कोरोना: नांदेड़ लिंक ने बढ़ाई पंजाब की मुसीबत, महाराष्ट्र-पंजाब आमने-सामने

04:51 pm May 04, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

पंजाब में अब तक कोरोना संक्रमण के कुल मामलों में से 55 फ़ीसदी महाराष्ट्र के नांदेड़ से आए सिख श्रद्धालुओं के हैं। राज्य में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की तादाद 1102 हो चुकी है, इनमें से 609 सिख श्रद्धालु हैं। रविवार को पंजाब में जो 331 मामले सामने आए, उनमें से 270 मामले नांदेड़ के सिख श्रद्धालुओं के थे। पंजाब में नवांशहर इलाक़ा पहला हॉट स्पॉट बन चुका है, जहां से अब तक 85 मामले सामने आ चुके हैं। 

4 हज़ार से ज़्यादा सिख मार्च में लॉकडाउन शुरू होने के बाद से नांदेड़ स्थित गुरुद्वारे में फंसे हुए थे। पंजाब लौटने पर इनमें से लगभग 200 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इससे पंजाब सरकार की मुश्किल बढ़ गई है। 

इस मामले में महाराष्ट्र और पंजाब की सरकार आमने-सामने है। महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि नांदेड़ के गुरुद्वारे में मौजूद लोगों का कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया था और इसके बाद ही उन्हें यहां से पंजाब जाने की अनुमति दी गई थी। उनका कहना है कि सिखों को पंजाब छोड़कर नांदेड़ वापस लौटे दो ड्राइवर भी कोरोना से संक्रमित हो गए हैं। 

नांदेड़ के अधिकारियों का कहना है कि सिख श्रद्धालु यहां से जाते वक्त रास्ते में संक्रमित हो गए होंगे। क्योंकि ये हॉट स्पॉट वाले इलाक़ों जैसे - इंदौर, भीलवाड़ा से होते हुए गए थे। 

महाराष्ट्र सरकार ने झूठ बोला: अमरिंदर 

दूसरी ओर, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नांदेड़ से आए सिख श्रद्धालुओं के मामले में महाराष्ट्र सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। अमरिंदर ने ‘आज तक’ के ई-एजेंडा कार्यक्रम में कहा, ‘महाराष्ट्र सरकार ने नांदेड़ से लौटे लोगों के बारे में हमें बताया कि उन लोगों का तीन बार टेस्ट किया जा चुका है लेकिन जब हमने उन लोगों का टेस्ट किया तो उनमें से लगभग 200 लोग कोरोना पॉजिटिव निकले।’ 

अमरिंदर सिंह ने कहा कि अगर महाराष्ट्र सरकार हमें बता देती कि इन लोगों का कोरोना टेस्ट नहीं किया गया है तो हम पहले ही ज़रूरी क़दम उठाते।

अमृतसर (218) में सबसे ज़्यादा कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, इसके बाद जालंधर (124) और लुधियाना (121) का नंबर है। 

पिछले हफ़्ते सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख़्त के प्रमुख ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा था कि वह इस बात को लेकर डरे हुए हैं कि सिख श्रद्धालुओं को तब्लीग़ी जमात के लोगों की तरह अपमानित किया जा रहा है और ऐसा लगता है कि पूरी क़ौम को निशाना बनाया जा रहा है।