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महायुति संकटः शिंदे सेना ने डिप्टी सीएम का पद ठुकराया, अजित पवार दिल्ली दरबार में 

महायुति संकटः शिंदे सेना ने डिप्टी सीएम का पद ठुकराया, अजित पवार दिल्ली दरबार में 

महाराष्ट्र में सीएम पद को लेकर महायुति की दरार बढ़ती जा रही है। एकनाथ शिंदे खेमे ने डिप्टी सीएम पद का ऑफर ठुकरा दिया है। एनसीपी प्रमुख अजित पवार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने दिल्ली पहुंच गए हैं। भाजपा ने इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को महाराष्ट्र के लिए अपना पर्यवेक्षक बनाया है। जिनके सामने सीएम पद के नेता का चयन होगा। 

विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के एक हफ्ते से अधिक समय बाद भी महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर सस्पेंस जारी है, लेकिन अब यह सामने आया है कि भाजपा और एनसीपी चाहती हैं कि एकनाथ शिंदे विपक्ष के नेता बनें। वैसे भी वो उपमुख्यमंत्री पद लेने के इच्छुक नहीं हैं। उनके बेटे श्रीकांत शिंदे ने उन्हें डिप्टी सीएम पद देने की बात को अफवाह बताया और कहा कि वो इसे स्वीकार नहीं करेंगे। शिंदे सेना ने यह भी साफ कर दिया है कि सोमवार को महायुति की कोई बैठक नहीं है। यह बैठक अब मंगलवार को है।

एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे ने सोमवार को कहा कि उन्हें "सत्ता में किसी पद की कोई इच्छा नहीं है।" उन्होंने कहा कि वह राज्य में किसी भी मंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं। श्रीकांत शिंदे ने एक्स पर एक पोस्ट में महाराष्ट्र की नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में देरी पर कहा कि इसे लेकर "बहुत सारी अफवाहें हैं"।

श्रीकांत शिंदे ने सोमवार को कहा कि “कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अस्वस्थता के कारण दो दिन के लिये गाँव गये और विश्राम किया। इसलिए अफवाहें पनपीं। पिछले दो दिनों से यह खबर प्रश्नचिह्न के साथ दी जा रही है कि मैं उपमुख्यमंत्री बनूंगा। श्रीकांत शिंदे ने कहा, वास्तव में इसमें कोई सच्चाई नहीं है और उपमुख्यमंत्री के रूप में मेरे पद के बारे में सभी खबरें बेबुनियाद और आधारहीन हैं।“

श्रीकांत शिंदे ने कहा- “लोकसभा चुनाव के बाद भी मुझे केंद्र सरकार में मंत्री बनने का मौका मिला। लेकिन पार्टी संगठन के लिए काम करने की सोच कर मैंने तब भी मंत्री पद ठुकरा दिया। मुझे सत्ता में पद की कोई चाहत नहीं है। मैं एक बार फिर स्पष्ट कर दूं कि मैं राज्य में किसी भी मंत्री पद की दौड़ में नहीं हूं। मैं केवल अपने लोकसभा क्षेत्र और शिवसेना के लिए काम करूंगा।''

हालाँकि, शिवसेना के सूत्रों ने दावा किया कि सोमवार को महायुति नेताओं के बीच कोई निर्धारित बैठक नहीं थी और कहा कि पार्टी इस मामले में गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी, भाजपा द्वारा निर्धारित बैठक का इंतजार कर रही है।

उधर, मुंबई रवाना होने से पहले रविवार को अपने गांव में पत्रकारों से बात करते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा, 'मैं पहले ही कह चुका हूं कि बीजेपी नेतृत्व सीएम पद पर जो फैसला लेगा, वह मुझे और शिवसेना को स्वीकार्य होगा और उसे मेरा पूरा समर्थन होगा।' श्रीकांत शिंदे ने डिप्टी सीएम बनने की किसी भी चर्चा से साफ इनकार किया है।

बीजेपी ने पर्यवेक्षक नियुक्त किये

बीजेपी ने महाराष्ट्र विधायक दल की बैठक के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। विधायक दल की बैठक में विधायक अपने नेता का चुनाव करेंगे, जो संभवत: राज्य का अगला मुख्यमंत्री होगा।

यह घटनाक्रम एनसीपी प्रमुख अजित पवार द्वारा पुष्टि किए जाने के दो दिन बाद आया है कि मुख्यमंत्री भाजपा से होगा, जिसमें एनसीपी और शिवसेना दोनों के उपमुख्यमंत्री होंगे। शिवसेना और एनसीपी ने एकनाथ शिंदे और अजित पवार को अपने विधायक दल का नेता चुन लिया है, लेकिन मुख्यमंत्री उम्मीदवार के नाम की आधिकारिक घोषणा को लेकर गतिरोध अभी भी जारी है।

महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर की शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में मुंबई के आजाद मैदान में होने वाला है। महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले ने नई महायुति सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की पुष्टि की। 23 नवंबर को घोषित महाराष्ट्र चुनाव परिणामों में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति ने निर्णायक जीत हासिल की। ​​भाजपा 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।

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