सिद्धू मूसेवाला की हत्या के आरोपी गैंगस्टर मनदीप सिंह तूफान और मनमोहन सिंह की रविवार को जेल में हत्या कर दी गई। तीसरे गैंगस्टर केशव बठिंडा की हालत नाजुक बताई जा रही है।
दरअसल, रविवार को पंजाब जेल परिसर में गैंगवार के दौरान दोनों कुख्यात गैंगस्टर मनमोहन और मनदीप सिंह तूफान मारे गए। मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि पंजाब के गोइंदवाल स्थित साहिब जेल में मनमोहन, केशव और मनदीप सिंह तूफान के बीच खूनी संघर्ष हुआ। तीनों कैदी गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई के गैंग से ताल्लुक रखते हैं।
सिंगर सिद्धू मूसेवाला की पिछले साल 29 मई को गैंगस्टरों ने पंजाब के मनसा जिले में गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को इस हत्या का मास्टरमाइंड बताया था। कनाडा में रह रहे बिश्नोई के साथी गोल्डी बराड़ ने फ़ेसबुक पोस्ट कर इस हत्या की जिम्मेदारी ली थी। आरोप लगाया जाता है कि मूसेवाला की हत्या के दौरान मनदीप घटनास्थल के आसपास ही मौजूद था।
एक रिपोर्ट के अनुसार पंजाब पुलिस की एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स ने पिछले साल 16 सितंबर को मनप्रीत सिंह उर्फ मणि रय्या और मनदीप सिंह उर्फ मनदीप तूफान को गिरफ्तार किया था। मनदीप सिंह तूफान यह अमृतसर के जग्गू भगवानपुरिया गिरोह का सदस्य था, पिछले साल 16 सितंबर में उसे सिद्धू मूसेवाला की हत्या में नाम आने के बाद गैंगस्टर विरोधी टास्क फोर्स ने तरनतारन से गिरफ्तार किया था। तूफान पर मूसेवाला के शूटरों को वाहन उपलब्ध कराने का आरोप था। मूसेवाला की हत्या से पहले वह हत्या, डकैती के कई मामलों में वांछित था। तूफान का नाम गैंगस्टर राणा कंडोवालिया की हत्या से भी जुड़ा था।
अपनी गिरफ्तारी से पहले, मणि रय्या और मनदीप सिंह तूफान ने अपने-अपने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया था। अपनी पोस्ट में मणि ने अपनी एक फोटो पोस्ट की और कैप्शन लिखा कि 'सभी लड़ाई इसे जीतने के लिए नहीं लड़ी जाती, कुछ यह दिखने के लिए लड़ी जाती है कि कोई लड़ रहा था'। तूफान ने एक न्यूज क्लिप साझा की थी और नशीली दवाओं की तस्करी में शामिल होने के आरोपों का खंडन किया था।
आज मारे गए दोनों गैंगस्टरों को लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का प्रमुख सदस्य माना जाता था जिसने मूसेवाला की हत्या को अंजाम दिया था। मूसेवाला ने मनसा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में 2022 पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ा था। लेकिन वह आम आदमी पार्टी के विजय सिंगला से चुनाव हार गए।
कुछ हफ्ते बाद मूसेवाला पर 29 मई, 2022 को हमला हुआ था। जब वह अपने वाहन में यात्रा कर रहे थे, मानसा जिले के जवाहरके गांव में हत्यारों ने उनकी एसयूवी को रोक लिया और उन पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। आप सरकार द्वारा अपना सुरक्षा कवर वापस लेने के ठीक एक दिन बाद उनपर यह हमला हुआ था।