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सत्ता के लिए ये मणिपुर को जला देंगे, सारे देश को जला देंगे: राहुल

सत्ता के लिए ये मणिपुर को जला देंगे, सारे देश को जला देंगे: राहुल

मणिपुर में जो हिंसा हो रही है, उसके पीछे सबसे बड़ी वजह क्या है? क्या दो समुदायों के बीच में एक ख़ास विचारधारा से नफ़रत का बीज बोया गया है? जानिए, राहुल गांधी ने क्या लगाए आरोप।

राहुल गांधी ने पहली बार मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री मोदी पर बेहद तीखे हमले किए हैं। उन्होंने सीधे तौर पर पीएम मोदी की विचारधारा को मणिपुर हिंसा के लिए ज़िम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम मोदी 'सत्ता के लिए मणिपुर को जला देंगे, सारे देश को जला देंगे'।

राहुल गांधी यूथ कांग्रेस के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी मणिपुर के लिए क्या कर रहे हैं? वे मणिपुर के बारे में कुछ बोल क्यों नहीं रहे हैं? ऐसा इसलिए है क्योंकि नरेंद्र मोदी जी को मणिपुर से कोई लेना देना नहीं है। वो जानते हैं कि उनकी ही विचारधारा ने मणिपुर को जलाया है।'

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, 'बीजेपी-आरएसएस सिर्फ सत्ता चाहती है और सत्ता पाने के लिए ये कुछ भी कर सकती है। सत्ता के लिए ये मणिपुर को जला देंगे, सारे देश को जला देंगे। इनको देश के दुख और दर्द से कोई फर्क नहीं पड़ता।' राहुल ने कहा कि आरएसएस-बीजेपी और कांग्रेस के बीच विचारधारा की लड़ाई चल रही है।

राहुल ने दोनों दलों के बीच अंतर को स्पष्ट करते हुए कहा, 'जहाँ कांग्रेस की विचारधारा- संविधान की रक्षा, देश को जोड़ने और सामाजिक असमानता के खिलाफ लड़ने की है। वहीं आरएसएस-बीजेपी चाहती है कि कुछ चुनिंदा लोग यह देश चलाएं और देश का सारा धन उन्हीं के हाथ में हो।'

उन्होंने कहा, 'आपके दिल में देशप्रेम है। जब देश को चोट लगती है, देश के किसी नागरिक को चोट लगती है तो आपके दिल को भी चोट लगती है। आप उदास हो जाते हैं। मगर बीजेपी-आरएसएस के लोगों को कोई दुःख नहीं, कोई दर्द नहीं हो रहा, क्योंकि ये हिंदुस्तान को बाँटने का काम कर रहे हैं।'

कुछ इसी तरह के आरोप कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने लगाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री संसद में मणिपुर मुद्दे पर बोलना नहीं चाहते, लेकिन राजस्थान में एक कॉलेज के कार्यक्रम में राजनीतिक भाषण दे सकते हैं।

विरोध जताने के लिए काले कपड़े पहने हुए खड़गे ने कहा कि मणिपुर के जीवन को काले अंधकार में डुबो कर, तानाशाही रवैया अपनाकर, मुद्दे से ध्यान भटकाकर भाजपा अपनी जवाबदेही से भाग नहीं सकती। उन्होंने कहा कि संसद में नहीं बोलकर और घूम घूम कर भाषण देना, ये लोकतंत्र को कलंकित कर रहा है।

 - Satya Hindi

बता दें कि विपक्ष के गुस्से का शिकार बने पीएम मोदी ने गुरुवार को राजस्थान के सीकर में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर हमला बोला। उन्होंने कहा- "INDIA के लेबल से वे अपने पुराने कामों यानी यूपीए के समय के कारनामों को छुपाना चाहते हैं। अगर उन्हें सच में इंडिया की परवाह होती तो क्या वे विदेशियों को भारत में दखल देने के लिए कहते?... उन्होंने एक बार नारा दिया था -'इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा।' उस समय जनता ने उन्हें उखाड़ फेंका था... इन अहंकारी लोगों ने फिर से ऐसा किया है। वे कहते हैं 'यूपीए ही इंडिया है। इंडिया ही यूपीए है।' जनता एक बार फिर उनके साथ वैसा ही व्यवहार करेगी..."।

बहरहाल, राहुल गांधी ने भी बीजेपी के इंडिया को लेकर हमलों का जवाब दिया है। राहुल ने कहा, 'विपक्षी गठबंधन ने एक नाम चुना- INDIA। यह नाम हमारे दिल से निकला था। जैसे ही हमने यह नाम चुना, नरेंद्र मोदी जी ने INDIA को गाली देना शुरू कर दिया। मोदी जी को इतना घमंड है कि उन्होंने ये भी नहीं सोचा कि वो पवित्र शब्द INDIA को गाली दे रहे हैं।'

कांग्रेस नेता ने कहा, 'भारत जोड़ो यात्रा में एक नारा सामने आया- नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलनी है। जहां भी ये नफरत फैलाएं, आप जाकर वहां मोहब्बत की दुकान खोलिए।'

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