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पोलिंग बूथ पर बीजेपी के चुनाव चिह्न के साथ पहुंचे धामी और उनकी पत्नी

पोलिंग बूथ पर बीजेपी के चुनाव चिह्न के साथ पहुंचे धामी और उनकी पत्नी

चुनाव आचार संहिता के मुताबिक , पोलिंग बूथ के आसपास किसी भी पार्टी के पोस्टर, झंडे, चुनाव चिन्ह या चुनाव प्रचार से जुड़ी अन्य कोई सामग्री को नहीं लाया जा सकता। 

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनकी पत्नी गीता धामी पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा है। धामी और उनकी पत्नी पोलिंग बूथ पर बीजेपी का चुनाव चिन्ह लगा पटका पहनकर पहुंचे थे। धामी उधम सिंह नगर जिले की खटीमा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वह दो बार यहां से जीत चुके हैं। लेकिन इस बार इस सीट पर मुकाबला बेहद कड़ा है।

चुनाव आचार संहिता के मुताबिक पोलिंग बूथ के 200 मीटर के दायरे में किसी तरह का चुनाव प्रचार नहीं होना चाहिए। आचार संहिता के मुताबिक, पोलिंग बूथ के आसपास किसी भी पार्टी के पोस्टर, झंडे, चुनाव चिन्ह या चुनाव प्रचार से जुड़ी अन्य कोई सामग्री को नहीं लाया जा सकता। 

लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनकी पत्नी कमल निशान वाला पटका पहनकर पोलिंग बूथ पर पहुंचे और यह पूरी तरह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। धामी और उनकी पत्नी की इस फोटो को बीजेपी उत्तराखंड के ट्विटर हैंडल ने शेयर किया है।

धामी की पत्नी जब कमल निशान वाला पटका पहनकर पोलिंग बूथ पर पहुंचीं तो एनडीटीवी ने उनसे इस बारे में सवाल किया। जब उनसे कहा गया कि पोलिंग बूथ पर पार्टी का चुनाव चिन्ह लाने की अनुमति नहीं है तो उन्होंने कहा, सभी लोग पहन रहे हैं ऐसा कुछ नहीं है और इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता। 

गीता धामी ने कहा कि जिन लोगों ने मन बनाया है वे लोग समर्थन करेंगे और बीजेपी यहां जीत रही है।

इससे पहले आम आदमी पार्टी की ओर से खटीमा सीट से प्रत्याशी एसएस कलेर की पुष्कर सिंह धामी के साथ झड़प हुई और आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि पुष्कर सिंह धामी चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद खुलेआम पैसे बांट रहे हैं। पार्टी ने चुनाव आयोग से कहा है कि वह इस मामले का जल्द से जल्द संज्ञान ले और धामी की उम्मीदवारी को रद्द किया जाए। इससे जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है।

कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश में पहले चरण के चुनाव में मेरठ की सरधना सीट से बीजेपी के उम्मीदवार संगीत सोम अपनी पार्टी के चुनाव निशान वाली टोपी पहनकर पोलिंग बूथ के बाहर दिखाई दिए थे। वह बूथ के बाहर पत्रकारों से बात करते रहे और निश्चिंत होकर घूमते रहे थे। लेकिन चुनाव आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन पर संगीत सोम के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। 

मोदी भी फंसे थे

2014 के लोकसभा चुनाव में वोट डालने के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी की जैकेट पर कमल का चुनाव निशान था। इसे लेकर तब विवाद भी हुआ था। इसी तरह 2020 में बिहार के विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के प्रत्याशी प्रेम कुमार कमल चुनाव चिन्ह वाला मास्क पहनकर वोट डालने के लिए पहुंचे थे। 

तब प्रेम कुमार के खिलाफ चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किया गया था।

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