पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने गुरूवार को तमाम बढ़े एलान किए हैं। चन्नी ने मुख्यमंत्री बनते ही किसानों का बिजली बिल माफ़ करने का भी एलान किया था। इसके अलावा बिजली की दरों में कटौती की थी और सरकारी मुलाजिमों के लिए महंगाई भत्ता बढ़ाने का एलान किया था।
चन्नी ने चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेन्स में कहा कि राज्य सरकार ने फ़ैसला किया है कि जिन किसानों पर 2 लाख रुपये तक का कर्ज है, उनका कर्ज माफ़ कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार अगले 10-15 दिनों के बीच ये पैसा किसानों के खाते में डाल देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कैबिनेट ने फ़ैसला लिया है कि भूमिहीन मज़दूरों और दलित समुदाय के लोगों का भी कर्ज माफ़ किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस पर भी विचार कर रही है कि किसानों के बचे हुए सारे कर्ज को माफ़ कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि पंजाबी फिल्म और म्यूजिक इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए फ़िल्म और विकास परिषद बनाई जाएगी।
चन्नी सरकार ने हाल ही में 1925 सहायक प्रोफेसरों की सेवाओं के नियमितीकरण को मंजूरी दी थी। साथ ही, जालंधर और एसबीएस नगर जिले में दो सरकारी डिग्री कॉलेज बनाने की मंजूरी दी थी।
चन्नी के वादों को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने सवाल उठाया था। इस पर चन्नी ने कहा था कि सिद्धू के साथ उनका कोई टकराव नहीं है और सिद्धू को मुद्दे उठाने का पूरा हक है।
कंधों पर है बड़ी जिम्मेदारी
पंजाब में कांग्रेस को सत्ता में वापस लाने की बड़ी जिम्मेदारी चरणजीत सिंह चन्नी के कंधों पर है। चन्नी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी छवि जमीन से जुड़े आदमी की बनाई है। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने कई बड़े एलान कर चुनाव में लीड लेने की कोशिश की है लेकिन मुश्किल यह है कि उन्हें अपने घर के अंदर से ही चुनौती मिल रही है।
सिद्धू के अलावा सुनील जाखड़ भी मुख्यमंत्री न बन पाने के कारण नाराज़ दिखाई देते हैं। लेकिन चन्नी सधे क़दमों से आगे बढ़ रहे हैं। चन्नी का कहना है कि उन्होंने ग़रीबी देखी है और वे वही काम कर रहे हैं जो ग़रीब, मिडिल क्लास, किसान, व्यापारियों, छात्रों के लिए ज़रूरी हैं। वे ख़ुद को आम आदमी कहते हैं।
पंजाब में चन्नी पहले नेता हैं, जो दलित समुदाय से मुख्यमंत्री बने हैं। कांग्रेस हाईकमान भी चाहता है कि चन्नी पार्टी को सत्ता में लेकर आएं।