने कहा,
“
मूर्ति बनने के कुछ महीने बाद ही ढह गई। यह शिवाजी महाराज का अपमान है।
राहुल गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता
शिवाजी महाराज की विरासत महाराष्ट्र में एक संवेदनशील मुद्दा है, और इस घटना ने सत्तारूढ़ महायुति सरकार को शर्मसार कर दिया है।
पिछले साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने इस प्रतिमा का अनावरण किया था। यानी क़रीब आठ महीने पहले ही पीएम मोदी प्रतिमा अनावरण के मौक़े पर तस्वीरें खींचवा रहे थे। छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मची है। यह कितना बड़ा मुद्दा है, यह इससे समझा जा सकता है कि बीजेपी के साथ एनडीए सरकार में शामिल अजित पवार का एनसीपी खेमा बेहद नाराज़ है। विपक्ष तो लगातार हमलावार है ही।
महाराष्ट्र में अगले कुछ महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जब पालघर पहुँचे तो प्रधानमंत्री मोदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने का न सिर्फ़ ज़िक्र किया, बल्कि अलग ही अंदाज़ में माफी मांगी। उन्होंने कहा था, 'पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में जो हुआ, आज मैं सिर झुकाकर मेरे आराध्य देव छत्रपति शिवाजी महाराज जी के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं।'
पीएम ने कहा, '2013 में जब मेरी पार्टी ने मुझे पीएम उम्मीदवार घोषित किया, तो सबसे पहले मैंने रायगढ़ किला जाकर पूजा की। मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज के सामने श्रद्धा से सिर झुकाया।' उन्होंने कहा था, 'हमारे लिए शिवाजी महाराज सिर्फ राजा नहीं हैं, बल्कि वे हमारे आराध्य देव हैं जिनकी हम पूजा करते हैं और जिनसे प्रेरणा लेते हैं।'
PM Shri @narendramodi lays foundation stone of Vadhvan Port, launches development works in Palghar. https://t.co/Y1tAQEQPks
— BJP (@BJP4India) August 30, 2024
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा माफी मांगे जाने के तौर-तरीक़े की आलोचना उद्धव ठाकरे ने भी की थी। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र के लोग उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माफी अहंकार से भरी है।
'हमारे दबाव में आरएसएस भी कर रहा जाति जनगणना की बात'
बहरहाल, राहुल गांधी ने सांगली में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के मामले के अलावा भी कई मुद्दों पर सरकार को घेरा। कांग्रेस नेता ने कहा, 'हमने जातिगत जनगणना की बात की। ताकि पता चले कि देश में किसकी कितनी आबादी है और किसका कितना हक। पहले बीजेपी ने विरोध किया, लेकिन जब हमने दबाव डाला तो आरएसएस ने कहा कि जातिगत जनगणना जरूरी है। हमने संसद में कहा है कि कुछ भी हो जाए हम जातिगत जनगणना जरूर करवाएंगे।'
राहुल ने कृषि क़ानूनों की भी बात की। उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार 3 काले कृषि कानून लाई, किसान आंदोलन में 700 से ज्यादा किसान शहीद हो गए। दो लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए नोटबंदी और गलत जीएसटी लागू कर के हिंदुस्तान के छोटे व्यापारियों को खत्म कर दिया। देश का युवा अगर रोजगार चाहता है, तो उसे रोजगार नहीं मिल रहा है, क्योंकि जो कंपनियां रोजगार देती थीं, वह खत्म हो गईं।'