कांग्रेस के तमाम नेता पार्टी आलाकमान की मुश्किलों को कम करने की बजाय बढ़ाने में लगातार दिलचस्पी ले रहे हैं। पंजाब में कांग्रेस बुरी तरह हार चुकी है, लेकिन वहां जंग जारी है। पंजाब प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने आज चन्नी का मुद्दा ट्वीट के जरिए फिर छेड़ दिया है। जाखड़ ने नतीजे आने के पांच दिनों बाद पंजाब में कांग्रेस आलाकमान द्वारा चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के पार्टी के फैसले की निंदा की।
कांग्रेस आलाकमान के फैसले का मजाक उड़ाते हुए जाखड़ ने ट्वीट किया: एक संपत्ति - क्या आप मजाक कर रहे हैं? (मतलब चन्नी क्या एक एसेट हैं) भगवान का शुक्र है कि उन्हें (चन्नी) सीडब्ल्यूसी में 'पीबीआई' महिला द्वारा 'राष्ट्रीय खजाना' घोषित नहीं किया गया, जिन्होंने उन्हें पहले स्थान पर सीएम के रूप में प्रस्तावित किया था। ऐसा लगता है कि जाखड़ एक खबर का उल्लेख कर रहे थे, जिसकी क्लिप उन्होंने अपने ट्वीट के साथ लगाई थी। जाखड़ ने लिखा - उनके लिए वो एक संपत्ति हो सकते हैं लेकिन पार्टी पर वह सिर्फ बोझ रहे हैं। शीर्ष नेतृत्व ने नहीं, बल्कि उनके (चन्नी) की अपनी लालच ने उन्हें और पार्टी को नीचे गिरा दिया।
जाखड़ इससे पहले भी पार्टी को मुश्किल में डाल चुके हैं। जब उन्होंने चन्नी पर हमला करते हुए ट्वीट किया था कि ईडी ने चन्नी के भतीजे से 10 करोड़ रुपये जब्त किए, सीएम ने रोना रोया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 6 फरवरी को लुधियाना के अपने दौरे के दौरान आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए चरणजीत सिंह चन्नी को पार्टी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने उसी दिन सक्रिय चुनावी राजनीति छोड़ने की घोषणा की थी।
हालाँकि, पंजाब में चन्नी को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उतारने का कांग्रेस का फैसला पार्टी को भारी पड़ा, क्योंकि चन्नी अपनी दोनों सीटों - चमकौर साहिब और भदौर - को आम आदमी पार्टी से हार गये। पार्टी कम से कम एक सीट पर चन्नी की जीत देखना चाहती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
सुनील जाखड़ इससे पहले भी पार्टी पर हमले करते रहे हैं। चुनाव के दौरान जाखड़ का एक विस्फोटक वीडियो सामने आया था। जाखड़ उस वायरल वीडियो में कुछ लोगों को संबोधित कर रहे हैं। जाखड़ कहते हैं कि उन्हें 42 विधायकों ने मुख्यमंत्री बनाने के लिए समर्थन दिया था जबकि 16 विधायक उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के, 12 विधायक महारानी परनीत कौर के, 6 नवजोत सिंह सिद्धू और 2 विधायक चरणजीत सिंह चन्नी के पक्ष में थे।जाखड़ पिछले साल के उस वक्त की बात कर रहे थे जब कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री के पद से हट गए थे और आलाकमान नए मुख्यमंत्री के नाम का चुनाव कर रहा था।
उस वक्त सुनील जाखड़ का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए आगे चल रहा था लेकिन यह खबर आई थी कि वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी ने कहा था कि पंजाब में मुख्यमंत्री सिख समुदाय से ही होना चाहिए। खुद अंबिका सोनी का नाम भी इस पद के लिए आगे था। एक बार तो सुखजिंदर सिंह रंधावा के नाम का एलान पार्टी करने ही वाली थी लेकिन अंत समय में कांग्रेस हाईकमान ने चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर मुहर लगा दी।