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राहुल का पीएम पर हमला- अडानी पर सवाल पूछा तो सरनेम पर अपमान किया

राहुल का पीएम पर हमला- अडानी पर सवाल पूछा तो सरनेम पर अपमान किया

संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राहुल गांधी के सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी पर अब कांग्रेस नेता ने पहली बार जवाबी हमला किया है। जानिए उन्होंने पीएम के बारे में क्या क्या कहा।

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर हमला अब और तेज कर दिया है। उन्होंने पहले संसद में गौतम अडानी से संबंधों को लेकर हमला किया था, लेकिन बाद में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राहुल गांधी के सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी पर अब फिर से राहुल ने उन पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री ने लोकसभा में उनसे पूछे गए सवालों का जवाब क्यों नहीं दिया, बल्कि उनके उपनाम की बात छेड़ दी।

राहुल गांधी ने संसद में अडानी समूह पर दिए गए उनके भाषण को संपादित किए जाने पर जमकर निशाना साधा। उस भाषण के अधिकांश हिस्सों को रिकॉर्ड में रखने की अनुमति नहीं है। राहुल ने कहा, 'प्रधानमंत्री सीधे तौर पर मेरा अपमान करते हैं और उनके शब्दों को हटाया नहीं जाता है। लेकिन मेरे अधिकांश भाषण को संपादित कर दिया गया और संसद के रिकॉर्ड में नहीं जाने दिया गया।' राहुल ने यह भी दावा किया कि उन्होंने संसद में भाषण में जो कहा उनके पास वो सब सबूत हैं और उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को लिखित में बताया है। साथ में वह यह भी कहते हैं कि हालाँकि उनको उनके भाषण के हटाए गए अंश को फिर से रिकॉर्ड में लिए जाने की उम्मीद कम ही है।

राहुल आगे कहते हैं, 'कोई फर्क नहीं पड़ता है। सच्चाई हमेशा सामने आती है। और आपको बस इतना करना है कि जब मैं संसद में बोल रहा था तब मेरे चेहरे को देखें और जब वह (पीएम) बोल रहे थे तब उनके चेहरे को देखें।'

राहुल की यह प्रतिक्रिया तब आई है जब संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी के लिए बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल पर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है। राहुल को बुधवार तक लोकसभा सचिवालय को उस नोटिस का जवाब देने के लिए कहा गया है। राहुल ने पिछले हफ़्ते राष्ट्रपति के अभिभाषण के मोशन ऑफ़ थैंक्स पर एक बहस में प्रधानमंत्री मोदी पर जबरदस्त हमला बोला था।

निशिकांत दुबे ने राहुल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस देते हुए स्पीकर ओम बिड़ला को पत्र लिखा। उसमें उन्होंने राहुल पर पीएम मोदी पर बिना किसी "दस्तावेजी सबूत" के "सदन को गुमराह करने" का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी टिप्पणियाँ अवमाननापूर्ण, असंसदीय और भ्रामक थीं। 

राष्ट्रपति के अभिभाषण के मोशन ऑफ़ थैंक्स पर एक बहस में राहुल ने अरबपति गौतम अडानी के साथ प्रधानमंत्री मोदी के संबंधों पर कई सवाल पूछे थे।

2014 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद अडानी की जबरदस्त तरक्की का हवाला देते हुए राहुल ने प्रधानमंत्री पर क्रोनी कैपिटलिज़्म का आरोप लगाया था।

राहुल ने कहा था कि देश में एयरपोर्ट से लेकर सेब तक में एक ही शख्स की चर्चा है। राहुल ने पूछा था कि आखिर पीएम मोदी का अडानी समूह से क्या संबंध है। राहुल ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा था, “पहले पीएम मोदी अडानी के विमान में सफर करते थे अब अडानी मोदी जी के विमान में सफर करते हैं। यह मामला पहले गुजरात का था, फिर भारत का हो गया और अब अंतरराष्ट्रीय हो गया है। अडानी ने पिछले 20 सालों में और इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए बीजेपी को कितना पैसा दिया?"

 - Satya Hindi

राहुल गांधी के इन आरोपों के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के मोशन ऑफ़ थैंक्स पर एक बहस में राहुल पर तीखा हमला किया था। मोदी ने कहा था कि 'किसी कार्यक्रम में नेहरू जी के नाम का उल्लेख नहीं हुआ तो उनके बाल खड़े हो जाते हैं। उनका लहू गर्म हो जाता है कि नेहरू जी का नाम क्यों नहीं लिया। मुझे बहुत आश्चर्य होता है, चलो कभी छूट जाता है ठीक भी कर लेंगे, क्योंकि वह भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। लेकिन कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम क्यों नहीं रखता। आपको मंजूर नहीं और हमारा हिसाब मांगते रहते हो।'

प्रधानमंत्री के इसी हमले का जवाब राहुल गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में सोमवार को दिया है। उन्होंने कहा, 'आम तौर पर, और शायद श्री मोदी यह नहीं समझते हैं, लेकिन आम तौर पर भारत में हमारा उपनाम हमारे पिता का उपनाम होता है।'

लोकसभा में दिए अपने भाषण को याद करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'कुछ दिन पहले मैंने संसद में हमारे प्रधानमंत्री और गौतम अडानी के संबंधों को लेकर भाषण दिया था। मैंने सबसे विनम्र और सम्मानजनक लहजे में बात की। मैंने किसी भी तरह के अपशब्द का इस्तेमाल नहीं किया, किसी को गाली नहीं दी। मैंने अभी कुछ तथ्य उठाए हैं। मैंने बताया कि कैसे श्री अडानी ने प्रधानमंत्री के साथ विदेशों की यात्रा की और इसके तुरंत बाद इन देशों में कॉन्ट्रैक्ट प्राप्त करके उन्हें पुरस्कृत किया गया।'

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