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प्रधानमंत्री जी, गुजरात में ड्रग्स माफिया को कौन दे रहा संरक्षण: राहुल

प्रधानमंत्री जी, गुजरात में ड्रग्स माफिया को कौन दे रहा संरक्षण: राहुल

गुजरात में बार-बार सैकड़ों और हज़ारों करोड़ के ड्रग्स का फंडाफोड़ हो रहा है। पोर्ट पर भी ड्रग्स पकड़े गए। क्या कुछ कार्रवाई हुई? कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस पर प्रधानमंत्री से चार सवाल पूछे हैं।

गुजरात में बार-बार ड्रग्स पकड़े जाने के मामले में राहुल गांधी ने सीधे प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है और इस मामले में कार्रवाई नहीं किए जाने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने गुजरात के बंदरगाह पर ड्रग्स की बड़ी-बड़ी खेप पकड़े जाने पर पोर्ट के मालिक से पूछताछ नहीं होने और इस पूरे मामले में प्रधानमंत्री पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया है।

राहुल गांधी ने इस मामले में सीधे प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित करते हुए उनसे चार सवाल पूछे हैं। उन्होंने ट्वीट कर पूछा है कि गांधी-पटेल की भूमि पर ज़हर कौन फैला रहा है, पोर्ट मालिक से पूछताछ क्यों नहीं हुई, एनसीबी जैसी एजेंसियाँ क्या कर रही हैं और वे कौन लोग हैं जो माफिया 'मित्रों' को संरक्षण दे रहे हैं?

राहुल का यह ट्वीट तब आया है जब पिछले हफ़्ते ही वडोदरा शहर के पास एक निर्माणाधीन फैक्ट्री में छापेमारी के दौरान 225 किलोग्राम पार्टी ड्रग्स मेफेड्रोन जब्त कर छह लोगों को गिरफ्तार किया गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस ड्रग्स की क़ीमत 1,125 करोड़ रुपये बतायी जाती है। 

क़रीब एक महीने पहले गुजरात के आतंकवाद निरोधी दस्ते एटीएस ने कच्छ जिले के मुंद्रा बंदरगाह के पास एक कंटेनर से क़रीब 75 किलोग्राम हेरोइन जब्त की थी। उसकी क़ीमत अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में 375 करोड़ रुपये बताई गई थी। 

गुजरात का यह मुंद्रा बंदरगाह हाल में सुर्खियों में रहा है क्योंकि इस पोर्ट से अब तक कई बार ड्रग्स की बड़ी खेप बरामद हो गई है। मुंद्रा बंदरगाह गौतम अडानी के स्वामित्व वाले अडानी समूह के नियंत्रण में है, यानी उसका परिचालन यह कंपनी करती है। 

इसी साल मई में डीआरआई ने मुंद्रा बंदरगाह के पास एक कंटेनर से 56 किलोग्राम कोकीन जब्त की थी। इसकी कीमत क़रीब 500 करोड़ रुपये थी। डीआरआई ने इससे एक महीने पहले अप्रैल महीने में कच्छ में कांडला बंदरगाह के पास एक कंटेनर से 1,439 करोड़ रुपये की 205.6 किलोग्राम हेरोइन जब्त की थी।

लेकिन बंदरगाह पर ड्रग्स पकड़े जाने का मामला तब सुर्खियों में आया था जब पिछले साल सितंबर महीने में इसी मुंद्रा बंदरगाह पर नशीले पदार्थ हेरोइन का बहुत बड़ा जखीरा पकड़ा गया था। 

डीआरआई ने पिछले साल सितंबर में मुंद्रा बंदरगाह पर दो कंटेनरों से लगभग 3,000 किलोग्राम हेरोइन जब्त की थी। उसके बारे में माना जाता है कि यह अफगानिस्तान में तैयार हुई थी। इसकी अंतरराष्ट्रीय कीमत लगभग 21,000 करोड़ रुपये आंकी गई थी।

यह देश में पकड़ी गई अब तक की सबसे बड़ी ड्रग्स सप्लाई मानी जाती है। उस पोर्ट को संचालन करने के लिए ज़िम्मेदार अडानी समूह ने कंटेनरों के ज़ब्त किए जाने की पुष्टि की थी, लेकिन इसके साथ ही कहा था कि देश के किसी पोर्ट संचालक के पास कंटेनरों को खोलकर उनकी जाँच करने का अधिकार नहीं होता है। 

बंदरगाहों से लगातार ड्रग्स की बरामदगी को लेकर राहुल भी लगातार सवाल उठाते रहे हैं। इसी महीने की शुरुआत में राहुल ने मुंद्रा बंदरगाह से तीन बार ड्रग्स पकड़े जाने के मामले में कार्रवाई नहीं किए जाने पर मोदी सरकार पर निशाना साधा था। 

राहुल ने तब कहा था, 'गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर बरामद ड्रग्स- सितंबर 2021- 3000 किलोग्राम- 21000 करोड़ रुपये, मई 2022- 56 किलोग्राम- 500 करोड़ रुपये और जुलाई 2022- 75 किलोग्राम 375 करोड़ रुपये। डबल इंजन सरकार में बैठे कौन लोग हैं जो लगातार ड्रग्स-शराब माफिया को संरक्षण दे रहे हैं? गुजरात के युवाओं को नशे में क्यों धकेला जा रहा है?'

तब भी राहुल ने दो सवाल पूछे थे-

  • 'एक ही पोर्ट पर 3 बार ड्रग्स बरामद होने के बावजूद, उसी पोर्ट पर लगातार ड्रग्स कैसे उतर रही है?'
  • 'क्या गुजरात में कानून व्यवस्था ख़त्म है? माफिया को कानून का कोई डर नहीं? या ये माफिया की सरकार है?'

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