राहुल ने क्यों कहा, इतने तानाशाहों के नाम 'M' से क्यों शुरू होते हैं?
किसानों के मुद्दे पर मोदी सरकार को निशाने पर लेते रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दुनिया के तानाशाहों का ज़िक्र करते हुए एक ट्वीट किया है। राहुल ने ट्वीट में लिखा कि इतने सारे तानाशाहों के नाम 'M' से क्यों शुरू होते हैं? राहुल ने उन तानाशाहों की एक सूची भी बनाई है। उसमें मार्कोस, मुसोलिनी, मिलोशेविच, मुबारक, मोबुतु, मुशर्रफ और माइकॉम्बेरो के नाम शामिल हैं।
Why do so many dictators have names that begin with M ?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 3, 2021
Marcos
Mussolini
Milošević
Mubarak
Mobutu
Musharraf
Micombero
राहुल ने इस ट्वीट में यह साफ़ नहीं किया है कि उन्होंने यह ट्वीट किस संदर्भ में किया है और उनका इशारा किनकी ओर है। क्या उनका यह ट्वीट म्यांमार में तख्तापटल के संदर्भ में है? हालाँकि हाल के दिनों के उनके ट्वीट को देखें तो ऐसा नहीं लगता है क्योंकि किसी भी ट्वीट में म्यांमार में तख्तापलट का ज़िक्र नहीं है। बता दें कि म्यांमार में सेना ने सोमवार को फिर से तख्तापटल दिया है। सेना ने देश की सर्वोच्च नेता और स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची समेत कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है। सेना ने एक साल के लिए आपातकाल लगा दिया है।
हाल के दिनों में राहुल गांधी ने जो ट्वीट किए हैं उनमें से अधिकतर किसानों और केंद्र सरकार से जुड़े हैं। उनमें भी किसानों के प्रदर्शन पर सरकार की सख़्ती को लेकर ट्वीट ज़्यादा ही हैं।
तानाशाही वाले ट्वीट से पहले राहुल ने चीन द्वारा सीमा पर स्थिति मज़बूत किए जाने को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा था। और उससे पहले दो फ़रवरी को ही उन्होंने एक ट्वीट में ट्विटर खातों को बंद करने की ख़बर का हवाला देकर सरकार पर आरोप लगाया था कि वह किसानों को चुप करने और कुचलने की कोशिश कर रही है।
इससे पहले 2 फ़रवरी के ही एक अन्य ट्वीट में राहुल गांधी ने सड़क पर दीवार बनाए जाने व कँटीले तार लगाए जाने की चार तसवीरों को ट्वीट किया था और लिखा था, 'भारत सरकार, दीवारें नहीं बनाएँ, ब्रिज बनाएँ!'
GOI,
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 2, 2021
Build bridges, not walls! pic.twitter.com/C7gXKsUJAi
इससे पहले राहुल ने चीन को लेकर और बजट को लेकर भी ट्वीट किया था। इससे पहले 31 जनवरी को राहुल गांधी ने पत्रकार मनदीप पूनिया की गिरफ़्तारी पर ट्वीट किया था कि 'जो सच से डरते हैं, वे सच्चे पत्रकारों को गिरफ़्तार करते हैं।'
जो सच से डरते हैं, वे सच्चे पत्रकारों को गिरफ़्तार करते हैं। pic.twitter.com/JIGkUUji92
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 31, 2021
वह केंद्र सरकार के नए कृषि क़ानूनों पर हमला करते रहे हैं। उन्होंने पिछले साल के अंत से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध कर रहे किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त की है। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली की हिंसा के बाद एक ट्विटर पोस्ट में उन्होंने कहा था कि एक पक्ष चुनने का समय है और वह लोकतंत्र का चयन करेंगे व किसानों के साथ खड़े होंगे।
30 जनवरी को एक ट्वीट में पुलिस सख्ती की तसवीरों को ट्वीट करते हुए लिखा था, 'मोदी सरकार का ट्रेडमार्क- अमानवीय अत्याचार!'
मोदी सरकार का ट्रेडमार्क- अमानवीय अत्याचार! pic.twitter.com/LL2KGeBTjg
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 30, 2021
राहुल ने अब ताज़ा ट्वीट में जिन तानाशाहों का नाम लिया है उन्हें पूरी दुनिया जानती है। राहुल ने मार्कोस नाम का ज़िक्र किया है। इसका पूरा नाम फर्डिनेंड इमैनुएल एड्रैलिन मार्कोस था जिसने फिलिपींस में सैन्य तानाशाही लागू की। मुसोलिनी इटली का एक राजनेता था जो देश में फासीवाद लाया था। सर्बिया का राजनेता स्लोबोदान मिलोशेविच को भी तानाशाही शासन के लिए जाना जाता है। होस्नी मुबारक मिस्र, कर्नल जॉसेफ मोबुतु कॉन्गो, जनरल परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान और माइकल माइकल माइकॉम्बेरो बुरुंडी में तानाशाही के लिए जाने गए।